बायोलॉजी वाली मैडम की गांड और चुत चुदाई की

मेरा नाम मयूर है और ये सेक्स कहानी तब की है, जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था. मैं वैसे तो किसी भी दिन कॉलेज पूरा नहीं करता था.. जल्दी अपने कमरे पर आ जाता था.

एक दिन मैंने सुना कि बायोलॉजी के सर को कॉलेज से निकाल दिया गया है. मुझे बाद में पता चला कि सर की वजह से प्रिंसिपल की बेटी को गर्भ ठहर गया था. मैं इस बारे में सुनके मन ही मन हंस पड़ा.. और मैं अपने रूम पे चला गया.

मैं शाम को 7 बजे अपने कमरे की छत पर घूम रहा था कि मेरे मकान मलिक ने मुझे आवाज़ दी और नीचे बुलाया. मैं गया तो नीचे एक बड़ी सी वैन खड़ी थी. मुझे मकान मलिक ने सामान उतारने में मदद करने को कहा और हमने मिलकर सामान मेरे बाजू वाले एक रूम वाले सैट में रख दिया.

मैंने जब उनसे पूछा कि यहां कौन रहने आ रहा है?
मकान मलिक ने कहा- एक मैडम जी हैं, वे बहुत पढ़ी लिखी हैं. वे रहने आ रही हैं.
यह सुन कर मैं चला गया.

दो दिन बाद मैं शाम को कॉलेज से वापस आया तो मैंने देखा कि एक बेहद ही खूबसूरत और स्टाइलिश लेडीज सैंडल का जोड़ा मकान मालिक के दरवाजे के पास रखा था. मैंने सोचा अगर ये सैंडल इतनी अच्छी हैं तो इसे पहनने वाली कितनी खूबसूरत होगी. मैं मन ही मन उसे देखने को बेकरार हो गया. यही सोचते हुए मैं मेरे रूम में चला गया और पढ़ाई करने लगा. कुछ देर बाद मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई और मुझे आवाज़ आई- प्लीज़ हेल्प मी प्लीज़..

मैंने दरवाजा खोला, उस वक्त मैं लोवर पहने हुआ था. सामने मैंने जब उन मैडम को देखा तो कसम से ऐसा लगा कि कोई जन्नत की परी मेरे सामने खड़ी है.

वो इतनी गोरी थीं कि मैं उनकी चमक दमक को देखता ही रह गया. उनके चूचे साफ साफ खुद ही अपनी साइज़ बता रहे थे. तभी एक हल्की सी हवा के झोंके से जब मैडम के पेट से साड़ी ऊपर को उठी तो मैडम की नाभि देख कर मैं एकदम पागल हो उठा.
मैं लड़खड़ाते हुए बोला- जज..जज्जी क्या हुआ क्या हेल्प चाहिए आपको?

मैडम जी ने कहा कि मेरे रूम का पंखा बहुत स्लो चल रहा है और गर्मी भी बहुत हो रही है. तुम्हें अगर कोई प्राब्लम नहीं हो तो क्या आज रात मैं तुम्हारे रूम को शेयर कर सकती हूँ?
मैंने कहा- जी बिल्कुल मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.
मैंने अपना पलंग मैडम को पेश कर दिया.. और मैं नीचे फर्श पर दरी बिछा कर लेट गया.

हम दोनों में थोड़ी सी औपचारिक बातचीत हुई जिसमें मुझे ये मालूम हो गया कि वे अकेले ही रहती हैं और काफी बिंदास हैं.

मैडम के पास आने पर एक बहुत की मदहोश कर देने वाले पर्फ्यूम की महक आ रही थी. मैंने मैडम के लिए सोने का बंदोबस्त किया और खुद भी लाइट बंद करके लेट गया.

तभी मैडम ने आवाज़ दी- प्लीज़ थोड़ी सी रोशनी करे रखना, मुझे अँधेरे से डर लगता है.
मैंने नाइट लैम्प जला दिया, जो बिल्कुल मैडम के विपरीत दिशा में था.

फिर हम दोनों सो गए, मैंने थोड़ी देर बाद मैडम को देखा तो उस नाइट लैम्प की लाइट में मैडम बहुत ही सुन्दर लग रही थीं.

मैं तो पागल हो गया था. मैं उठा और रूम के बाहर आ गया. मैंने देखा कि मैडम की सैंडल बाहर ही रखी हुई थीं. मैंने एक सैंडल उठाई और उसे सूंघने लगा. उन सैंडलों में से तक बहुत ही मदमस्त कर देने वाली खुशबू आ रही थी.

मुझसे रहा नहीं गया तो मैं मैडम की सैंडल को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा और एक हाथ से मुठ मारने लगा. कुछ देर बाद मैंने अपना माल सैंडल पे ही छोड़ दिया और फिर मैं सोने चला गया.

दूसरे दिन रविवार था. मैं उठकर दूध लाने गया. जब मैं वापस आया तो मैंने देखा कि मैंने सैंडल पे डाला हुआ माल मैडम जी अपनी खूबसूरत उंगलियों से साफ कर रही थीं और उसी उंगली को वो अपने मुँह में डाल रही थीं. मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैंने हल्का सा खंखारने की आवाज़ करके मैडम को चौंका सा दिया. मैडम झेंपते हुए कमरे में चली गईं.

कुछ देर बाद मैडम नहा कर तैयार हो गईं. मैं तो कब का तैयार होकर नीचे पेपर पढ़ रहा था.
तभी मैडम ने मुझे आवाज़ दी- मयूर, तुम जरा ऊपर आओ.

मैं गया तो मैडम ने काली साड़ी पहनी हुई थी. उन्हें देखते ही मैंने कहा- मैं दो मिनट में आता हूँ.
मैं झट से बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा. कुछ देर बाद मैं बाहर आया तो मैडम ने कहा- शाम को तुम और मैं बाहर खाना खाएंगे.

रात को हम दोनों कार से होटल गए और खाना खाते खाते मैडम ने एकदम से कहा- कल रात मेरे सैंडल पे तुम ने ही नॉटी नॉटी किया था ना..!
मैं एकदम से चौंक गया.

मैंने कहा- क्या नॉटी नॉटी? ये आप किस बारे में बात कर रही हैं?
तो मैडम ने सीधे बोला- कल मेरी सैंडल में तुम्हीं ने अपने लंड का माल डाला था, मैंने देखा था.

मैं ये एकदम खुल्ला सुन कर शरम से पानी हो गया. मैं चुप रहा और खाना खाता रहा. फिर खाना खाने के बाद हम कार में बैठे और मैडम ने एक कार पार्किंग में कार को पार्क किया.
उन्होंने बोला- तो क्या करना है?
मैंने कहा- क्या करना है मतलब? अब तो हमें घर ही जाना है ना!
मैडम ने कहा- मयूर, तुम तो कुछ भी नहीं समझते हो.

मैं चूतियों सा आँखें झपका रहा था.
तभी मैडम ने कहा- कार के शीशे ऊपर चढ़ा लो.
मैंने वैसा ही किया.

फिर मैडम ने कहा कि तुम अपनी आँखें बंद करो.
मैंने आँखें बंद की और उसी वक्त मैडम ने मेरे होंठों को किस किया. मैंने आँखें खोलीं तो मैडम ने पूरी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी थी.

क्या मस्त स्मेल आ रही थी मैडम के मुँह से.. आह.. मैं तो पूरा दीवाना हो गया था. मैं भी अब जोरों से किस करने लगा.
मैडम ने सीत्कारते हुए कहा- मयूर, धीरे से करो..
हम दोनों ने मजे से चुम्बन करना चालू कर दिया.

कुछ देर बाद मैडम बोलीं- अब बाकी खेल रूम पर करेंगे.. चलो अब चलते हैं.

हम रूम पर आ गए. मैंने मैडम को एक झटके में अपनी ओर खींचा और जमक़े किस करने लगा.
मैडम ‘उउउन्ह.. आह..’ करने लगीं. मैडम मेरे मुँह में अपनी लार डाल रही थी. मैंने ये जान लिया था कि मैडम जितनी सुंदर हैं उतनी ही सेक्स में डर्टी भी हैं. मुझे भी डर्टी सेक्स पसंद है.

फिर मैडम ने कहा- मयूर, मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
मैंने फट से पेंट उतारी और तभी मैडम ने मुझे धक्का दे कर पलंग पर गिरा कर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं.

धीरे से मेरे लंड को किस करते हुए कहा- आज रात मैं जैसे कहूँगी, वैसे ही करना, ओके..!
मैंने लंड चुसाते हुए सर हिलाया.

मैडम ने मेरा पूरा लंड चूस चूस कर टाइट कर दिया. मैडम मेरे लंड को अपने मुँह में किसी रंडी की तरह लेकर चूस रही थीं. वे अपनी जुबान से लंड के सुपारे को सहलातीं और थूक डाल कर मुँह में अन्दर तक लेकर लंड चूसतीं.

कुछ देर बाद की लंड चुसाई के उपरान्त मैडम मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे मुँह के पास आकर बोलीं- मुँह खोलो.

मैडम ने मेरे मुँह में एक गिलास में पहले से बना हुआ रस जैसा कुछ डाला और कहा- पी लो.
मैंने पूरा पी लिया.
मैडम ने अपनी निक्कर निकाल कर मेरे मुँह पर अपनी चुत टिका दी.

अब वो चुत मेरे मुँह पर रख कर घिसने लगीं.

वाह क्या पोजीशन थी.

मैं ज़ुबान निकाल कर मैडम की चुत को चाटने लगा. मैडम का दाना थोड़ा बड़ा सा था, मैं उस दाने को अपने दांतों में लेकर मींजने लगा था.

मैडम मादक सिसकारियां ले रही थीं. वे कातर भाव चुदासी सी बोलीं- मयूरर.. में बहुत गरम हो गई हूँ.. जल्दी करो.. अब इंतज़ार नहीं होता.
मैंने मैडम की गांड के छेद में उंगली डाली, तो वो चिल्ला दीं- पागल.. उधर नहीं.. उधर नहीं मयूर..

मैं कहां मानने वाला था. मैंने पूरी उंगली डाल दी और मैडम की गांड में उंगली घुमाने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने जब उंगली निकाली तो मैडम की थोड़ी सी टट्टी मेरी उंगली पर लग गई थी.

मैं उनकी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो मैडम ने कहा- चख के तो देखो.. फिर बार बार मांगोगे.
मैंने खा लिया.. सच में बहुत टेस्टी थी.

मैंने दो तीन बार ऐसे ही किया. अब मैडम ने मुझे अपने ऊपर ले लिया और कहा- चोदो जल्दी.. अब इंतज़ार नहीं होता.

मैंने उंगली दिखाते हुए कहा- मैडम मुझे वो और चाहिए.
मैडम ने कहा- सुबह ले कर मन भर लेना.. अभी मुझे चोदो.

मैंने लंड को सीधा चुत में डाल दिया.

मैडम एकदम से घुस जाने से चिल्ला पड़ीं- उई मयूरर्र.. उउउइमाँहह मर गई.. आह कितना मोटा है.. आह डोंट स्टॉप बेबी.. और ज़ोर से चोद दे मेरी चुत पर रहम मत करना.. आह.. मजा आ गया.. मुझे कुतिया की तरह चोद दे… आह..

कुछ देर मैडम की फुद्दी बजाने के बाद मैंने कहा- मैडम गांड में डालूँ?
तो मैडम ‘नहीं..’ बोलीं.
मैंने उनकी बात को न मानते हुए लंड एक झटके में चुत से खींच कर उनकी गांड में पेल दिया.

तो मैडम की आँखों में से पानी निकल आया और वो कराहते हुए बोलीं- बस और अन्दर नहीं.. वरना मैं मर जाऊंगी मयूर..र.. तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.. मेरी गांड पर रहम खाओ.

लेकिन मैंने मैडम की मखमली गांड को बहुत ज़ोर से चोदा. कुछ ही देर में मैडम की गांड मेरे लंड का मजा लेने लगी. अब मैंने दो उंगलियों से मैडम की चुत के दाने पकड़ा और मसलने लगा. मैडम को डबल मजा आने लगा और कुछ ही देर में मैडम एकदम से अकड़कर बोलीं- आह मयूर मेरी जान.. मैं छूटने वाली हूँ. अपना मुँह मेरी चुत के पास लाओ.

मैंने वैसे ही किया तो मैडम ने चुत का पानी मेरे मुँह में डाल दिया. मैं पूरा पी गया और मैडम को फिर से चोदने लगा.
‘आअहह उफफ्फ़ मयूर.. मैं तो बस ऐसे ही चुदना चाहती थी.. आह.. और चोदो मुझे..’

रात भर में मैंने मैडम को चार बार चोदा.

सुबह उठ कर मैं नहाने चला गया तो मैडम भी साथ में आ गईं. बाथरूम में हम दोनों ने फिर से जमकर चुदाई की.

अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो मैं शॉक हो गया कि जिस मैडम को मैंने चोदा था, वही मैडम हमारी कॉलेज में हमें बायोलॉजी पढ़ाने आई थीं.

मैडम ने मेरी तरफ देखा और आँख मारी और मेरे असाइनमेंट बुक में लिखा कि आज रात कुछ तूफानी हो जाए.

मेरा लंड खड़ा हो गया.

बस अब तो मेरी रोज ही चांदी थी. मैडम की चुत मेरे लंड से खूब दोस्ती करती और चुदती रहती थी.

ये मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी प्लीज़ मुझे जरूर बताना.
सूरज कुमार