अगले दिन फिर कल्लू सेठानी को चोद रहा था तो सेठ जी ने उसको उसकी बीवी की चुदाई करते हुए देख लिया. मगर सेठानी ने भी सेठ को देख लिया और उसको चुप रहने के लिए कहा.
बाद में सेठ ने सेठानी से सवाल किया तो वो बोली- तुम्हारे लंड से प्यास नहीं बुझती. आप ही बताओ कि मैं क्या करती. कल्लू का लंड बहुत दमदार है. मुझे शांत कर देता है.
अब सेठ जी ही मजबूर हो गए। अब तो कल्लू का जिस दिन मन होता वो सेठानी की मोटी गांड और चूत पेल देता।
एक दिन सेठानी कहीं गई थी और कल्लू उन्हें चोदने घर गया तो उनकी लड़की घर पर थी.
अनु ने बताया कि मम्मी बाहर गई है तो कल्लू अनु को देख कर वहीं ठहर गया.
वो उसके जिस्म को घूरने लगा.
अनु भी चालू थी.
वो कल्लू की नजर को भांप गयी और अपनी चूचियों पर हाथ फेरते हुए बोली- चाय पिओगे क्या?
कल्लू बोला- दूध नहीं है क्या तुम्हारे पास?
कातिल मुस्कान के साथ अनु ने कहा- वो तो तुम्हें निकालना पड़ेगा.
कल्लू- तो फिर चलो न?
अनु- मेरे पीछे आओ.
वो दोनों ऊपर वाले कमरे में गये और जाते ही एक दूसरे के जिस्मों से लिपटने लगे. दो मिनट के अंदर ही कल्लू अनु को नंगी कर चुका था और खुद भी नंगा हो चुका था.
अब अनु उसके सामने चूत खोलकर लेट गयी. कल्लू जवान लड़की की चूत चाटने लगा. वो कुत्ते की तरह मज़े से चूत चाटने लगा और अनु की चूत में जीभ डाल कर उसे चोदने लगा।
अनु उसका सिर पकड़ कर सहलाने लगी और पागल हो गई- ओह कल्लू … बस कर … निकल गया … आह … आह … आह।
अनु की चूत ने पानी छोड़ दिया. कल्लू उसे चाटता रहा.
वो बोली- अब चोद भी ले.
कल्लू ने उसकी चूत पर लंड को रखा और लंड अंदर पेलकर चोदने लगा.
अनु की चूत ने भी उसके लंड का स्वागत किया और मस्ती में चुदने लगी. दोनों सिसकारने लगे.
अनु मज़े से चूत में लंड पिलवा रही थी। अनु ने कल्लू की गांड पर हाथ मार कर उसे तेज तेज धक्के लगाने को बोला.
कल्लू ने भी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी तो अनु फिर से झड़ गई।
अब भी कल्लू उसे चोद रहा था तो अनु बोली- थोड़ी देर पीछे भी कर दे!
कल्लू ने अपना लंड निकाला और अनु को उल्टा लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया.
उसने अनु की गांड पर लंड लगाया और धीरे धीरे लंड को अंदर सरका दिया.
अनु पहले भी गांड चुदाई करवा चुकी थी शायद. उसको गांड में लंड लेने में खास परेशानी नहीं हुई.
गांड में लंड देने के बाद कल्लू फिर से राजधानी ट्रेन की रफ्तार से चोदने लगा।
अनु मज़े से सिसकारी भर कर आवाज निकाल कर गांड चुदाई करवा रही थी।
नौकर कल्लू ने आधे घंटे की चुदाई का फल उसकी गांड में ही निकाल दिया।
लड़की की गांड चुदाई करके अब कल्लू दुकान पर वापस आया तो सेठ जी ने पूछा कहां गया था?
तो कल्लू बोला- खांड खाने गया था.
ये बोलकर वो हंसने लगा.
सेठ जी गुस्से से बोले- अरे पुरानी बोरी में से ही खा लेता, नई बोरी क्यों फाड़ दी?
ये सुनकर कल्लू की गांड फट गयी. सेठ जी उसे अनु को चोदते हुए देख लिया था.
वो डर गया और बोला- सेठ जी, वो नई बोरी मैंने नहीं फाड़ी, वो तो पहले से ही फटी हुई थी.
सेठ अब सोच में पड़ गया कि उसकी बेटी किससे चुदवा रही है?
खैर, कल्लू का काम तो हो गया था. सेठ की ठरक और कल्लू की चुदास दोनों ही सेठानी और उसकी बेटी की चूत की दुश्मन हो गयी थी.
दोस्तो, ये थी गांव की देसी नौकर सेक्स स्टोरी. आपको स्टोरी में मजा आया हो तो मैसेज में जरूर बतायें. मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा.