बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद उसका दोस्त

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मेरा नाम सोनिया है मैं अजमेर की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 25 वर्ष है, मैं कंपनी में काम का काम करती हूं और मुझे कम्पनी में काम करते हुए 6 महीने हो चुके हैं। मुझे वहां पर मेरे एक रिश्तेदार ने नौकरी लगवाई थी क्योंकि मैं घर में खाली बैठी हुई थी और वह कहने लगे कि यदि तुम कहीं नौकरी कर लोगी तो तुम्हारा खर्चा भी निकल जाया करेगा, इसी वजह से मैंने सोचा कि क्यों ना मैं नौकरी कर लूं। जब मैंने नौकरी की तो मुझे वहां पर काफी अच्छा लगा क्योंकि मुझे समय पर तनख्वाह मिल जाती थी और मैं उसमें से कुछ पैसे अपने घर पर दे देती थी। जिससे कि मेरे परिवार का भी खर्चा निकल जाया करता था।

मेरे पिताजी छोटी-मोटी नौकरी करते हैं और उनकी कमाई से घर का खर्चा नहीं चल पाता इसीलिए मैंने नौकरी का फैसला किया था। जब मैं जॉब कर रही थी तो इसी दौरान मेरी एक लड़के से मुलाकात हुई, उसका नाम अरमान है अरमान और मेरी मुलाकात के बाद हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़ने लगा। अरमान ने मुझे प्रपोज कर दिया और मैं भी उसे मना नहीं कर पाई। अरमान और मैं एक साथ बहुत खुश थे। हम दोनों ही साथ में घूमने के लिए जाते थे और ज्यादा से ज्यादा समय साथ में ही बिताते। अरमान मुझे हमेशा ही फोन करता रहता था और कई बार वह मुझे मेरे घर से मेरे ऑफिस तक भी छोड़ दिया करता था। अरमान ने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया, उसके सारे दोस्तो से नर परिचय हुआ और वह सब मेरी बहुत ही रिस्पेक्ट करते थे। अरमान का एक बहुत ही अच्छा दोस्त है, जिसका नाम संजय है। उससे भी मेरी दो-तीन बार मुलाकात हो चुकी थी इसलिए मैं संजय को भी अच्छे से पहचानती थी। संजय भी बहुत अच्छा और शरीफ लड़का है, वह जब भी मुझसे मिलता है तो हम लोग बहुत अच्छे से बात किया करते हैं और संजय हमेशा ही पूछता कि तुम दोनों शादी कब कर रहे हो लेकिन अरमान हमेशा ही बात को टाल देता और कहता कि कुछ समय बाद हम दोनों शादी कर लेंगे।

मेरे और अरमान के बारे में मेरे घर वालों को भी पता था, उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि अरमान एक अच्छे घर से था, वह अरमान एक अच्छी नौकरी भी करता है इसीलिए मेरे घर वालों को उससे कोई भी आपत्ति नहीं थी और वह अरमान से मेरी शादी करवाने के लिए तैयार थे। एक दिन अरमान ने मुझे कहा कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए लड़की देख ली है, मैंने जब उससे पूछा कि हम दोनों के रिलेशन के बारे में तुम अब क्या सोचते हो, वह कहने लगा कि मैं तो तुमसे ही शादी करना चाहता था परंतु मेरे घर वालों ने मेरे लिए कोई दूसरी लड़की देख ली है, वह उससे ही मेरी शादी करवाना चाहते हैं और मैं अपने घरवालो के खिलाफ नही जा सकता। जब अरमान ने मुझसे यह बात कही तो मुझे बहुत ही बुरा लगा और मैंने उसके बाद अरमान से बिल्कुल ही बात करनी बंद कर दी। उसके बाद ना तो मैंने अरमान से कभी कोई संपर्क किया और ना ही उसने मुझसे कभी संपर्क करने की कोशिश की। मुझे एक बार अरमान मिला भी था लेकिन मैंने उससे बात नहीं की और वह मुझे कहने लगा की क्या तुम्हें मुझसे बात करने में कोई समस्या है, मैंने उसे कहा कि अब मैं तुमसे बात ही नहीं करना चाहती, ना ही मुझे तुमसे कोई संपर्क रखना है लेकिन वह उस दिन मुझे रेस्टोरेंट में ले गया और वहां बैठकर हम लोगों ने काफी देर तक बात की। अरमान ने मुझे समझाया कि मेरी भी कुछ मजबूरियां है इसी वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता। मैंने उससे पूछा क्या तुमने सगाई कर ली है, वह कहने लगा हां मेरी सगाई हो चुकी है और कुछ समय बाद ही मेरी शादी हो जाएगी। मुझे उस दिन बहुत ही बुरा लगा लेकिन मैं अरमान को कुछ भी नहीं कह पाई। अरमान मुझे कह रहा था कि मैं भी तुमसे प्रेम करता हूं लेकिन मेरी मजबूरी को यदि तुम समझ जाओ तो मुझे कोई दुख नहीं होगा क्योंकि मैं भी नहीं चाहता कि मैं तुम्हारा दिल दुखाऊँ। मैंने अरमान से कहा कोई बात नहीं है यदि तुम किसी और लड़की से शादी करना चाहते हो तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, तुम्हारी अपनी खुद की जिंदगी है और तुम्हें अपना फैसला लेने का पूरा हक है। वह मुझसे कहने लगा कि मैं तो तुमसे अब भी प्यार करता हूं लेकिन मेरे घर वाले मेरी शादी कहीं और करवा रहे हैं इसलिए मैं तुम्हारा साथ नहीं दे सकता। मैंने अरमान से कहा ठीक है, मैं तुम से बिल्कुल भी गुस्सा नहीं हूं। हम लोगों ने उस दिन काफी देर बात की।

उसके बाद अरमान ने मुझे मेरे घर छोडा और फिर वह अपने घर निकल गया। कुछ समय बाद ही अरमान की शादी हो गई लेकिन अरमान जब भी मुझे मिलता तो हमेशा ही मुझसे बात करता था। अब मैं भी उससे बात करने लगी थी हम दोनों अभी भी अच्छे दोस्त हैं। मुझे अब किसी के साथ भी रिलेशन में नहीं रहना था इसलिए मैं अब इन चीजों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचती और सिर्फ अपने काम पर ही ध्यान देती थी। मैं अपने काम में इतना ज्यादा बिजी हो गई कि मैंने इन सब चीजों के बारे में सोचना ही छोड़ दिया और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। मेरे घर वाले भी मुझे कहते कि तुम इतना काम मत किया करो। मैं ऑफिस में भी बहुत देर तक रहती थी और देर से ही घर आती थी। मैंने अब सब लोगों से अपना संपर्क तोड़ लिया था। मैं ज्यादा किसी के साथ भी बात नहीं करती थी। मैं जब अपने ऑफिस जाती तो मुझे आने में लेट हो जाती थी इसलिए मैं अपने घर में आकर सो जाती थी। एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रही थी, उस दिन मुझे संजय मिला और संजय ने उस दिन मुझसे बात की और मेरे बारे में पूछने लगा।

संजय को भी पता था कि अरमान और मेरा रिलेशन खत्म हो चुका है और अरमान की शादी भी हो चुकी है। उस दिन संजय ने मुझे कहा कि मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूं। संजय ने उस दिन मुझे मेरे घर छोड़ दिया और मेरे पास भी संजय का नंबर था। जब उसने मुझे मेरे घर छोड़ा तो मैंने उसे थैंक्स का मैसेज भेज दिया। संजय ने भी मुझे रिप्लाई किया और उसके बाद संजय मुझसे मिलने लगा। अब हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई थी लेकिन मैं और संजय सिर्फ दोस्ती तक की सीमित है इसके आगे मैं कभी भी अपने रिलेशन को नहीं बढाना चाहती थी। संजय को भी यह बात अच्छे से मालूम थी इसीलिए उसने मुझसे कभी भी इस बारे में बात नही की। संजय ने एक दिन मुझसे पूछा कि क्या तुम्हें कभी अरमान की याद आती है, मैंने उसे कहा कि अरमान ने जो भी किया वह उसके घरवालों का फैसला था इसलिए उसने शादी कर ली। मुझे अब उस चीज का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता और ना ही मैं इस बारे में अब सोचती हूं। संजय और मेरी बातें अब काफी होती थी और संजय मुझे अच्छे से समझता भी है। मुझे जब भी कोई आवश्यकता होती तो संजय हमेशा ही मेरी मदद करता था। जिस प्रकार से संजय मेरी मदद करता था। मुझे यह भी पता था कि संजय के दिल में मेरे लिए कुछ तो चल रहा है लेकिन हम दोनों ने ही कभी भी इस रिलेशन को आगे नहीं बढ़ने दिया। हम दोनों साथ में घूमने भी जाते थे और एक साथ काफी समय भी बिताते थे। मुझे भी संजय के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। एक बार मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता थी तो मैंने संजय को कहा मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है। वह कहने लगा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा। मुझे उससे पूरी उम्मीद थी कि वह मेरी मदद जरूर करेगा। संजय ने मुझे पैसे दे दिये और उसके बाद हम दोनों ही अक्सर कहीं ना कहीं घूमने के लिए चले जाते थे।

मुझे मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है इसलिए मैं संजय को हमेशा कहती थी कि हम लोग मूवी देखने के लिए चलते हैं और हम दोनों ही मूवी देखने के लिए चले जाते थे। एक दिन मैं और संजय साथ में बैठकर मूवी देख रहे थे उस दिन संजय बहुत ही स्मार्ट लग रहा था मुझे उसे देख कर बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों साथ में बैठकर मूवी देख रहे थे जब संजय ने मेरा हाथ पकड़ा तो मुझे भी अच्छा महसूस होने लगा। मैं भी अपने आप को नहीं रोक पाई मैंने संजय के होठों को किस कर लिया उसे भी मजा आने लगा। उसने भी अब मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया वह बहुत खुश हो गया था और वह मुझे कहने लगा कि हम लोग कहीं चलते हैं। हम दोनो वहां से उठकर एक होटल में चले गए वहां पर हमने रूम ले लिया। जब हमने रूम लिया तो संजय ने मुझे नंगा कर दिया मैंने भी उसके लंड को अपने हाथों में लिया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा। जैसे ही मैंने उसके लंड को चूसा तो मुझे बड़ा मजा आया और मैंने उसे अपने पूरे गले के अंदर तक उतार लिया। मै उसके लंड को बहुत अच्छे से चूसने पर लगी हुई थी और मुझे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था।

कुछ देर बाद मेरी योनि से बहुत पानी बाहर आने लगा और उसने मुझे बिस्तर पर लेटाते हुए मेरे दोनों पैर को चौडा कर दिया और मेरी योनि को चाटने लगा। जब उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाला तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। मैंने अरमान के साथ कभी भी सेक्स नहीं किया था लेकिन संजय ने जब मेरी योनि में अपने लंड को डाला तो मैं चिल्लाने लगी और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। मै संजय का पूरा साथ दे रही थी वह मेरे पैरों को चौडा कर लेता और मुझे बड़ी तेज धक्के मारता। काफी देर ऐसा करने के बाद उसने मुझे डॉगी स्टाइल में बना दिया और जैसे ही उसने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मुझे बहुत दर्द महसूस होने लगा लेकिन वह मुझे बहुत तेजी से धक्के मार रहा था। जिससे कि मुझे बड़ा मजा आने लगा और काफी देर तक उसने ऐसे ही किया। कुछ देर बाद मैं भी मूड में आ गई और मैंने भी अपनी चूतडो को उस से मिलाना शुरू कर दिया मेरे शरीर के अंदर से करंट सा निकल रहा था और संजय मुझे कहने लगा कि मुझे तुम्हारे साथ सेक्स कर के बहुत मजा आ रहा है। वह मुझे ऐसे ही धक्के मारता लेकिन हम दोनो से जो रगडन पैदा हो रही थी वह हम दोनों से ही बर्दाश्त नहीं हुई और जैसे ही संजय का वीर्य मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेट गए।