चालू मामी ने चाची को दो लंड से चुदवा दिया

chachi ne do lund liya मेरा नाम दीप सिंह राजपूत हे और मैं अभी ग्रेज्युएशन की पढाई कर रहा हूँ. मैं पढाई के लिए अपने चाचा के घर रहता हूँ. वैसे वो सगे नहीं पर दूर के चाचा हे जो पापा के दोस्त भी हे. और आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी आप को बता रहा हूँ. इस कहानी में आप पढेंगे की कैसे एक औरत को सेक्स की सनक चढ़ती हे तो वो पागल तक हो जाती हे लंड लेने के लिए! पहले मैं आप को मैंने जिसके साथ सेक्स किया वो चाची के बारे में बता दूँ. उनकी उम्र करीब 36 साल की हे और उनको एक बेटा भी हे. चाची का लड़का दिल्ली की हॉस्टल में रह के वहां पढाई करता हे. वो साल में दो बार होलीडे में ही घर पर आता हे. चाचा जी का अपना खुद का बिजनेश हे और काम के सिलसिले में वो सिटी से दूर दूर भागते फिरते हे. शहर के कौने कौने के साथ साथ वो जालंधर, अमृतसर वगेरह भी जाते हे माल खपाने के लिए. मोस्ट ऑफ़ घर के अन्दर मैं होता हूँ अपनी इस सेक्सी चाची के साथ.

चाची को देख के ही उसे चोदने के लिए इच्छा सी हो जाती हे. वो गोरी हे और उसके बूब्स इतने सेक्सी और टाईट हे की आप को कैसे कहूँ दोस्तों. चाची के चूतड़ यानी की गांड भी एकदम टाईट हे और वो जब सलवार और स्यूट पहनती हे तो लंड खड़ा करने की मशीन ही लगती हे बस. बात उन दिनों की हे जब मेरी यूनी में कुछ दिन की छुट्टियाँ थी. मैंने चाची से कहा चाची जी मुझे कुछ दिन फ्री मिले हे इसलिए मैं कुछ दिन अपने मामा जी के वहां हो आता हु.

मेरे मामाँ का घर चाचा के घर से 150 मिल दूर था.

चाची ने मुझे कहा, आज जाने दो, कल चले जाना दीप.

मैंने मान गया. शाम को हम दोस्त लोग फुटबोल खेलते हे तो मैं वहां चला गया. और करीबन साड़े 6 बजे के करीब वापस घर आ गया.

चाची ने मुझे देखा और बोली, दीप चलो नहा के आओ मैं तुम्हारे लिए डिनर लगा देती हूँ.

मैंने चाची के साथ बैठ के खाना खा लिया और फिर हम दोनों हॉल में टीवी देखने लगे. मुझे मामा के वहां जाने के लिए पेकिंग करनी थी. इसलिए थोड़ी टीवी देखने के बाद मैं बेग में अपना सामन सजाने लगा.

मैं पेकिंग कर रहा था तभी चाची के मोबाइल की घंटी बजी. उसने बात खतम की और बोली, दीप तुम्हारे चाचा जी थे फोन पर.

मैंने कहा, क्या बोले?

वो बोली, अरे वो बोले मुझे एकाद हफ्ता रहने पड़ेगा जलंधर में. और उन्होंने कहा की तुम भी दीप के साथ उसके मामा के वहां हो आओ.

मैंने कहा, ये तो बड़ी अच्छी बात हे चाची जी.

वो बोली, हां मैं भी थोडा घूम लुंगी तुम्हारे साथ में इस बहाने से.

मैंने कहा, चाची फिर आप भी बेग में कुछ कपडे वगेरह भर के सो जाइए. सुबह जल्दी की बस हे उसमे ही चलेंगे हम लोग.

और फिर हम लोग सो गए, चाची ने अपने कपडे और ब्रा पेंटी भर ली बेग में उसके बाद. वो बोली यही हॉल में सो जाते हे. मैंने कहा ठीक हे.

वो मेरे सामने सोयी हुई थी और उसे देख के आज मेरी नींद उडी हुई थी. चाची की सलवार इतनी थिन यानी की पतली थी की अन्दर उसने जो गुलाबी पेंटी पहनी थी वो मुझे एकदम साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी. चाची अपनी बड़ी गांड मेरी तरफ कर के सोयी थी. और पीछे चूतड़ के ऊपर चिपकी हुई पेंटी को देख के मेरा मन एकदम पागल सा हो गया. मैंने पेंट में हाथ डाला और चाची की पेंटी देख के मुठ मरने लगा. पांच मिनिट की हेंड बेटिंग के बाद मेरा वीर्य छुट गया और मुझे कुछ शान्ति मिली!

चाची नहीं जानती थी की उसके सेक्सी बदन का मैं इतना आशिक था. वो मुझे अपने बेटे के जैसे ही ट्रीट करती थी. पर मैं था की चाची की भरी हुई जवानी को देख के अपने लंड को हिलाने से बाज नहीं आता था. चाची को चोदने का क्रेज सा बन रहा था मेरे दिमाग में! लंड हिलाने के बाद मुझे अच्छी नींद आ गई. सुबह सात बजे के करीब हम दोनों उठ गए. फिर अपना अपना बेग उठा के आधे घंटे में तो हम बस के लिए निकल पड़े. रस्ते में सब मर्द मेरी चाची के सेक्सी चूतड़ देखे जा रहे थे. चाची जब चलती हे तो उसके सेक्सी कुल्हे मस्त ऊपर निचे होते हे जिनको देख के किसी भी मर्द के लंड में गर्मी चढ़ जाए!

तभी एक आदमी ने तो शराफत की हदें ही पार कर दी. वो चाची को देखते हुए अपने लंड को सहला रहा था. चाची और मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया.

चाची: मैं पहली बार ही तुम्हारे मामा के वहां जा रही हु.

फिर हम लोग बस पकड के मामा के घर आ गए. बस से उतर के रिक्शा पकड के हम मामा जी के घर पहुंचे तो थोड़ी सुस्ती सी लगी हुई थी मुझे.

मैंने नोक किया तो मेरी मामी ने दरवाजा खोला. मुझे देख के वो बड़ी खुश हो गई. चाची को देखा तो मैंने कहा आप इन्हें पहचानती हे?

मामी ने कहा, नहीं, गलती लग रही हे मेरी?

मैंने कहा, मामी मैं अपनी चाची को साथ में लाया हूँ जिनके घर पर मैं रहता हूँ.

ये सुन के मामी ने चाची को ग्रिट किया और हमें अंदर ले गई.

मामी ने फटाक से चाय पिलाई अदरक वाली और फिर खाना रेडी कर दिया. मेरी चाची मामी के साथ किचन में थी और मैं मामा के बेटे पार्थ से बातें कर रहा था. मामा के बेटे का नाम पार्थ हे जो 11 साल का हे.

मैंने मामी से पूछा मामा जी दिखाई नहीं दे रहे, दूकान पर हे क्या?

मामी ने कहा नहीं वो किसी काम से हफ्ते भर के लिए बहार गए हुए हे.

मैं: अरे मैंने उन्हें फोन किया तब वो नहीं बोले.

मामी: पता हे, वो बोले बहुत समय के बाद दीप घर आ रहा हे. मैं बहार जाने का कहूँगा तो वो नहीं आएगा. इसलिए उन्होंने कुछ कहा नहीं.

मामा की वाइफ यानी की मेरी ये मामी थोड़ी चालु टाइप की औरत थी. मैंने अक्सर मेरी माँ और मौसियों को बात करते हुए सुना हे की मम्मी के पराये मर्दों के साथ सबंध हे. हालाँकि मेरे मामा को ये सब नहीं पत्या था. पर माँ वगेरह की बातों से मैं इतना जानता था की मामा जब काम के लिए बहार जाते थे तो पीछे मामी दुसरे मर्दों को घर में घुसाती थी. मुझे ये डर था की कही मेरी चाची को ये सब पता चला तो वो बुरा सोचेगी.

तभी मेरी मामी ने आवाज लगाईं, दीप!

मैं वहां गया तो उन्होंने मुझे रात के लिए नाईट गाउन दिया मामा जी का और बोली तुम मेरी बगल वाले रूम में पार्थ के साथ सो जाना, मैं और तुम्हारी चाची यहाँ सो जायेंगे.

मैं कहा ओके मामी.

मैं पार्थ को ले के मामी ने बताया था वो कमरे में चला गया. पार्थ तो कुछ देर में ही सो गया. मुझे सोने से पहले मुठ मारने की आदत हे इसलिए मैं जाग रहा था. फिर मैं पार्थ को चेक किया तो वो उतनी गहरी नींद में नहीं था. टाइम पास करने के लिए मैं खिड़की के पास खड़ा हुआ. वहां पर मुझे मेरी मामी और चाची की बातें सुनाई दे रही थी.

मामी ने चाची को बताया की उसके पति यानि की मेरे मामा अक्सर घर से बहार होते हे.

चाची ने कहा मेरी भी यही हालत हे बहन.

मामी ने हंस के कहा, लेकिन मेरा तो सेटिंग हे कुछ मर्दों और लडको के साथ. जब पति न हो तो मैं उन्हें बुल लेती हूँ घर पर.

चाची ने कहा, ये तो ठीक बात नहीं हे ना लेकिन.

मामी बोली, बहन ये उम्र 40 के ऊपर चली, फिर कुछ दिनों में पीरियड्स बंद हो जायेंगे और फिर सेक्स नाम की इस गेम के सब दाँव हमें घिनोने लगेंगे. आज हमारे पति के पास समय नहीं हे. लेकिन जब वो बूढ़े होंगे तो उनके लिंग में वो दम नहीं होगा ना ही हमारी सेक्स में कोई रूचि होगी! चाची को चुदाई का ज्ञान दे रही थी मेरी रंडी मामी!

मामी और चाची की ये बाते सुन के मेरे लंड में भी सरसराहट होने लगी थी. तभी मेरी मामी ने चाची जी से कहा, तुम चाहो तो मैं एकाद लड़का तुम्हारे लिए भी बुलवा सकती हूँ!

मुझे बड़ा अजीब लगा लेकिन चाची ने जरा भी गुस्सा नहीं किया. पर वो इतना बोली की मैंने तो अपने पति के सिवा कभी किसी को हाथ लगाने नहीं दिया. मामी ने कहा, चलो वो ठीक हे लेकिन तुम यही बात अपने पति के लिए कह सकती हो? वो कभी यहाँ तो कभी वहां होते हे. और हर बड़े शहर के बस डिपो, रेलवे स्टेशन, और होटल में जवान लडकियां अपनी चूतें मरवाती हे तो वो पता ही होगा ना तुम्हे! देखो ये अच्छा मौका हे, जिस से चुदवाओगी वो शायद ही लाइफ में तुम्हे कभी मिले. यहाँ आई हो तो मेरी नेटवर्क का फायदा ले के जाओ.

चाची ने कहा, वो ठीक हे लेकिन मुझे थोडा सा डर हे अभी भी. पता नहीं वो पराये मर्द कैसे कैसे सेक्स करेंगे.

तब मामी बोली, घबराओ नहीं दीदी मैं वही पर रहूंगी ना. एक नहीं दो को बुला लेती हूँ, एक से तुम चुदवाना, दुसरे का मैं ले लुंगी.

ये कह के मामी ने चाची को आँख मारी. चाची का मुहं शर्म से लाल होता दिखा.

चाची ने कहा, एक बार चेक कर लो की दीप और पार्थ सोये तो हे ना?

मामी ने कहा ठीक हे.

मामी मोबाइल से दो बार किसी से बात की और उस दौरान ही उसने चेक भी किया. मैं जानबूझ के अपनी आँखे बंद कर के लेट गया. वो देख के चली गई वापस. मामी ने चाची को बोला, वो दोनों गहरी नींद में हे टेंशन मत लेना.

चाची ने मामी से कहा, वो लोग कितनी देर तक चोदते हे?

मामी ने चाची का हाथ दबाया और बोली, खुद ही देख लेना वो दोनों निकल चुके हे.

तभी मामी के नम्बर पर मिस कॉल आई. मामी बोली लगता हे आ गए दोनों. वो चुपके से बहार गई और दरवाजा खोल के दो तगड़े मर्दों के साथ अन्दर आई. दोनों की उम्र करीबन 30 की थी. और वो दोनों मेरी चाची को ही देख रहे थे. चाची को शर्म आ रही थी.

पहले: यार माल तो बड़ा ही मस्त हे, साली के चुंचे तो देखो..

दूसरा: और गांड भी तो क़यामत हे शब्बीर भाई!

और फिर वो दोनों ने मेरी मामी से कहा: तुम को तो हम हफ्ते में एक बार चोदते हे इसलिए आज इस नयी औरत का ही काम करेंगे बस.

वो दोनों मामी को नहीं लेकिन सिर्फ मेरी चाची के साथ सेक्स करना चाहते थे.

मामी ने कहा, अरे वो पहले से डरी हुई हे, एक उसकी लो और एक मेरे साथ.

चाची ने भी कहा, हां दीदी ठीक कहती हे.

पहला मर्द: दीदी नहीं रंडी बोलो, इसे तो लंड लेना हे इसलिए वो बोलेगी ही. पर आज तो हम सिर्फ तेरी पेलेंगे जानेमन.

और वो दोनों ने मामी और चाची की एक नहीं सुनी. वो दोनों ने अपने सब कपडे उतारे और मेरी सेक्सी चाची के ऊपर टूट पड़े. साला मैं एक जमाने से फील्डिंग में था और मेरी मामी ने बेटिंग के लिए दो अलग ही ओपनर्स उतार दिए थे. मैंने अपने लंड को हाथ में पकड के हिलाना चालू कर दिया. मुझे भी मस्त मजा आ रहा था. चाची ने जब इन दोनों मर्दों के बड़े लंड को देखे तो उसे डर सा लगा. दोनों के लंड करीब 8 8 इंच के थे. चाची डरी हुई निगाहों से मामी को देख रही थी. मामी ने कहा, डरो मत मजा आएगा अभी!

चाची बोली, ये तो मेरी फाड़ देंगे!

चाची बहुत डर रही थी और वो दोनों को मिन्नतें कर रही थी. पर वो दोनों रुकनेवाले नहीं थे.

मामी सामने बैठ के इन तीनो को देख रही थी. एक बन्दे ने अपनी सलवार खिंच ली और चाची की काली पेंटी को देख के वो बोला, वाह सफ़ेद चूत के ऊपर काली पेंटी मेरी जान. और वो चाची के चिकनी जांघो के ऊपर हाथ फेरने लगे. और दूसरा उसी वक्त मेरी चाची के रसीले होंठो को चूस रहा था. चाची मचल रही थी और गरीब निगाहों से मामी को देख रही थी. मामी के हाथ में भी कुछ नहीं था, क्यूंकि वो दोनों मर्दों के लंड कडक हो गए थे और वो चाची को ही चोदना चाहते थे.

जो चाची के होंठो को चूस रहा था अब वो आगे बढ़ा और उसने चाची की पेंटी को उतार दी. दुसरे ने चाची के कुरते को खोला. अब चाची सिर्फ कुरते के अन्दर थी. वो दोनों मर्द चाची को पागल के जैसे हाथो से पकड़ के उसके बूब्स को नोंच रहे थे. चाची की चूत एकदम गोरी थी और उसके ऊपर झांटे भी थी. काफी दिनों से शायद मेरी इस सेक्सी चाची ने अपनी चूत को साफ़ नहीं किया था. फिर दोनों में से एक ने अपने होंठो को चाची की बालवाली चूत पर लगा दिया. वो चाची की मस्त चूत को चाट रहा था. और फिर एक ने चाची के मुहं के अन्दर अपने लंड को डाल दिया और मुह की चुदाई करने लगा. चाची के मुहं में ही वो झटके मार रहा था. फिर दुसरे ने चाची को खड़ा कर दिया. एक ने चाची के सेक्सी गांड के ऊपर हाथ फेरा और अपनी एक ऊँगली की चाची की गांड के अन्दर डाल दी.

चाची सिहर उठी लेकिन वो कुछ करने की स्थिति में भी नहीं थी. एक ने चाची को खड़े खड़े ही अपने लंड से चोदना चालू कर दिया. चाची की चूत के लिए वो लंड बहुत ही बड़ा था. उसकी आँखों में आंसू आ गए. और तब दूसरा आगे से हाथ कर के चाची के मम्मे मसल रहा था. उसने मामी को देख के कहा ये उसे चोद रहा हे तब तक तू यहाँ आ के मेरा लंड चूस दे.

मामी भी यही चाहती थी शायद, वो फटाक से उसके पास गई. मामी ने अपने मुहं में ;लंड को ऐसे भर लिया की वो छोटी सी नुन्नी हो. मामी सच में चुदाई की एक्सपर्ट लग रही थी.

चाची कराह रही थी और फिर उसे भी मजा आने लगा था इस बड़े लंड से. अब उसने विरोध बंद कर दिया था और अपनी गांड को हौले हौले से हिला के चुदवा रही थी. उस बन्दे ने पुरे दस मिनिट तक चाची को चोदा. फिर वो बोला, डार्लिंग कभी गांड में लिया हे.

चाची ने कहा, सीधे सीधे जो चोदने के लिए बनाया हे वो छेद को ही चोदो ना.

जो बन्दा मामी को लंड चूसा रहा था वो उठ गया. मामी को एक लात मार के वो चाची के पास गया. उसने अपने दोस्त से कहा, चल गांड मार साली की. मैं इसे लंड पर बिठाता हूँ. चाची विरोध कर रही थी जो बेकार के प्रयास थे. चाची को अपनी गोदी में बिठा के उसने अपना 9 इंच का लंड उसकी चूत में डाला. पीछे चाची की सेक्सी गांड प[पर थूंक लगा के गांड में लंड पेल दिया गया था. चाची किसी सडकछाप रंडी के जैसे डबल पेनिट्रेट हो रही थी, मामी अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और मैंने खिड़की के ऊपर खड़े खड़े अपने लंड को हिलाते हुए ये सब देख रहा था!