बड़ी गांड वाली भाभी की चुदाई

आजकल युवाओं और किशोरों को हमउम्र लड़कियों की बजाय आंटियाँ और भाभियाँ ज्यादा पसंद आने लगी हैं. इस का एक कारण शायद उनका भरा- पूरा गदराया बदन हो सकता है. ऐसी ही एक मांसल देह वाली और भारी नितम्बों वाली भाभी की कहानी है ये…….

हेलो दोस्तो मेरा नाम किंशुक हैं और मैं जयपुर मे रहकर पढ़ाई करता हूँ। मेरा कद 5 फ़ीट 11 इंच हैं और दिखने मे भी काफी स्मार्ट हूँ। मेरे लन्ड का साइज़ 8 इंच है। मेरे कॉलेज की बहुत सी लडकियाँ मुझसे दोस्ती करना चाहती हैं पर मुझे उनमे कोई इंटरेस्ट नही है, क्योंकि दोस्तों मुझे भाभियों और आन्टियों मैं ज्यादा दिलचस्पी है।

एक बार मैं अपनी छत पर टहल रहा था तो मेरे फ्लैट के ठीक सामने वाली फ्लैट की छत पर एक खूबसूरत भाभी कपडे सुखा रही थी। वो बार बार मुझे तिरछी निगाहों से घूरे जा रही थी. मैंने भी उन्हें एक प्यारी सी स्माइल पास कर दी। वो कुछ देर बाद नीचे चली गयी ।मैं भी नीचे आ गया और काफी देर तक भाभी के बारे मे सोचता रहा। उनके बदन का माप 34-32-38 रहा होगा। उसके बारे में सोचते हुए मेरा लन्ड कड़क हो गया पर उसमे से वीर्य की 4-5 बूंदे मेरे अंडरवियर मे गिर गयी। मैंने तय कर लिया की भाभी की चूत तो मैं लेके ही रहूंगा।

एक दिन सुबह मैं कॉलेज जाने के लिए घर से जैसे ही निकल रहा तो मैंने देखा वो ही भाभी सामने से आ रही थी. शायद वो मार्केट से आ रही थी. क्योंकि उनके हांथो मे काफी सारा सामान था। मैंने उनको हाय कहा तो उन्होंने भी मुझे एक प्यारी सी स्माइल दी। अब मैंने उनसे कुछ मदद के लिए पूछा तो उन्होंने एक सब्जियों का थैला पकड़ने के लिए बोला। हम दोनों बातें करते हुए आगे चलने लगे। उन्होंने अपना नाम पाखी बताया। उनके पति काम के सिलसिले मे ज्यादातर बाहर ही रहते थे और कभी-कभार ही आते थे।

मैंने उनको घर तक छोडा और कॉलेज के लिए जाने लगा, तो उन्होंने कहा- पहली बार घर आये हो चाय तो पीकर जाओ।

मैंने कहा- अभी नही भाभी! फिर कभी. अभी मैं लेट हो रहा हूँ।

उन्होंने कहा- ठीक है. पर शाम को जरूर आना।

मैंने कहा- ठीक हैं भाभी!

फिर मैं कॉलेज आ गया। आज का दिन मुझे अपनी ज़िन्दगी का सबसे लम्बा दिन लग रहा था। जैसे-तैसे शाम हुई. मैंने कॉलेज से आते समय दो कंडोम के पैकेट ले लिये। मैंने सोच लिया था की आज चाहे कुछ भी हो जाये भाभी की चूत मार के ही रहूँगा।

शाम के 7 बजे होंगे तो मैंने उनके दरवाज़े पर दस्तक दी। उन्होंने अंदर से ही पूछा- कौन है?

मैंने कहा भाभी मैं किंशुक।

उन्होंने कहा- अभी आती हूँ।

थोड़ी देर मे भाभी ने जैसे ही दरवाज़ा खोला तो मैं उन्हें देखता ही रह गया। उन्होंने पिंक नेट वाली साडी और पिंक हाफ स्लीव्स ब्लाउज पहन रखा था। ब्लाउज में से उनकी बगल के छोटे छोटे बाल दिख रहे थे।

मुझे यूँ घूरते देख उन्होंने कहा- क्या हुआ?

मैंने कहा- कुछ नहीं.

और फिर हम अंदर चले गए।उनका घर काफी बड़ा था। उन्होंने मुझसे कहा की मैं अभी चाय बना कर लाती हूँ और वो अपनी गांड मटकाते हुए रसोई मे चली गयी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे आवाज़ दी. मैं तुरंत रसोई मे गया.

मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी?

उन्होंने कहा- मैं जब तक खाना बनाती हूँ, तुम यहीं बैठ कर चाय पीओ। मेरा मन लगा रहेगा और तुम भी अकेले बोर नही होवोगे।

मैं स्लैब पर बैठकर चाय पीने लगा।

उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड हैं?

मैने कहा- एक भी नही।

उन्होंने कहा – तुम जैसे स्मार्ट लड़के की एक भी गर्लफ्रेंड नही है, यकीन नही होता।

मैंने कहा- सच में नही हैं। क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?

तो मुझे देखने लगी और बोली- हाँ! क्यों नही?

ये सुनते ही मैंने उन्हें गले से लगा लिया। उनके बदन से एक अलग ही महक आ रही थी. जिसने मुझे पागल कर दिया मैंने अपने होंठों को उनके होठों से लगा दिया और उनके रस को पीने लगा. ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा.

वो मुझसे कहने लगी- अभी नही, बाद में! अभी मुझे खाना तो बना लेने दो।

मैंने कहा- अब और इन्तजार नही हो रहा है भाभी।

उन्होंने कहा की मैं उन्हें भाभी नही पाखी बुलाऊ।

मैने कहा- ठीक है पर अभी बैडरूम मे चलते हैं।

वो बोली- तुम नहीं मानोगे, चलो!

बेडरूम में आते ही मैं उन पर टूट पड़ा। वो बोली- आराम से करो. मैं कहीं भागे थोड़े जा रही हूँ. अभी पूरी रात है हमारे पास।

मैंने उनका ब्लाउज उतार दिया. पाखी ने नीचे रेड ब्रा पहनी हुई थी. मै ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा वो जोर-जोर से आअअ…. उउउउ…. ईईईई की आवाज़े निकाल रही थी। अब मैंने उसकी ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया और मस्ती मे उसके पूरे बदन को चाटने लगा। उसकी बगल के बालों को चाट रहा था. वो मेरे इस तरह चाटने से पागलो की तरह बड़बड़ा रही थी।

उसने भी एक हाथ से मेरे पैंट की ज़िप खोल दी और जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया तो बोली- ओ माय गॉड!! इतना लंबा और इतना मोटा लन्ड मैंने कभी नही देखा। मेरे पति का लंड तो इसका आधा भी नही है।

मैंने कहा- पाखी डार्लिंग!! अब यह तुम्हारा है. इसे जी भर के प्यार करो.

इतना सुनते ही वो उस पर टूट पड़ी और अपने मुँह में लेके चाटने लगी। मेरा लन्ड उसके मुँह में नहीं आ रहा था. तो मैं उसके बालों को पकड़ के झटके देने लगा। लगभग 20 मिनट तक वो मेरे लन्ड को पीती रही. तभी मेरे लंड ने अपना लावा उसके मुँह में छोड़ दिया. जिसे वो पी गयी। अब मैने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके पेटीकोट को उतार दिया। उसने नीचे काली नेट वाली पैंटी पहनी हुई थी. जिसमे से उसकी छोटी-छोटी झाटें साफ़ दिखाई दे रही थी. मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी को फाड़ दिया और उसकी चूत को चाटने लगा.

उसकी चूत मे से लिसलिसा सा पानी निकल रहा था. जिसे मैं पिये जा रहा था। वो बोली अब उससे रहा नही जा रहा है. अब डाल भी दो अपना लण्ड और बना दो मेरी चूत को अपने लन्ड की दीवानी। मैंने अपने लंड को जैसे ही उसकी चूत पर टिकाया वो छटपटाने लगी. मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके जैसे ही पहला झटका लगाया, वो दर्द के मारे चीखने लगी। मैंने लंड को बाहर निकाला तो वो बोली- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, थोडा धीरे से अंदर डालो।

मैंने कहा- ठीक है।

अब मैंने अपने लंड को धीरे से उसकी चूत में डाल दिया और फिर धीरे-धीरे झटके मारने लगा. थोड़ी देर में मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब पाखी भी अपनी गांड को उठा कर मेरा साथ दे रही थी। वो अपने मुँह से मादक किस्म की आवाज़े निकाल रही थी. आआआआआ…. ईईईईईई… उउउउ… मर गई!!! ओओओओ…. और जोर से….. मेरे राजा!! हहहल.. फाड़ डालो मेरी चूत को ऊऊऊऊऊ……

थोड़ी देर मैं वो झड़ गयी। लेकिन मैं अभी भी धक्के लगाये जा रहा था. वो निढाल होके बेड पर पड़ी हुई थी। थोड़ी देर मैं मैंने पाखी से कहा को जान मैं आने वाला हु तो उसने कहा की मेरी चूत मे ही डाल दो. मैं तुम्हारे लण्ड के पानी को अपनी चूत मे महसूस करना चाहती हूँ। थोड़ी देर बाद मैंने अपने लण्ड का पानी उसकी चूत मे छोड़ दिया और उसकी बगल मैं लेट गया।

उसने अपनी ब्रा से मेरे लण्ड को साफ़ किया और नंगी ही खाना बनाने चली गयी। लगभग 15 मिनट बाद मैं भी रसोई मे चला गया और उसके पीछे जाके खड़ा हो गया. उन्होंने मुझे देखा तो कहने लगी- क्या? कुछ चाहिए?

मैंने उनकी गांड की तरफ इशारा किया तो वो मना करने लगी।

मैंने कहा- आप अपना काम करती रहो, मैं अपने आप ले लूँगा।

वो बोली- तुम बड़े बदमाश हो. मानोगे नहीं. ठीक हैं ले लो।

मैंने उनके गाल पर एक किस ली और कहा -आप कितनी अच्छी हो भाभी।

मेरा लण्ड अभी सोया हुआ था तो मैंने कहा- भाभी पहले इसे खड़ा तो कर दो.

उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथ मैं ले के ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया और मेरे लंड़ के सुपाडे को मुँह में लेके चूसने लगी ।थोड़ी ही देर मैं ही मेरा लण्ड खड़ा हो के लहराने लगा।मैंने अपनी जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और उन्हें दे दिया तो वो मुझसे पूछने लगी – ये तुम्हारे पास कहाँ से आया?

तो मैंने कहा- मैं अपनी पैंट की जेब मे हनुमान चालीसा और कंडोम हमेशा रखता हूँ. क्योंकि चूत और भूत का कोई पता नही. जाने कब मिल जाए?

तो वो बोली- तुम तो बहुत स्मार्ट हों।

उन्होंने कंडोम को मेरे लौडें पर सेट किया और फिर से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. जिससे की मेरा लण्ड और कड़क हो गया।

मैंने कहा- अब आप अपना काम कर लो.

वो खाना बनाने लगी। मैंने पीछे से अपना 8 ऊँच का लण्ड उनकी गद्देदार गांड में डाला तो वो चिल्लाने लगी – अर्र्र्रर…..उफफ्फ्फ्फ़….निकालो इसको! मुझे नही करवाना ये सब. बहुत दर्द होता हैं।

मैंने कहा- कोई बात नही है. अबकी बार मैं बड़े आराम से डालूँगा।

मेरे बार- बार मनाने पर वो मान गयी। अबकी बार मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था तो मैंने स्लैब पे उन्हें लिटा दिया और वहीँ पास में रखा हुआ सरसो का तेल लेके उनकी गांड में लगाया जिससे की उनकी गांड चिकनी हो गयी। फिर मैंने अपना लण्ड, भाभी की चिकनी गांड में डाल दिया और धक्के पे धक्के लगाने लगा. मैने उनकी एक टांग उठा के अपने कंधे पे रख ली ।पूरी रसोई मे से धपाधप की आवाज़ आ रही थी। भाभी भी अपनी अपनी गांड चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी।

उनकी ऊऊऊऊऊ आआआआ ईईईई….. चोद दो मेरी गाँड!! आआआआआ मेरे राजा!! तुम तो कमाल की गांड मारते हो…. ये कहना मेरा जोश और बड़ा रहा था ।थोडा देर मे मैंने अपना लण्ड निकाला और उनके हाथो में दे दिया उन्होंने पहले कंडोम उतारा और लण्ड को मुँह में लेके पीने लगी। कुछ देर में मेरे लण्ड ने सारा लावा उनके मुँह में ही छोड़ दिया जिसे वो सफाचट कर गयी।

बाद मे हम दोनों एक साथ नहाये और फिर खाना खाया। पूरी रात मैंने उनकी इतनी चुदाई की, कि इतना तो उनके पति ने उन्हें 6 सालो में नही चोदा था। सुबह उनकी हालत चलने के लायक भी नही थी। अब उनका पति जब कभी लंबे टूर पर होता, तो मैं और पाखी पति-पत्नी की तरह रहते थे. मैं उनकी मनचाहे तरीके से चूत मारता था और वो भी मुझे मना नही करती थी। धन्यबाद । जरूर बताये आपको ये कहानी कैसी लगी।