पड़ोसी पनवाड़ी को घर बुलाकर मैं उसके लन्ड की दिवानी हुई

फिर उसने मेरे ब्लाउज के बटन खोले और मेरे बूब्स को आजाद कर दिया और मेरे रसीले बूब्स को अपने होंठों में लेकर वो चूमने, चाटने और मसलने लगा. इस सब में मुझे एक अलग ही एहसास आ रहा था और मैं ‘आह आह’ करके सिसकियां ले रही थी. फिर उसने मेरे पेटीकोट का भी नाड़ा खोल दिया और मुझे नंगा कर दिया. इधर मैंने भी उसकी अंडर वियर निकाल दी और सारे कपड़े बेड से नीचे जमीन पर फेंक दिये…

हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम श्वेता है और मैं 34 साल की हूँ. दोस्तों, मेरा रंग गोरा है और काले घने बालों के साथ मेरा फिगर भी मस्त है जोकि 34-30-36 का है. जिसे देख कर किसी का भी लंड खड़ा होता है.

दोस्तों, मेरी शादी 7 साल पहले हुई थी. मेरे घर में अब मैं, मेरे पति और मेरा 6 साल का एक बेटा है.

अब मैं आपका समय जाया न करते हुए अपनी कहानी पर आती हूँ. मेरे पति एक सरकारी ऑफिसर हैं और उनकी ड्यूटी हमारे शहर से दूर एक गांव में है. वो रोज सुबह 8 बजे घर से निकलते हैं. मेरा बेटा पहली कक्षा में है और वह रोज सुबह 10 बजे स्कूल जाता है. इसलिए 10 बजे के बाद मैं घर में अकेली ही रहती हूँ.

हमारे घर के सामने एक पानवाले की दुकान थी. पहले मैं उसके बारे में बता देती हूँ. वो काले रंग का है लेकिन दिखने में काफी तगड़ा है. कुछ समय पहले ही उसकी बीवी उसको छोड़ कर किसी और के साथ भाग गयी थी. अब वो बेचारा भी अकेला रहता था.

रोज जब मैं कपड़े धोकर सुखाने बाहर आती थी तो वह मेरा पसीने से भीगा हुआ शरीर देख कर बहुत खुश होता था. उसकी बीवी के चले जाने के बाद से शायद उसकी वासना पूरी नहीं हो पाई थी. कई दिन तक ऐसे ही चलता रहा. वो मुझे रोज देखता लेकिन मैं उसको देख कर इग्नोर कर देती थी.

एक दिन मैंने लाल कलर का गोल गले का ब्लाउज पहना था. उस ब्लाउज में मेरे बूब्स बहुत अच्छे दिख रहे थे और कुछ बाहर की तरफ भी निकल रहे थे. उस दिन जब मैं कपड़े सुखाने के लिए नीचे झुकती थी तो उसको मेरी चूचियां भी दिखाई दे जाती थी. जिन्हें देख कर वो बहुत कामुक हो रहा था.

फिर उसने मेरी तरफ देख कर इशारे में ही मुझसे कहा कि आज आप बहुत सुन्दर और सेक्सी दिख रही हो. उस दिन न जाने मुझे उसका वो कहना बहुत अच्छा लगा. उस दिन मैं दिन भर उसी के ख्याल में डूबी रही और बाहर आते – जाते उसकी तरफ देख लेती थी. इस पर वो भी मुझे कामुक नजरों से देख कर स्माइल दे देता. अब मैं भी उसकी तरफ देख कर स्माइल देने लगी.

फिर मैंने वैसा ही एक ब्लैक कलर का ब्लाउज सिलाया और जब बाहर निकलती तो जानबूझ कर उसके सामने झुकती ताकि उसे मेरे बूब्स दिखाई दे जाएं. उस दिन मुझे भी उससे चुदवाने की इच्छा हो रही थी. फिर मैंने उसको इशारा करके अपने घर में बुलाया तो वो अच्छे से नये कपड़े पहन कर और तैयार होकर आ गया.

उस दिन मैंने भी एक लाल कलर की ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन रखी थी और उसका इंतजार कर रही थी. जब वो आया तो मैंने दरवाजा खोल दिया. वो बस मुझे देखता ही रह गया. क्योंकि ट्रांसपेरेंट साड़ी से मेरा ब्लैक ब्लाउज और मेरी क्लीवेज पूरी तरह से दिख रही थी.

अब मैंने उसको बैठने को कहा और पानी लेने अपनी गांड हिला कर चलने लगी. वो मेरी गांड को पीछे से देखता ही रह गया. फिर वो मेरे पीछे – पीछे आ गया और किचन में मुझे पीछे से पकड़ कर मेरी गर्दन को चूमने लगा. यह देख कर मैंने उससे कहा, ‘आखिर आपको मेरे मन की बात समझ आ ही गयी’.

फिर मैंने भी उसकी तरफ मुंह किया और उसके होंठों को चूमने लगी. अब हम दोनों 5 मिनट तक किस करते रहे. फिर उसने मेरे पल्लू को नीचे गिराया और ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को मसलने लगा. मुझे उसके बड़े और कड़क हाथों से अपने बूब्स दबवाने में बड़ा मजा आ रहा था.

फिर मैंने उसके शर्ट की बटन को खोल दिया और उसकी शर्ट निकाल कर उसके सीने की खुशबू लेने लगी. फिर मैं उसके बालों से भरे सीने को को चूमने लगी. ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब उसने मेरी साड़ी निकाल दी. जिससे अब मैं सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई थी.

फिर उसने मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया. बेडरूम में जाकर मैंने उसके पैंट की चैन खोल कर उसको निकाल दिया. अब वो मेरे सामने बस अंडर वियर में रह गया था. उसका वो काला और तगड़ा बदन मुझे और ज्यादा कामुक और उत्तेजक बना रहा था.

फिर उसने मेरे ब्लाउज के बटन खोले और मेरे बूब्स को आजाद कर दिया और मेरे रसीले बूब्स को अपने होंठों में लेकर वो चूमने, चाटने और मसलने लगा. इस सब में मुझे एक अलग ही एहसास आ रहा था और मैं ‘आह आह’ करके सिसकियां ले रही थी. फिर उसने मेरे पेटीकोट का भी नाड़ा खोल दिया और मुझे नंगा कर दिया. इधर मैंने भी उसकी अंडर वियर निकाल दी और सारे कपड़े बेड से नीचे जमीन पर फेंक दिये.

अब पहली बार मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी. उसको देख कर तो मैं घबरा गयी. उसका लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. फिर उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. तो मैं बिलकुल भी देर न करते हुए रंडियों की तरह उसका लंड चूसने लगी. अब वो भी मेरी चूत की तरफ घूम गया और मेरी चूत को चूसने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गयी.

अब मैंने उसके लंड को चूस – चूस कर चमका दिया था और फिर उसने मेरी टाँगों को फैला कर मेरी चूत को खोल दिया और फिर मेरी चूत पर अपने लंड का टोपा रगड़ने लगा. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसको कहा, “जानू, अब और नहीं रुका जा रहा है. प्लीज, अब मेरी इस चूत की प्यास को शांत कर दो”.

मेरा इतना कहना था कि उसने एक झटका मारा. जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं ‘आह्ह्ह’ करके चिल्ला उठी. तो उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरी आवाज को शांत कर दिया. ऐसे ही 4-5 धक्के देने के बाद उसका काला लण्ड मेरे गोरी और गुलाबी चूत में पूरा घुस गया.

अब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि किसी ने मेरी चूत में गरम, मोटा लोहे का रॉड डाल दिया हो. फिर उसने कुछ और धक्के दिये और फिर लंड को मेरी चूत में अंदर – बाहर करने लगा. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं भी गांड उठा कर उसका साथ दे रही थी.

करीब 10मिनट तक लगातार उसके मस्त लन्ड से चुदनेके बाद मैं झड़ गयी लेकिन फिर वो और जोर से अंदर – बाहर करने लगा. अब मैं ‘आह्ह आह्ह्ह’ करके सिसकियाँ ले रही थी. ऐसे 15 मिनट चोदने के बाद उसने कहा, “मैं झड़ने वाला हूँ. कहाँ निकालूं?” यह सुन कर मैंने उसको कहा, “जानू, अंदर ही छोड़ दो”.

फिर उसने अपना सारा वीर्य मेरे चूत के अंदर ही छोड़ दिया. चूंकि उसने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था इसलिए उसके लन्ड से बहुत सारा वीर्य निकल कर मेरी चूत में भर गया. मेरी चूत उसके वीर्य से भर गयी थी और कुछ वीर्य बाहर भी आ रहा था.

अब मैं बहुत थक गई थी और फिर हम वैसे ही नंगे – नंगे दो घण्टे के लिए एक – दूसरे से चिपक कर सो गये. बाद में फिर वो अपने दुकान चला गया.

अब जब भी मेरा या उसका चुदाई का मन होता है तो मैं उसको घर बुला कर चुदवाती हूँ. मुझे उसके लंबे तगड़े लंड की अब लत लग गयी है इसलिए अब मुझे मेरे पति के लंड से मजा नहीं आता है.