फेसबुक पर मिली शादीशुदा भाभी बच्चे के लिए मुझसे चुदी

फिर थोड़ी देर लिंग चूसने के बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगी. कभी वो अपने दोनों होंठों से मेरे ऊपर वाले होंठ को पकड़ कर चूसती तो कभी नीचे वाले को और कभी – कभी तो वो मेरी जीभ को पकड़ कर चूसने लगती…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और मैं आगरा से हूँ. मेरी उम्र 32 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है. मेरी शारीरिक बनावट भी ठीक-ठाक है. मैं न ज़्यादा पतला हूँ और न ही ज़्यादा मोटा. दोस्तों, मैं शादीशुदा हूँ और अपनी शादीशुदा लाइफ से मैं बहुत खुश हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सारी कहानियां पढ़ी है. इस कहानी को लिखने में अगर मुझ से कोई ग़लती हुई हो तो छमा करें.

मैं यहाँ पर मेरी अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी औरत के साथ का ये रोमांटिक पल आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ. यह मेरी सच्ची कहानी है. इस कहानी मैं जो दूसरा पात्र है उसका नाम गोपनीयता के कारण बदल दिया गया है.

अब मैं समय न खराब करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ. एक दिन मैं फेसबुक पर चला रहा था. तभी मेरे पास एक लड़की की फ्रेण्ड रिक्वेस्ट आई. मैंने तुरंत ही उसे स्वीकार कर लिया. फिर उधर से उसका मैसेज आया ‘हैलो’. जवाब में मैंने ‘हाय.. आप कौन?”

तो उसने अपना नाम काव्या बताया और फिर बोली, “क्या हम दोस्त बन सकते हैं”? मैंने हाँ कर दिया. फिर कुछ दिन तक हम लोगों की नॉर्मल चैटिंग चली. उस दौरान मैंने नोटिस किया कि काव्या जी की फ़ेसबुक पर कोई फोटो नहीं लगा था.

एक दिन मैंने उनसे कहा कि आप को देखना चाहता हूँ. तो उन्होंने दो मिनट रुकने को कहा और उन्होंने मुझे अपना फ़ोटो भेज दिया. फ़ोटो देख कर मुझे लग रहा था कि मस्त कुड़ी है. वो 35 साल की एक शादीशुदा औरत थी.

इसके बाद फिर उसने मेरी फ़ोटो माँगा. तो मैंने अपना फ़ोटो सेंड कर दिया. इसके बाद फिर उसने मेरी उम्र पूछी तो मैंने सही – सही अपनी उम्र 32 साल बताई. यह सुन कर वो बोली, “इतनी उम्र के लगते तो नहीं हो”.

फिर मैंने उससे कहा कि मैं शादीशुदा हूँ. तो वो बोली – क्यों झूठ बोल रहे हो? आपकी पिक देख कर तो नहीं लगता कि आप शादीशुदा हो.

फिर उसने मेरे बारे में सारी जानकारी ले ली. इसके बाद फिर हम लोग रोज चैटिंग करने लगे. एक दिन काव्या जी मुझसे बोली – क्या आप मेरे बॉयफ़्रेंड बनोगे?

तो मैं सोच मैं पड़ गया. फिर दो दिन तक हमारी बात नहीं हुई. फिर मैंने ऑफलाइन ही हां लिख कर मैसेज कर दिया. अगले दिन उनका जवाब आया और फिर उनसे मेरी चैटिंग हुई. इसके बाद फिर मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ से हैं और क्या करती हैं? इस पर उन्होंने बताया कि वह हाउस वाईफ हैं और आगरा से हूँ.

फिर उन्होंने मुझ से पूछा कि मैं कहाँ से हूँ. तो मैंने बताया कि मैं भी आगरा से ही हूँ. तो उन्होंने कहा कि आप से बात करके मैं बड़ी खुशी हुई से हूँ. मुझे आपकी सहायता चाहिए. तो मैंने कहा – मेरे से आप किस तरह की सहयता की अपेक्षा रखती हो आप? बताईए जो सहयता बन सकेगी वह करने के लिए मैं तैयार हूँ.

इस उन्होंने कहा कि समय आने पर मैं बता दूंगी. इस पर मैंने ठीक है कहा देख लीजिएगा. फिर उन्होंने मेरे से मेरा मोबाइल नंबर माँगा तो मैंने दे दिया. फिर मैंने उनसे उनका मोबाइल नंबर माँगा तो बोली मैं टाइम मिलते ही आप को कॉल करूँगी. तो मैंने अपनी सहमति दी.

फिर दो दिन बाद मेरे मोबाइल पर एक अंजान नंबर से फोन आया. उस समय रात के करीब 10:30 बजे थे. मैंने काल रिसीव की तो दूसरी तरफ से आवाज़ आई “हेलो, मैं काव्या बोल रही हूँ.” इसके बाद उन्होंने कहा, “आपको कल मेरे घर पर आना है. आप कल शाम 5 बजे तक आ जाना”.

मैंने कहा – ठीक है, मैं आ जाऊँगा लेकिन आना कहां है?

फिर काव्या जी ने जगह बताई. अगले दिन मैं वहाँ के लिए मैं शाम 4:30 बजे अपने घर से निकल गया और काव्या जी के द्वारा बताई गई जगह पर मैं 10 मिनट पहले ही पहुंच गया. वहां पहुंच कर मैं इंतजार कर रहा था. 5 बज चुके थे और इंतजार का पल लंबा हो चला. तो मैंने सोचा कि कहीं काव्या जी मुझे पागल तो नहीं बना रही हैं.

फिर मैंने सोचा कि उनको कॉल कर लूँ. यह सोच कर फिर मैंने उन्हें कॉल किया तो उन्होंने मेरा कॉल रिजेक्ट कर दिया. यह देख कर अब मैंने सोचा कि चलो अब वापस घर चलते हैं. इतने में ही मेरा फोन बजा और मैंने बिना देक्जे ही रिसीव कर लिया और हेलो बोला तो उन्होंने कहा – कहाँ हो आप?

उनकी आवाज सुन कर मैंने कहा – जहां आपने बुलाया था वहीं तो हूँ.

तो उन्होंने कहा – मुझे तो नहीं दिख रहे हो.

फिर मैंने कहा – आप कहाँ हो?

इतने मैं एक होंडा सिटी मेरे पास आ कर रुकती है. जब उस गाड़ी के डोर ग्लास डाऊन हुए तो मैंने उनकी तरफ देखा तो देखता ही रह गया. फिर उन्होने मुझे देखा और मुझसे पूछा – आप आदित्य हो न?

मैंने कहा – जी हां.

फिर काव्या जी ने कहा आप अपनी ऐक्टिवा यहीं साइड में पार्क कर दो और मेरे साथ गाड़ी में आ जाओ. अब मैंने अपनी ऐक्टिवा साइड में पार्क कर दी और उनकी कार में उनके साथ बैठ लिया. फिर हम वहाँ से चल दिए और थोड़ी देर में उनके घर पहुँच गए.

घर पहुंचने पर उसने चाभी निकाल कर अपने घर का ताला खोला और फिर मुझे ड्राइंग रूम मैं बैठा कर मेरे लिए नमकीन, काजू और कोल्ड ड्रिंक लेकर आई. अब मैंने कोल्ड ड्रिंक पी. फिर हम दोनों इधर – उधर की बातें करने लगे तो काव्या जी बोली, “आप मुझे काव्या बोलो काव्या जी नहीं”. तो मैंने कहा ठीक है.

इसके बाद फिर मैंने उनसे पूछा कि आपके पति देव क्या करते हैं? तो वो बोली, “मेरे पति का एक्सपोर्ट का बिजनेस है और मेरे पति महीने में पच्चीस दिन इंडिया से बाहर रहते हैं. उनके पास मेरे लिए समय नहीं है. घर पर अकेले मैं सारा दिन बोर होती रहती हूँ. इसीलिए मैंने कई किटी ज़ॉइन कर रखी है लेकिन बाकी के टाइम मैं फ्री रहती हूँ”.

फिर थोड़ी देर रुक कर वो बोली, “मैं आपसे कुछ मांगू तो माना तो नहीं करोगे”? तो मैंने कहा – आप माँगो तो सही, जब आपने मुझे अपना बॉयफ़्रेंड माना है तो मना करने का सवाल ही नहीं उठता.

फिर उसने कहा – मेरे पति मुझे बच्चा नहीं दे सकते हैं. तो क्या आप मेरी एक मदद कर सकते हो?

मैंने पूछा – क्या?

वो बोली – क्या आप मुझे अपने बच्चे की माँ बना सकते हो?

यह सुन कर मैं मन ही मन खुश हुआ और बोला – हाँ, क्यों नहीं.

वो बोली – मतलब, आप मेरे साथ सेक्स कर सकते हो?

मैंने कहा – बिल्कुल.

फिर कुछ देर बातें करने के बाद वह कपड़े बदलने चली गई. और जब लौट कर वापस आई तो मैं देखता ही रह गया. उसने पारदर्शी नाइटी पहनी हुई थी. जिसमें से काव्या के अंदर का पूरा बदन दिख रहा था. उसने सिल्किन ब्रा और पैंटी पहन रखी थी.

उसके मम्मे बहुत ज़्यादा बड़े तो नहीं कह सकता लेकिन 34 के साइज़ के जरूर थे. माफ़ करना दोस्तों, मैं आपको काव्या जी की शारीरिक नाप बताना भूल गया था. उनका साइज 34-30-36 है जोकि मुझे बाद में पता चला.

फिर वो मेरे पास आ कर जैसे ही सोफे पर बैठी वैसे ही मेरे लिंग महाराज टाइट हो गये और जैसे ही काव्या ने मेरे गाल को दोनों हाथों से पकड़ा मेरा तो बुरा हाल हो रहा था. फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिये. अब मैं उसके रसीले होंठों को चूसने लगा. कम से कम हमने दस मिनट तक चूमा-चाटी की. तब तक हम दोनों गर्म हो गए थे.

अब मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि अब मेरा मेरा लिंग पूरा खड़ा हो गया था. फिर वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम की तरफ ले गई. बेडरूम में पहुँचते ही उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे पैन्ट को खोल कर उतार दिया. फिर वो अंडरवियर के ऊपर से मेरे लिंग को दबाने लगी. अब उसने मेरे अंडरवियर भी उतार दी और मेरे लिंग को सहलाने लगी.

मेरे लिंग को सहलाते – सहलाते वो उसे मुँह में लेकर चूसने लगी. दोस्तों, मेरा लिंग 8 इंच लंबा और 3 इंच से थोड़ा ज्यादा मोटा है. अब काव्या बोली – तुम्हारा तो बहुत लंबा और मोटा है. इसके साथ खेलने में आज मज़ा आएगा. आज तो ये मूसल मेरी मुनिया की चटनी ही बना देगा.

फिर थोड़ी देर लिंग चूसने के बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगी. कभी वो अपने दोनों होंठों से मेरे ऊपर वाले होंठ को पकड़ कर चूसती तो कभी नीचे वाले को और कभी – कभी तो वो मेरी जीभ को पकड़ कर चूसने लगती.

फिर मैंने काव्या की नाईटी उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा. अब वो बोली, “कस कर दबाओ इन्हें”. जैसे ही मैंने कस कर उसके मम्मों को दबाया, उसकी आहह निकल गयी और उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे बालों में हांथ फेरने लगी.

फिर उसने मेरी शर्ट और बनियान भी उतार दी. जैसे ही उसने मेरी बनियान उतारी वैसे ही मेरे सीने को देख कर मुझसे बोली, “तुम्हारे सीने पर तो एक भी बाल नहीं है. वैक्सिंग कराते हो क्या?” मैंने कहा – नहीं.

यह सुन कर वो बोली, “अब तो और ज़्यादा मज़ा आएगा”. फिर मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके निप्पल्स को अपने होंठों का बीच दबाया और उस पर जीभ घुमाई तो उसके मुंह से आहें निकलने लगी. अब मैं एक दम मस्ती से उसके बूब्स चूसने लगा.

फिर काव्या भी मेरे छोटे – छोटे निप्पल्स पर अपनी जीभ फिराने लगी. दो मिनट बाद मैं बहुत गर्म हो चुका था और काव्या ने भी अब फिर से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था. उसके गरम – गरम होंठ को महसूस करके मैं पागल हुए जा रहा था. फिर मैंने पलट कर उसको नीचे लेटा दिया और फिर मैं उसके पेट पर किस करने लगा. जैसे ही मैंने उसकी नाभि पर अपनी जीभ फेरी वो कांपने लगी.

फिर धीरे – धीरे करके मैं उसकी चूत तक पहुंच गया और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी भट्टी की तरह तपती हुई चूत पर लगा दिया और चूत के आस पास जांघों में सहलाने लगा. कुछ देर तक सहलाने के बाद वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो मैंने सोचा कि क्यों न गर्म चूत में लिंग डालने का मज़ा लिया जाए.

यह सोचते ही मैंने उसकी पैंटी खींच दी. उसकी पैंटी को उतारते ही मुझे एक अद्भुत नज़ारा दिखा. मेरे लिंग महाराज तो पहले से ही बेकाबू थे और अब उसकी चिकनी, साफ और गोरी चूत को देख कर रुक नहीं पाया.

फिर उसने जल्दी से मेरे लिंग को एक प्यारी सी चुम्मी दी और कहा – अब जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो.

लेकिन तभी मुझे शरारत सूझी और मैं लिंग को उसके चूत के ऊपर और आस – पास रगड़ने लगा. इससे उसकी आग और भड़क रही थी और अब वो मुझसे मेरे लिंग को चूत में डालने की भीख माँगने लगी और कहने लगी – अब और मत तड़पा, फाड़ दे मेरी इस चूत को और बुझा दे मेरी प्यास.

अब मैंने अपने लिंग को उसकी चूत पर रखा और धक्का लगाया तो पहली बार में मेरा लंड फिसल गया. उसकी चूत ज्यादा चुदाई न होने के कारण बहुत तंग और कसी हुई थी. अब मैंने ज़्यादा देर न करते हुए फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में उसके अंदर चला गया और वह ज़ोर से चीखी और बोली – धीरे करो यार!

मैंने कहा – मैं क्या करूँ? तुम्हारी चूत ही कुछ ज़्यादा कसी हुई है. आपके पति देव का लिंग बहुत छोटा है क्या?

इस पर वो बोली – उनका 5 इंच का है लेकिन तुम्हारा तो बहुत लंबा और मोटा भी है.

फिर उसके दर्द को कम करने के लिए मैं उसके होंठों को चूसने और उसके चूचों को दबाने लगा और साथ ही धीरे – धीरे धक्के भी मारने लगा. फिर थोड़ी देर में ही वो अपने चूतड़ उछाल – उछाल के मेरा साथ देने लगी. करीब 15 मिनट की चुदाई में ही काव्या दो बार झड़ चुकी थी.

हमारा यह खेल होते हुए करीब आधा घंटा हो चला था. अब मेरी बारी थी तो मैंने कहा, “मैं आ रहा हूँ.” इस पर काव्या ने कहा, “ठीक है, अंदर ही आ जाओ.” उसके मुंह से ये शब्द निकलते ही मैं काव्या के अंदर ही झड़ गया. अब उसने मुझे अपने बदन से चिपका लिया था. फिर पंद्रह मिनट तक हम बेड पर एक साथ ही लेटे रहे और उसके बाद फिर वॉश रूम मैं जा कर हमने साथ में ही शावर लिया और वहीं हमारा एक ऱाऊण्ड और चला.

उसके बाद हम वहां से निकल आये तो फिर काव्या जी किचन में जाकर मेरे लिए एक गिलास बादाम डाल कर दूध बनाया और खुद के लिए कॉफी बनाई मुझे दूध पीने को बोला. अब मैं उसके साथ ही बैठ कर पीने लगा. इस बीच मैंने उसके चेहरे को देखा तो चुदने के बाद उसके चेहरे पर जो चमक थी उसका बयान नहीं किया जा सकता.

फिर एक हफ्ते तक रोजाना वो मुझे फोन कर के बुलाती और दो – तीन घंटे तक मैं उनके साथ सेक्स कर के उनको संतुष्टि देना मेरा काम बन गया था. एक दिन जब मैं उनके घर पहुँचा और उनके साथ सेक्स करके फ्री हुआ तो वो मुझसे बोली, “दो मिनट रूको मैं अभी आई”. इतना बोल कर वो दूसरे रूम में चली गयी और जब वापस आईं तो उनके हाथ में पैक किया हुआ एक गिफ्ट था. उन्होंने उसे मुझे दे दिया. तो मैंने कहा कि इसकी क्या ज़रूरत थी? तो वो बोली – मैं अपने दोस्त को कुछ दे नहीं सकती क्या?

यह सुन कर मैं बोला – मैं इसको नहीं ले सकता, मैं इसके बारे में अपनी वाइफ से क्या कहूँगा?

तो वो बोली – बोल देना कि मेरे दोस्त ने दिया है.

अब मैंने कहा – अच्छा ठीक है, लेकिन मैं इसको यहीं खोल कर देखना चाहता हूँ. तभी मैं इसको लूंगा.

तो काव्या बोली – ठीक है, खोलो.

जब मैंने उसको खोला तो उसमें एक बहुत सुंदर सी शर्ट, एक कीमती घड़ी और उनके साथ एक लिफ़ाफ़ा था. उस लिफाफे की तरफ इशारा करके मैंने उनसे कहा, “इसमें क्या है?”

तो वो बोली – खुद ही देख लो.

जब मैंने उस लिफाफे को खोला तो पाया कि उसके अंदर हज़ार – हज़ार के नोट थे. पैसे देख कर मैंने कहा – मैं यह नहीं ले सकता.

फिर मैंने उसे उनको वापस कर दिया और वापस अपने घर आ गया. काव्या जी लगातार मेरे संपर्क में बनी रहीं. करीब एक माह के बाद उन्होंने खुशख़बरी सुनाई कि वह प्रेग्नेंट हैं तो मैंने उनको बधाई दी. कुछ दिन बाद उन्होने एक सुंदर से पुत्र को जन्म दिया.

फिर मौका पाकर एक दिन वो मुझसे मिली और मुझसे कहा कि मेरी एक फ्रेंड है वो तुम से मिलना चाहती है. क्या तुम उस मिलना चाहोगे? तो मैंने कहा – जैसा आप कहो.

फिर काव्या जी ने मुझे अपनी उस मित्र से मिलवाया. उसकी भी कहानी मैं जल्द ही प्रेषित करूँगा. तब तक आप मुझे मेरी इस कहानी पर सुझाव और कमेंट मेल कर सकते हैं. मेरी मेल आईडी