होटल में अंजली की चुदाई

गोवा के होटल का एक कमरा मेरी और अंजली की सेक्सी सीत्कारों से गर्म हो रहा था. ये वो मस्ती है, वो प्यास है जो हर जवान जोड़ा जरूर शांत करना चाहता है. फिर यहाँ तो वोडका का नशा और अंजली के मखमली बदन का नशा एक कॉकटेल बनाये हुए थे…….

मेरी और अंजली की दोस्ती ऑनलाइन चैट के जरिये हुयी थी और बहुत जल्दी ही हम अच्छे दोस्त भी बन गए. अंजली एक अच्छी कम्पनी में जॉब करती है और अक्सर टूर की वजह से उसका देश-विदेश आना- जाना होता रहता है. एक दिन उसनी बताया कि वो गोवा जाने वाली है तो मैंने यूँ ही मजाक में कह दिया की- मैं भी साथ चलना चाहता हूँ.

अंजली ने भी तुरंत से हाँ कर दी. मानो वो बस मेरे ही इनविटेशन का इन्तजार कर रही थी. मुझे भी अंजली की यह बात सुन कर मजा आ गया. आखिरकार हम लोग गोवा पहुँच ही गए और एक ही होटल में अलग- अलग रूम ले लिए | रात को हमने निर्णय किया की नाईट क्लब में जाकर थोड़ी सी वाइन पी जाये और फिर रात को मजे करेंगे|
नीचे क्लब में मैं अंजली का इन्तजार कर रहा था…. जैसे ही वो आई तो मैं उसे देखता ही रह गया नीचे उसने एक छोटी स्कर्ट और ऊपर एक ट्रांसपैरेंट टॉप पहन रखा था. उसका जिस्म दूध की तरह गोरा और बदन मखमली लग रहा था.
अंजली मेरे पास बैठ गयी. हमने वोडका आर्डर की. थोड़ी देर पीने के बाद हमने डांस करने का फैसला किया और मैं अंजली की कमर में हाथ डाल के डांस करने लगा.
मैंने धीरे से अंजली के कान में कहा- आज बहुत सेक्सी लग रही हो डार्लिंग!

अंजली बोली- हट नॉटी! आजकल बहुत झूठ बोलने लगे हो!

मैंने कहा- तुम्हे देखते ही शरारत करने के मन करता है.

मेरे हाथ उसकी कमर से फिसल के उसके चूतड़ पे जाकर टिक गए और उसे धीरे से अपने लंड पर दबाने लगा. वो समझ गयी की मेरा लंड खड़ा हो चुका है और मैं जोश में आने लगा हूँ.
उसने कहा – चलो बहुत हो गया, अब रूम में चलते हैं.

मैं समझ गया की अंजली के चूत के मुँह में भी मेरे लंड के लिए गुदगुदी होने लगी है.

रुम के अन्दर पहुँचते ही मैंने दरवाजा अन्दर से लॉक कर लिया और अंजली को पीछे से पकड़ कर उसे पागलों की तरह चूमने लगा. अंजली मेरी बाँहों में मचलने लगी. मेरे हाथ उसकी कमर, उसकी चूचियों और उसकी चूत के ऊपर तेजी से फिसल रहे थे और मेरे होंठ उसकी गर्दन और पीठ को चूम रहे थे.

तभी अंजली जोर लगा के मेरी ओर पलट गई और मेरी आखों में देखते हुए बोली- क्या बात है? बड़े गरम लग रहे हो! आज लगता है मेरी जोरदार चुदाई करने वाले हो.

मैंने अंजली के होंठो की तरफ देखते हुए कहा – आज तो ये प्यास वोडका ने और भड़का दी है. अब तो ये प्यास तुम्हारी चूत के पानी से ही बुझेगी. बोलो पिलाओगी न अपने चूत का रस.

अंजली शरमा के मेरे छाती की तरफ देखने लगी. मैं समझ गया की अब अंजली को सिर्फ मेरा लंड चाहिए. मैंने उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर के उसकी ब्रा को चूमने लगा.

अंजली बोली – मेरी ब्रा को नहीं….. मेरे दूध को चूमो!

उस वक़्त मेरी आखों में गजब का नशा था. मैंने उसके निप्पल की ओर देखते हुए उसकी चूचियों को अपने हाथों में भर लिया और अपनी जीभ को निप्पल के चारों ओर घुमाने लगा. अंजली मदहोश होने लगी. तभी उसने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं समझ गया की अंजली मेरा लंड चूसना चाहती है. मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और अंजली को सोफे पे बैठा कर लंड उसके मुँह में डाल दिया.

वो मेरे लंड को थोड़ी देर अपने हाथ में लेकर उस से खेलती रही फिर धीरे से अपने होंठो से उसे चूम कर अपने मुह में ले लिया और ऊपर की स्किन को हटा कर मेरे लंड के सुपाड़े पर अपनी जीभ घुमाने लगी.
उफफ्फ्फ्फ़…. बहुत मजा आ रहा था अंजली को ये सब करता देखकर. मेरे हाथ उसके दूध पकडे हुए थे और उन्हें आहिस्ता आहिस्ता मसल रहे थे.
तभी अंजली ने मेरे लंड के नीचे लटकते हुए बाल्स अपने मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में भर के सहलाने लगी जैसे उसकी मुट्ठी उसकी चूत हो और मेरा लंड उसकी मुट्ठी को चोद रहा हो. मेरे मुँह से सिस्कारियां निकलने लगी. अआह्ह्ह….उफ्फ्फ.

मैंने कहा- अंजली ऐसे ही करती रहो. बहुत मजा आ रहा है. ऐसा लग रहा है कहीं तुम्हारे हाथों में ही न झड जाऊं.
फिर मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया और नीचे बैठ कर उसकी दोनों टांगों को खोल दिया. उफ्फ्फ! मेरे सामने जो उसकी गुलाबी चूत थी वो पूरी तरह गीली हो चुकी थी. तभी मुझे एक शरारत सूझी. मैंने पास पड़ी शहद की शीशी को अंजली की चूत के ऊपर उड़ेल दिया. अंजली की चूत शहद से भीग चुकी थी और मैं उसकी मीठी चूत अपने होठों से साफ़ करना चाहता था. अंजली मेरी इस हरकत से और गरम हो उठी. मैंने उसकी चूत को काफी देर तक चाटा और एकदम साफ़ कर दिया.

फिर मैंने उसके निप्पल पे बर्फ लगाना शुरू किया और अपनी उँगलियों से उन्हें छेड़ने लगा. उसकी चूचियां सेक्स की प्यास से और कड़ी हो गयी थीं, जिन्हें मैंने मुँह में भर लिया और अपने लंड को अंजली की चूत के ऊपर टिका दिया, लेकिन उसकी चूत में डाला नहीं.

अंजली कहने लगी- प्लीज मेरी चूत में घुसेड़ दो अपना लौड़ा….
मैंने उसकी बात मान कर उसके दूध पीते हुए अपना लौड़ा उसकी चूत में अंदर सरका दिया और उसकी कमर पकड़ के धीरे- धीरे गहरे धक्के लगाने लगा. अंजली मचल रही थी, अपनी चूत उठा-उठा कर मेरे लंड को और गहरे तक लेने का प्रयास कर रही थी. वो मदहोशी में चिल्लाये जा रही थी और गालियाँ बके जा रही थी- मुझे अपनी रंडी बना के चोदो! मेरी प्यास बुझा दो….

मैं भी उसकी गालियाँ सुनकर जोश में आ गया और कहने लगा – मेरी रंडी साली! तेरी चूत मार के मुझे जन्नत का मजा आ रहा है.

अंजली बोली- कुतिया बना के मार मेरी. चढ़ जा मेरे ऊपर….. आआह्ह्ह्ह …उफ़…तेरा मोटा लौड़ा ही मेरी चूत की गर्मी शान्त करेगा.

काफी देर चोदने के बाद मैंने अपना माल उसके होठों पर गिरा दिया और ठंडा पड़ गया. हम दोनों नंगे लेट कर सो गए. थोड़ी देर बाद उठने पे जब मैंने अंजली का नंगा बदन देखा तो मुझे फिर से जोश चढ़ गया और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने फिर से उसे कुतिया की तरह चोद कर उसकी और अपनी प्यास बुझाई.