मेरी और बुआ की पहली चुदाई

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राजवीर है. मैं अभी बीस साल का हूँ, ये घटना मेरा खुद का रियल एक्सपीरियेन्स है. इस कहानी में मेरे और मेरी बुआ के बीच चुदाई का खेल हुआ है. बुआ की अब शादी हो गई है और उनका एक बेटा भी हो गया है.

मेरी बुआ एक जबरदस्त झक्कास माल हैं.. उनके फिगर के बारे में क्या बताऊं.. एकदम कड़कड़ाती बिजली हैं. उनका 32-28-34 का फिगर देख कर हमेशा ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

चूंकि मैं डेली जिम करता हूँ, इसलिए मेरा जिस्म बड़ा ही बलिष्ठ है और लंड भी कुदरती मोटा व लम्बा है.. इसकी साइज़ साढ़े छह इंच है.

यह बात आज से चार साल पहले की है. जब मैं हाई स्कूल का पेपर खत्म करके अपने घर पर ही गर्मी की छुट्टी बिता रहा था.

मेरी बुआ मुझसे बहुत फ्रेंड्ली हैं. मेरी बुआ और मेरी चाची हमेशा एक साथ रहते थे. बुआ के साथ मेरी चाची से भी बहुत बनती थी. हम तीनों में हँसी मज़ाक होता रहता था. मेरी बुआ मेरे से दो साल बड़ी थीं. वो इतनी गोरी थीं कि लोग उन्हें घर पर सफेद बिल्ली बोलते थे. भले ही मेरी उनसे बहुत जमती थी और मैं हमेशा उनसे मज़ाक करता रहता था, लेकिन तब भी मैं उनके बारे में ग़लत नहीं सोचता था.

उनके घर के सभी लोग मुझे बहुत पसंद भी करते थे. मैं कभी कभी उनके ही घर खाना खा लेता था और वहीं मेरे अंकल के पास जो मेरे 5 साल बड़े हैं, सो जाता था.
तो इस प्रकार मेरा हँसी मज़ाक कब प्यार में बदल गया, पता ही नहीं चला. मैं उनसे रियल वाला लव करता थ.

इस प्रकार दिन गुज़रते गए. बुआ के घर टीवी नहीं था, मेरे घर पर था तो वो डेली रात को डिनर के बाद मेरे घर टीवी देखने आ जाती थीं. मैं टीवी रूम में ही सोता था. सभी लोग रात में टीवी देखते तो वो उस वक्त वे मेरे बेड पर आ कर बैठ जाती थीं. रात में जब मेरे मम्मी और पापा सोने चले जाते तो मैं उनसे मज़ाक करता और कभी कभी उनको टच भी कर देता था. अब मेरा उनसे अकेले में सेक्स से रिलेटेड मज़ाक भी होने लगा था. वो हमेशा ही मुझसे बोलती थीं कि सब्जी कम खाया कर और दूध ज्यादा पिया कर.

वे ऐसा इसलिए कहती थीं क्योंकि मैं एक बार पेड़ से नीचे गिर गया था. मुझे रीड़ की हड्डी में पर चोट लग गई थी. जब वे ऐसा कहती थीं, तो मैं उनसे मजाक में कह देता था कि बुआ तुम ही अपना दूध पिला दिया करो.
मेरी इस बात पर वो बड़ी ख़तरनाक स्माइल देती थीं और बोलती थीं कि ये तुम्हारे फूफा के लिए है. तुम्हारे लिए नहीं है.
मैं बोलता था कि तो मुझे ही फूफा बना लो.
वो बस हंस कर चली जाती थीं.

ऐसे ऐसे मुझे लगा कि वो मुझसे भी प्यार करती हैं. मैं इसी तरह के मजाक के दौरान उनको इधर उधर टच भी कर लेता था. जिसका जबाव भी उनकी तरफ से मुझे टच करते हुए ही होता था.
यह मजाक उस वक्त भी हुआ करता था जब चाची भी हम दोनों के साथ होती थीं. उस वक्त मैं और चाची मिल कर उनको छेड़ कर परेशान करते रहते थे.

इन सब बातों से मुझे चुदास सी भड़कने लगी थी और अब मैं हमेशा यही सोचता था कि बुआ को कब प्रपोज करूँ.

फिर एक दिन आ ही गया. मेरे पापा के मौसा के घर पर शादी थी तो मेरे पापा, बहनें और मम्मी शादी में चली गईं. मैं नहीं गया क्योंकि उनके घर मुझे अच्छा नहीं लगता था.

अब मेरे घर पर मैं और मेरी दादी ही रह गए थे. मम्मी ने बुआ को खाना बनाने को बोला था और हमारे घर पर ही सो जाने को कहा था. क्योंकि मेरी दादी बूढ़ी थीं उनकी देखभाल के दो लोगों का होना जरूरी था.

उन सभी के जाने के बाद मैंने सोचा कि आज बुआ से बोल ही दूँगा कि मैं उनको प्यार करता हूँ.

शाम को जब वो खाना बनाने आईं तो मैं उनकी हेल्प कर रहा था और उसी समय हम दोनों बातें भी कर रहे थे. पहले तो नॉर्मल सी बातें ही हुईं कि क्या खाना है. फिर धीरे धीरे मज़ाक शुरू हो गया.

मैंने ऐसे ही पूछ लिया कि बुआ एक बात पूछूँ?
उन्होंने कहा- पूछो.
तो मैंने कहा- बुआ आप किस तरह के लड़के से शादी करोगी?
तो वे हंसने लगीं और बोलीं- मुझे तेरे जैसे लड़के से शादी करनी है, जो मेरे साथ एकदम ऐसे ही फ्रेंड्ली बिहेव करे.. और अगर मुझे गुस्सा भी आ जाए तो तेरी तरह मुझे प्यार से मना ले.

उनकी इस बात से मुझे याद आ गया कि जब भी बुआ उदास या गुस्से में होती थीं तो मैं उनसे मज़ाक करके उनको खुश कर देता था. क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करता था और मैं उनको उदास नहीं देख सकता था.

बुआ के मुँह से ऐसा सुनकर मैंने उनसे कहा कि तो बुआ मुझे ही बना लो ना.
बुआ फिर से हंसने लगीं और बोलीं- तो ये सब तू बाहर की लड़कियों पर क्यूँ नहीं ट्राई करता?
मैंने बोला- बाहर की लड़कियां नखरा दिखाती हैं, इसलिए कोई पसंद नहीं आती है. मुझे भी आप जैसी ही चाहिए.. जिसकी आप जैसी सेक्सी फिगर हो और इतनी ख़तरनाक स्माइल वाली हो.

बुआ ने मुझे धौल जमाई और सेक्सी कहने के लिए मुझे थैंक्स भी बोला.
ऐसे ही बातें करते करते डिनर रेडी हो गया और वो अपने घर जाने लगीं.
मैंने बोला- आप भी यहीं पर खा लो.
उन्होंने बोला कि मैं अभी वॉशरूम जा रही हूँ, फिर आकर खाते हैं.

कुछ देर बाद वे वापस आ गईं और हम दोनों ने डिनर किया और रोज की तरह टीवी देखने लगे

चूँकि आज वो मेरे घर ही सोने वाली थीं, तो मेरे पास उनको प्रपोज करने का बहुत टाइम था. फिर हम दोनों मूवी देखने लगे. उनकी फेवरेट मूवी इमरान ख़ान की जहर आ रही थी, जिसमें इमरान हिरोइन को प्रपोज करता है.

मैंने देखा कि वो ये सीन बड़े ध्यान से देख रही थीं. इस वक्त रूम में हम और वो ही थीं. दादी भी नहीं थीं, वे अपने कमरे में थीं.
मैंने भी सही टाइम और मौका देखकर उनको प्रपोज कर दिया. फिर वो मुझे स्माइल दे कर मूवी देखने लगीं.

तभी आशिक़ बना ले वाला गाना आ गया. बुआ इस गाने को बड़े ध्यान से देख रही थीं.
मैंने फिर से बोला- आई लव यू बुआ..

वो फिर हंसने लगीं, तभी मैंने उनको किस कर दिया.. और क्योंकि गाना इतना जबरदस्त था कि वो खुद को रोक नहीं पाई. तभी वो एकदम से खुद ही मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे ऐसे किस करने लगीं, जैसे वो बहुत ज्यादा प्यासी हों.

मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा. कभी मैं उनकी जीभ को चूसता, तो कभी वो मेरी जीभ को चूसतीं. इस तरह हम एक दूसरे को चूसते रहे. लगभग बीस मिनट तक ये सब चलता रहा. फिर हम अलग हुए.

वो मुझे सेक्सी स्माइल दे रही थीं और मैं उनको.. क्योंकि दोनों का पहली बार किसी लड़के से बुआ का और किसी लड़की से मेरा स्पर्श हो रहा था. हम दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए थे.

तभी बुआ ने मेरा शर्ट को इतनी तेज खींचा कि वो फट गई. अब मैं सिर्फ़ बॉक्सर में था. बुआ जंगली स्माइल देने लगीं, उनके चेहरे पर वासना एकदम से झलक रही थी. उधर टीवी पर इमरान हीरोइन के कपड़े उतार रहा था, तो मैंने भी वही करना चाहा और उनकी कमीज को निकाल दिया.

अब बुआ के ऊपर का हिस्सा सिर्फ़ ब्रा में रह गया था. मैंने उनको बेड पर गिरा दिया. मैं भी उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी ब्रा को खींच कर फाड़ दी.

बस अब क्या था.. मेरे सामने उनकी एकदम सफ़ेद चूचियां थीं, जिन्हें देख कर मेरी हालत इतनी खराब हो गई कि क्या बताऊं. मैंने उनके मम्मों को चूसना चालू किया और एक एक करके दोनों मम्मों को चूसता चला गया. करीब दस मिनट तक मैं बुआ के मम्मों को चूसता रहा.

उधर मेरे लंड की हालत खराब थी, जो एकदम लोहे की रॉड की तरह टाइट हो गया था और ऊपर से ही बुआ की चूत पर रगड़ खा रहा था.

मैं उनके होंठों को चूसने लगा और उनकी चूची दबा रहा था. उन्होंने पैर से ही मेरे बॉक्सर को नीचे कर दिया और मुझे अपने ऊपर खींचने लगीं. मैंने भी उनकी सलवार का नाड़ा खींच कर तोड़ दिया और उन्हें अपनी गोद में उठा कर सलवार को नीचे कर दिया. अब वो सिर्फ़ पैंटी में थीं.

मैंने देखा कि बुआ शर्मा बिल्कुल नहीं रही थीं. बाद में उन्होंने बताया कि वो भी इसी दिन का इन्तजार कर रही थीं.

अब मैंने उन्हें चूमना शुरू किया. पहले मैंने उनके होंठों को चूसा, फिर चूची और फिर उनकी नाभि में चूसना चालू कर दिया. बुआ अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत मेरे लंड से रगड़ रही थीं. वो अपनी चुत को इतनी तेज रगड़ रही थीं कि मेरा एक बार तो ऐसे ही निकल गया और वो भी पैंटी में ही झड़ गईं.

यार.. वो देखने में इतनी गोरी थीं कि उनके लाल रंग के निप्पल बड़े मस्त लग रहे थे. मैं उनके बूब्स चूसता रहा और होंठों को भी चूसता रहा.

थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने उनकी पैंटी खींच कर फाड़ दी. जिस पर मेरा और बुआ का माल लगा हुआ था.

फिर कुछ मिनट बूब्स और होंठों को चूसने के बाद वो इतनी गर्म हो गई थीं कि उनका सफ़ेद जिस्म लाल हो गया था. उन्होंने ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया और बोलीं- प्लीज़ राज मुझे अब चोद दो.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं उनसे इतना प्यार करता था कि मैं उन्हें तड़फा नहीं सकता था.

मेरी नज़र उनकी चूत पर पड़ी मैंने देखा एकदम क्लीन शेव्ड और लाल हुई पड़ी थी. बुआ की चिकनी चूत देख कर ही मुझे लगा कि मेरा माल फिर से निकल जाएगा.

मैंने वैसलीन की शीशी उठा कर लंड पर लगा ली और कुछ उनकी चूत पर भी मल दी कुछ बुआ की चूत में उंगली डाल कर भी चूत की गर्मी का मजा लिया. फिर मैंने लंड उनकी चूत पर रख कर एक झटका मारा तो लंड का सुपारा अन्दर घुस गया.

उनको तेज दर्द हुआ और उनकी आँखों से आँसू आने लगे. मुझे भी दर्द हो रहा था मेरे लंड के बीच में जो ताना होता है, वो टूट गया था.
एक तो बुआ इतनी हॉट और सेक्सी थीं कि उनकी कुंवारी जवानी को सोच कर ही सारा दर्द काफूर हो गया.

मैंने देखा बुआ कुछ बोल नहीं रही थीं तो मैंने लगातार दो शॉट मारे और पूरा लंड बुआ की चूत में डाल दिया.

लंड क्या घुसा, बुआ तो रोने लगीं.. लेकिन वे आवाज़ नहीं कर रही थीं. तब भी मुझसे उनका रोना देखा नहीं जा रहा था, तो मैं थोड़ी देर उनके बूब्स चूसने लगा और दबाने लगा.

उधर बुआ की चूत की गर्मी मेरे लंड की हालत खराब कर रही थी. मैं धीरे धीरे आगे पीछे लंड करने लगा, थोड़ी देर बाद बुआ का दर्द खत्म हुआ, तो मैं और तेज रफ्तार से चोदने लगा. अब बुआ मजे से चुदवा रही थीं. उनको मस्ती सूझी तो उन्होंने मुझे गिरा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गईं और लंड पर उठने बैठने लगीं.

फिर 5 मिनट में ही वो थक गईं. मैंने अब उनको घोड़ी बनाया और उनको पीछे से लंड पेल कर चोदा. लगभग बीस मिनट बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. लंड चूत के पानी निकले तो हम दोनों शिथिल हो गए.. और थोड़ा रेस्ट करने लगे.

बुआ मुझे चूमते हुए बोलीं- आई लव यू राज.. तुमने मुझे ऐसा गिफ्ट दिया है कि मैं कभी भूल नहीं सकती हूँ. तुम्हें जो चाहिए मुझे बोल देना.. मैं ख़ुशी ख़ुशी दे दूँगी.

मैंने बुआ को चुम्बन करना शुरू किया.. और थोड़ी देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए. इस बार मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और दीवार के सहारे लगा कर चोदा, इस तरह से चूत चुदाई करना मेरी फेवरिट पोज़िशन है.

उस रात मैंने उन्हें दो बार ही चोदा था क्योंकि इतने में ही सुबह के साढ़े चार बज गए थे. फिर हम दोनों वहीं नंगे सो गए.. क्योंकि घर पर कोई नहीं था तो कोई दिक्कत नहीं थी.

सुबह बुआ ने घर का सारा काम करके नाश्ता बनाया. उसके बाद फिर मैंने उन्हें दिन में दो बार चोदा.
रात हुई तो मैंने उनसे बोला- बुआ, मुझे आपकी गांड मारनी है.
उन्होंने कहा- तुम मेरे राजा हो, मैं तुम्हारी रानी हूँ. मेरा जिस्म आज से तुम्हारा है. तुम जो चाहे कर सकते हो. मैं अब तुम्हारी हूँ.
मैंने उनसे कहा- गांड मारने में थोड़ा दर्द हो सकता है.
बुआ बोलीं- वो तो आगे भी हुआ था.

फिर मैंने उनकी गांड भी मारी.

इस तरह पूरे चार दिन तक मैंने उन्हें जम कर दिन रात चोदा. ये सिलसिला चार साल तक चला. मुझे जब भी मौका और टाइम मिलता था तो मैं बुआ को हचक कर चोदता था.

अब उनकी शादी हो गयी है. उनको एक बेटा है, जो कि मेरा ही है. उनका पति उन्हें सही से नहीं चोदता है, इसलिए वो जब भी घर आती हैं तो मैं ही उन्हें चोद कर संतुष्ट करता हूँ.

आज अपनी बुआ की चुदाई की कहानी लिखते समय मैं अब तक उनके नाम की तीन बार मुठ मार चुका हूँ. मैं वाकयी अपनी बुआ को बहुत प्यार करता हूँ. मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. मुझे बहुत सारी लड़कियां चुदाई के लिए मिल सकती हैं लेकिन मैं सिर्फ अपनी बुआ को चोद कर ही मस्त हूँ. मैंने इसीलिए अभी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाई है.

आपके मेल की प्रतीक्षा में हूँ.