अनजान लड़की को मुझसे प्यार हुआ

sex stories in hindi

मेरा नाम आर्यन है मैं शामली का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 26 वर्ष है। मैं शामली में स्कूल में पढ़ाता हूं। मैं अपने घर से ही जाता हूं। मेरा स्कूल एक प्राइवेट स्कूल है और वह आठवीं तक है। मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई के बाद ही वहां पर पढाना शुरू कर दिया था और मैं हमेशा ही अपने घर से अपने स्कूल बस से ही जाता हूं, जब मैं स्कूल से फ्री होता हूं तो उसके बाद मैं अपने घर भी बस से ही लौटता हूं। मेरे पिताजी अपनी दुकान से चलाते हैं, वह मोहल्ले में ही दुकान चलाते हैं और जब से वह रिटायर हुए हैं उसके बाद से ही वह दुकान चला रहे हैं। मेरी मां भी घर पर ही सारा काम करती है और मेरी बहन भी घर पर ही मां के साथ मदद कर देती है। मेरी बहन ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है क्योंकि वह पढ़ने में बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी इस वजह से वह स्कूल में फेल हो गई थी और वह आगे पढ़ाई नहीं कर पाई।

मेरी बहन मुझसे बड़ी है। मेरे पिताजी को बहुत चिंता होती थी कि इसकी शादी किस प्रकार होगी क्योंकि वह ज्यादा पढ़ी लिखी भी नहीं है और ना ही वह दिखने में इतनी सुंदर है इसीलिए मेरे माता-पिता बहुत ही चिंतित रहते हैं। उसकी शादी जल्दी हो जाती तो अच्छा रहता परंतु उसकी शादी के लिए हमें कोई भी उचित लड़का नहीं मिल रहा था। मैं एक दिन अपने स्कूल से वापस लौट रहा था और उस दिन मेरे बगल वाली सीट पर एक लड़की बैठी हुई थी, वह शामली पहली बार ही आई थी। उसने मुझसे पूछा कि क्या आप मुझे यह एड्रेस बता सकते हैं, मैंने उसके फोन पर वह एड्रेस देखा और उसे बताया कि मैं भी उधर ही रहता हूं, मैं आपको अपने साथ ही ले चलूंगा। हम दोनों बस में साथ ही बैठे हुए थे। मैंने उस लड़की का नाम पूछा, उसका नाम रुही है, वह मुंबई की रहने वाली है और अपने किसी रिश्तेदार के घर शादी में आई हुई थी। मैंने रूही से पूछा कि तुम पहली बार शामली आए हो, वह कहने लगी हां मैं पहली बार ही श्यामली आई हूं। मैंने उससे पूछा कि आप अपने रिश्तेदार के घर कुछ काम से जा रही हैं या ऐसे ही उनसे मिलने आई है, वह कहने लगी कि मैं उनके घर शादी में आई हूं क्योंकि मेरे माता-पिता शादी में नहीं आ पाए इस वजह से मुझे शादी में आना पड़ा। रूही मुंबई में ही रहती है और वहीं से उसकी पढ़ाई हुई है।

मैंने रुही से पूछा कि क्या तुम करती हो, वह कहने लगी मैं मुंबई में ही जॉब करती हूं लेकिन अभी मैंने अपने ऑफिस से काफी समय के लिए छुट्टी ली है क्योंकि मैं चाहती हूं कि कुछ समय मैं यहीं घूम लूं। मैंने उसे कहा यह तो बहुत अच्छी बात है की तुमने अपना घूमने का विचार बनाया है। अब हम लोग अपने स्टॉप पर पहुंच गए। मैंने रूही से कहा कि हम लोगों को यही उतरना पड़ेगा, हम लोग वही पर उतर गए और उसके बाद हम लोग वहां से पैदल जाने लगे, 10 मिनट पैदल चलने के बाद रुही के रिश्तेदार का घर आ गया और वह मुझे कहने लगी आप ने मेरी बहुत मदद की है नहीं तो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चल पाता। मैंने रही से कहा कि मेरा घर भी यही से कुछ दूरी पर है यदि आपको कुछ भी आवश्यकता हो तो आप मुझे बता दीजिए। रूही ने मेरा नंबर ले लिया और उसके बाद वह अपने रिश्तेदार के घर चली गई और मैं वहां से अपने घर के लिए आ गया। मैं अपने घर पहुंचा तो मेरी बहन की तबीयत बहुत खराब थी और मेरी मां बहुत चिंतित हो रही थी, वह कह रही थी कि तुम्हारी बहन की तबीयत काफी खराब है यदि तुम उसे हॉस्पिटल ले जाओ तो अच्छा रहेगा। मैंने अपनी बहन से पूछा कि तुम्हें क्या दिक्कत हो रही है, वह कहने लगी कि मुझे सुबह से चक्कर आ रहे हैं और मुझे बहुत कमजोरी महसूस हो रही है। मैं उसे हॉस्पिटल ले गया और जब मैं उसे हॉस्पिटल में ले गया तो डॉक्टर ने उसका चेकअप किया। जब डॉक्टर ने उसका चेकअप किया तो डॉक्टर मुझे कहने लगे कि तुम्हारी बहन तो गर्भवती है, मैं यह सुनकर बहुत ही ज्यादा गुस्से में हो गया और मैंने अपने पिताजी को फोन किया, मेरे पिताजी तुरन्त अस्पताल आए तो वह मुझे कहने लगे कि तुम यह क्या बोल रहे हो। मैंने अपने पिताजी से कहा कि आप डॉक्टर से ही बात कर लीजिए। जब उन्होंने डॉक्टर से पूछा तो डॉक्टर भी कहने लगे कि हां वह गर्भवती है। पिताजी भी बहुत गुस्से में थे और मेरे पिताजी मेरी बहन से बहुत गुस्से में बात कर रहे थे।

उन्होंने उससे पूछा तो उसने सब कुछ सच-सच बता दिया। मेरे पिताजी को उसने बताया कि हमारे पड़ोस में एक लड़का रहता है, उसके और मेरे बीच में काफी समय से रिलेशन है। मेरे पिताजी ने उस लड़के को फोन किया और वह तुरंत ही अस्पताल में आ गया, जब वह अस्पताल में आया तो मेरे पिताजी ने उसे दो तीन थप्पड़ भी मार दिये और वह बहुत गुस्से में भी थे लेकिन वह लड़का चुप था, वह कुछ भी नहीं कह रहा था। मेरी भी उससे ज्यादा बातचीत नहीं होती थी क्योंकि वह मुझसे बड़ा है। मेरे पिताजी उसे कहने लगे कि अब आगे क्या करना है, तो वह कहने लगा कि मैं शालू से शादी करने को तैयार हूं। मेरे पिताजी ने उसके घर वालों को भी बुलाया और उसके बाद जब उसके घर वाले आए तो वह भी बहुत शर्मिंदा थे। वह लोग कहने लगे कि हम लोग शालू को अपनी बहु बनाने के लिए तैयार हैं। वह लोग मान चुके थे इसीलिए जल्दी बाजी में कुछ दिनों बाद ही पिताजी ने उस लड़के से शालू की शादी करवा दी और शालू शादी के बाद घर पर नहीं आई क्योंकि वह बहुत ही शर्मिंदा थी। पिताजी भी बहुत गुस्से में थे और मेरी मां भी बहुत दुखी थी। मेरे पिताजी उसके बाद ज्यादा किसी से भी बात नहीं कर रहे थे। इस घटनाक्रम को ज्यादा दिन नहीं हुए तो इस वजह से यह शादी बहुत जल्दी बाजी में हुई और मैं भी उसके बाद अपने स्कूल नहीं गया।

मैं अपने घर पर ही था और उसके कुछ दिन बाद रुही का फोन आया, मैंने जब उसका फोन उठाया तो पहले मैंने उसे पहचाना नहीं क्योंकि उसका नंबर मेरे पास सेव नहीं था, जब उसने कहा कि मैं रुही बोल रही हूं, तब उसने मुझे कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहती हूं क्योंकि मैं कुछ दिनों बाद मुंबई लौट रही हूं। मैंने उसे फोन पर पूछा कि क्या तुम्हारे रिश्तेदार की शादी हो चुकी है, वह कहने लगी कि हां शादी तो हो चुकी है इसलिए मैंने सोचा कि मैं तुम्हें फोन कर दूं, क्योंकि कुछ दिनों बाद हो सकता है मैं दिल्ली चली जाऊ और दिल्ली से ही मैं मुंबई निकल जाऊ। मैंने उसे कहा ठीक है हम लोग मिल लेते हैं। मैं जब रुही से मिलने गया तो हम लोग एक रेस्टोरेंट में ही बैठे हुए थे। वहां पर हम लोग काफी बात कर रहे थे। बात बात में मैंने उससे अपनी बहन का भी जिक्र कर दिया और वह कहने लगी कि यह तो बहुत ही गलत हुआ। मैंने उसे कहा कि मेरे पिताजी इस बात से बहुत दुखी हैं और वह किसी से भी ज्यादा बात नहीं कर रहे। रुही मुझे समझाने लगी, वह कहने लगी कि अब यह सब तो हो चुका है इसलिए इस बारे में सोच कर ज्यादा फायदा नहीं है, तुम अपने जीवन को आगे बढ़ाओ और अपने काम पर ध्यान दो। मुझे जब रुही ने इस प्रकार से समझाया तो मुझे काफी अच्छा लगा क्योंकि मैं भी काफी ज्यादा तनाव में था। मेरे दोस्त भी मुझसे मेरी बहन के बारे में पूछते रहते थे और मेरे पास कुछ भी जवाब नहीं होता था इसी वजह से मैंने स्कूल जाना भी छोड़ दिया था। मैंने रूही से पूछा कि क्या तुम दिल्ली से ही मुम्बई चली जाओगी। वह कहने लगी हां मैं वहीं से निकल जाऊंगी, मैं दिल्ली से मुंबई फ्लाइट से जाऊंगी। मुझे कहीं ना कहीं रूही के जाने का भी दुख हो रहा था। मैंने उस दिन उसका हाथ पकड़ लिया और उसे कहा कि मुझे जब तुम पहली बार दिखी तो मुझे तुमसे मिलकर बहुत खुशी हुई। वह भी मुझे कहने लगी कि मुझे भी तुमसे मिलकर खुशी हुई थी इसीलिए मैंने तुम्हें फोन किया। जब मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसका हाथ बहुत गर्म हो चुका था। वह पूरे मूड में थी वह मुझे कहने लगी कि हम दोनों किसी होटल में चलते हैं आज वहीं रुकेंगे और उसके बाद वहां से मैं कल दिल्ली चली जाऊंगी। हम दोनों उसके रिश्तेदार के घर से सामान ले आया और उसके बाद हम दोनों होटल में चले गए।

जब हम लोगों ने होटल में रुम लिया तो मैंने रूही को पूरा नंगा कर दिया। उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह में समा लिया और बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मेरे लंड को अपने गले तक उतार रही थी। उसने मेरे लंड को इतने अच्छे से चुसा कि मेरा पूरा पानी निकल गया और वह उसने वह सब अपने अंदर समा लिया। मैंने उससे बिस्तर पर लेटाया तो उसका शरीर पूरा गरम था और जब मैंने उसके स्तनों को चूसा तो मुझे एक अलग प्रकार की फीलिंग आने लगी। जैसे ही मैं उसके निप्पल को अपने मुंह में लेता तो उसकी उत्तेजना पूरी चरम सीमा पर पहुंच जाती। मैंने उसकी चूत पर उंगली लगा दी और मैं उसकी योनि को भी सहलाने लगा उसकी योनि से पानी निकल रहा था। मैंने उसकी चूत को अपने मुंह से चटाना शुरू कर दिया। मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपने होठों को लगाया तो वह मचलने लगी और उसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। उसने मुझे कहा कि मुझसे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा तुम मेरी योनि में अपने लंड को डाल दो। मैंने जैसे ही उसकी नरम और मुलायम योनि पर अपने लंड को रखा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। मैंने धीरे-धीरे उसकी योनि के अंदर अपना लंड प्रवेश करवा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो उसे बहुत अच्छा महसूस होने लगा और उसकी योनि से खून भी बाहर आने लगा। मेरा लंड उसकी चूत की पूरी गहराइयों में जा चुका था और वह मुझे बहुत अच्छे तरीके से फील कर रही थी। मैंने भी उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और उसकी योनि के अंदर तक मैं धक्के दे रहा था। उसे बहुत अच्छा लग रहा था वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी और मुझे कह रही थी तुम मुझे बहुत ही अच्छे से चोद रहे हो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। लेकिन मैं उसकी योनि की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया और मेरा वीर्य उसकी योनि में गिर गया और वह अगले दिन दिल्ली निकल गई। लेकिन उसके बाद में उससे मिलने मुंबई भी गया और मैंने वहां उसे बहुत अच्छे से चोदा।