किराएदार को गर्लफ्रेंड बनाकर पेला

उसकी क्लास छूटी तो देखा की सीमा भी उसके साथ में है. यह देख कर बात कैसे करूँगा यह सोच कर मैं निराश हो गया. तभी मैंने देखा कि सीमा ने शिल्पा से कुछ कहा और वो कहीं और जाने लगी. फिर जब शिल्पा आगे बढ़ कर ऑटो की तरफ जाने लगी तो मैंने अपनी बाइक शिल्पा के बगल में रोकी और उससे कहा कि घर जा रही हो तो मेरे साथ ही चल लो मैं भी घर ही जा रहा हूँ…

हेल्लो मित्रों! मैं सतेंद्र एक बार फिर हाज़िर हूँ, आप सब के सामने अपनी एक नई कहानी को लेकर. ये कहानी मुझे मेरे एक ई-मित्र ने मेरी कहानी जुदाई ने मार डाला पढ़ने के बाद भेजी है. ये उनकी ही एक कहानी है आशा करता हूँ कि आप सब इस कहानी को जरूर पसन्द करेंगे. अब मैं
स्टोरी को उनके ही शब्दों में सुना रहा हूँ.

बात उन दिनों की है, जब हमारे घर में रहने के लिए एक नये किरायेदार रहने आये थे. घर के नीचे के हिस्से में हम लोग रहते थे और ऊपर के हिस्से मे किरायेदार रहते थे.

एक रूम में केवल दो लड़कियां और दूसरे रूम में एक भाई और उसकी बहन रहते थे. वो सभी एक ही सिटी से थे और
सब एक दूसरे को जानते थे. दोनों साथ रहने वाली लड़कियों का नाम शिल्पा और सीमा था और दोनों देखने में बहुत ही खूबसूरत थीं लेकिन शिल्पा कुछ ज्यादा हीवखूबसूरत थी.

वह जब घर में रहती तो स्कर्ट और शर्ट पहनती थी. सीमा भी खूबसूरत थी लेकिन शिल्पा के जितनी नहीं. शिल्पा के चेहरे के साथ – साथ उसकी बॉडी का फिगर भी बहुत अच्छा था. उसकी बॉडी भरी – भरी थी. इससे वो ओर भी अच्छी लगती थी. उसके काले घने बाल उसकी खूबसूरती
को और भी बढ़ा देते थे.

गर्मी में शाम देर से होती है तो मैं अक्सर शाम को छत पर चला जाया करता था और छत पर ही 1-2 घंटे इधर – उधर करता रहता था. शिल्पा मेडिकल की तैयारी कर रही थी और इसके लिए उसने कोचिंग क्लास जॉइन कर रखा था. उसकी क्लास 2 बजे तक ख़त्म हो जाती थी और वह तीन बजे तक घर आ जाती थी.

जब मैं शाम को छत पर घूमने जाता था तो मैं अक्सर शिल्पा की भी अपने रूम के बाहर ही देखता था. मैं हमेशा शिल्पा से बात करने की कोशिश में लगा रहता था और जैसे ही मौका मिलता, वैसे ही मैं उससे बातें करना शुरू कर देता था.

उसे इंटरनेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था. एक दिन उसने मुझसे कहा कि मुझे अपने एक फ्रेंड को मेल करना
है, लेकिन मुझे पता नहीं है कि मेल कैसे करते हैं! तो क्या आप मेल करने में मेरी मदद करेंगे?

मैंने कहा, “ठीक है मैं आपको बता दूँगा. दोस्तों, हमारे घर से थोड़ी दूरी पर ही एक साइबर कैफे है, जिसमें मैं और शिल्पा पहुंच गए. फिर मैंने उसे मेल कैसे करते हैं बताया. जब मैं उसे बता रहा था तो कितनी ही बार मेरा हाथ उसके हाथों से टच हुआ. जब मेरा हाथ उसके हाथों से टच होता तो मुझे बहुत अच्छा लगता था, लेकिन जब भी हाथ टच होता तो मैं सॉरी बोलकर बात को इग्नोर करने की कोशिश करता. तब उसने कहा कि इसके लिए सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है. जब आप मुझे कुछ सिखा रहे हैं तो ऐसे में हाथ टच हो गया तो क्या हुआ!

फिर मैंने वहीं कैफे में ही उसके हाथ को हल्के से पकड़ने का मौका ताड़ने लगा और एक बार मौका मिलने पर पकड़ भी लिया. उसके हाथ इतने मुलायम थे कि मैं बता नहीं सकता हूँ. उस समय बस दिल कर रहा था कि उसके हाथों को इसी तरह पकडे रहूँ.

फिर थोड़ी देर बाद कैफे से हम लोग घर चले आये और वो अपने रूम में चली गई. उस दिन मैं शिल्पा से बात करने को बहुत बेचैन हो गया. मैं सोचने लगा कि अब शिल्पा से कैसे बात करूं. वो सुबह अपनी मेडिकल क्लास जाती थी.

क्लास जाने के लिए वो ऑटो करके जाती थी. ऑटो घर से थोड़ी दूरी पर मिलता था. अब मैंने डिसाइड किया कि जब वो क्लास से लौटेगी तब मैं रास्ते में उससे बात करूँगा. दूसरे दिन मैं करीब 1.30 बजे घर से निकल गया और उसकी कोचिंग क्लास के बाहर जाकर उसकी क्लास छूटने का इन्तजार करने लगा.

उसकी क्लास छूटी तो देखा की सीमा भी उसके साथ में है. यह देख कर बात कैसे करूँगा यह सोच कर मैं निराश हो गया. तभी मैंने देखा कि सीमा ने शिल्पा से कुछ कहा और वो कहीं और जाने लगी. फिर जब शिल्पा आगे बढ़ कर ऑटो की तरफ जाने लगी तो मैंने अपनी बाइक शिल्पा के बगल में रोकी और उससे कहा कि घर जा रही हो तो मेरे साथ ही चल लो मैं भी घर ही जा रहा हूँ.

यह सुन कर वो बिना कुछ कहे मेरी बाइक पर बैठ गई. मैं बहुत खुश था कि शिल्पा मेरी बाइक पर मेरे साथ बैठी
थी. जब वो बाइक पर बैठी थी तो बाइक चलने पर उसके बूब्स बार – बार मेरी पीठ से टच हो रहे थे. जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

तभी मैंने शिल्पा से कहा कि मुझे आप बहुत अच्छी लगती
हो. आप बहुत खूबसूरत हो और आज मैं आपसे बात करने के लिए ही यहाँ तक आया हूँ. मेरी बात सुन कर शिल्पा हँसने लगी और बोली, “आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते हैं,
मैं भी आपसे बात करना चाहती थी, लेकिन आप बात ही
नहीं करते थे.”

फिर मैंने उससे पूछा कि सीमा कहाँ गई है तो वो बोली कि सीमा आपको देख कर मुझसे अलग चली गई है. वो जानती थी कि आप मुझसे बात करने के लिए यहाँ तक आये हैं. उसकी बात सुन कर मैं बहुत खुश हो रहा था. दिल में एक अजीब सी खुशी हो रही थी. शिल्पा से बात करते – करते कब घर के पास आ गये पता ही नहीं चला. अब मैं शिल्पा को चोदने के सपने देखने लगा. मैं सोचने लगा कि अब मुझे जल्दी ही उसकी चुदाई करने का मौका मिलेगा. यह सोच कर मैं बेसब्री से रात का इंतजार करने लगा.

शाम को जब मैं छत पर गया तो शिल्पा बाहर ही बैठी हुई थी और सीमा अंदर रूम में सो रही थी. जब शिल्पा ने मुझे देखा तो मुझसे बैठने के लिए कहा तो मैं उसके बगल में ही एक कुर्सी पर बैठ गया. थोड़ी देर बाद शिल्पा मेरे लिये चाय बनाकर ले आई और बोली, “चाय पी लीजिये.”

मैं चाय का कप एक हाथ में लेकर पीने लगा और एक हाथ शिल्पा के हाथों के ऊपर रख दिया. जिसे देखकर शिल्पा थोड़ा सा मुस्कुराई लेकिन बोली कुछ नहीं. मैं समझ गया कि शिल्पा भी चाहती है कि मैं उसके साथ कुछ करूं.

चूंकि शाम का टाइम था तो ज्यादातर लोग अपनी अपनी छतों पर ही थे. ऐसे में मैं कुछ कर नहीं पा रहा था. फिर मैंने शिल्पा के चहेरे की तरफ हाथ बढ़ाकर उसके गालों को छूते हुए अपने हाथ उसके लिप्स पर ले गया तो शिल्पा बोली, “क्या कर रहे हो साहिल! सीमा देख लेगी तो क्या सोचगी!” तो मैंने अपना हाथ हटा लिया.

उसके बाद मैं थोडी देर वहाँ बैठा रहा और फिर नीचे आकर रात होने का इंतज़ार करने लगा. रात में करीब 11 बजे मैं छत पर गया तो देखा कि शिल्पा के रूम की लाइट जल रही है. यह देख कर मैं वहीं छत पर खड़े होकर उसके बाहर
आने का इन्तजार करने लगा.

रात को 11.30 बजे वो रूम से बाहर आई तो मुझे वहां देखकर हैरान रह गई और बोली, “आप यहाँ क्या कर रहे हैं?” तो मैने कहा, “आपके बिना रहा नहीं जा रहा था. आपकी याद आ रही थी तो छत पर चला आया.” ये कहते हुए मैंने उसे अपनी बाहों में खींच लिया. इस पर वह बोली, “अरे ये क्या कर रहे हैं! कोई देख लेगा तो!”

अब मैंने कहा, “ऐसे टाइम कौन देखता है किसी को, सब अपने – अपने काम में लगे रहते हैं.” फिर इतना कहते हुए मैंने उसके होंठों को किस करना चाहा तो उसने मना कर दिया, लेकिन फिर खुद ही वो मेरे होंठों पर किस करते हुए बोली, “अब आप नीचे जाइए.”

तो मैं बिना कुछ बोले दोबारा उसके होंठों पर किस करने लगा. इस बार वो कुछ नहीं बोली. इस टाइम भी उसने स्कर्ट और शर्ट पहन रखी थी. जब मैं उसके होंठों पर किस कर रहा था तो उसके बूब्स मेरी छाती से टच हो रहे थे. यह मुझे
बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने पीछे से पकड़ते हुए उसके गले पर किस करने लगा और उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा. पहले तो उसने थोड़ा सा विरोध किया लेकिन फिर जब मैं उसकी चूचियों को ज़ोर – ज़ोर से दबाने लगा तो वह सिसकते हुए ‘आआहह धीरे – धीरे कीजिये उूउऊहह’ करने लगी.

अब मेरा भी लंड टाईट होने लगा था. फिर मैंने शिल्पा से कहा कि चलो सबसे ऊपर वाली छत पर चलते हैं. ओर वो कुछ बोलती इसके पहले ही मैंने उसे गोदी में उठा लिया. उसने अपनी आँखें बंद कर ली और फिर मैं उसे उठा कर सबसे उपर वाली छत पर चला गया.

वहाँ जाते ही शिल्पा मेरे सीने से लिपट गई और मेरे होंठों पर किस करने लगी और बोलने लगी, “साहिल मैं तुमसे
बहुत प्यार करती हूँ.” इस दौरान वो मेरे होंठों को बेतहाशा
चूमे जा रही थी और मैं अपने हाथों से उसकी चूचियों को दबाता जा रहा था.

उसकी चूचियाँ बहुत टाइट थीं. उन्हें दबाने से थोड़ी देर में ही मेरे हाथों में दर्द होने लगा तो मैंने शिल्पा को पकड़कर हल्का सा ज़मीन के ऊपर लेटाते हुए उसके शर्ट के सारे बटन खोल दिए. उसने शर्ट के नीचे कुछ नहीं पहना था. उसकी चूचियों को देख कर तो मानो मेरे लंड मे 440 वोल्ट का करंट दौड़ गया हो.

फिर मैं उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा और अपने मुंह को उसकी चूचियों के पास ले जाकर उसके निप्पल को अपने दोनों होंठों के बीच में दबाकर अपनी जीभ से हल्का – हल्का चूसने लगा. अब शिल्पा को और भी अच्छा लगने लगा था.

अब मैं उसकी चूचियों को पूरा मुंह में लेकर चूसने लगा. जिससे शिल्पा उत्तेजित हो गई थी और जोश में बोल रही थी, “साहिल, मेरे साहिल मेरी चूचियों का सारा दूध पी लो, और आआअहह उम्म हां, चूसते रहो. मेरे साहिल ओर ज़ोर से चूसो इन्हें आह आह.”

उसकी ये बातें मेरे अंदर और भी जोश पैदा कर रही थीं. इससे मेरे चूसने की स्पीड भी तेज हो गई थी. उसकी चूचियों को चूसते हुए मैं अपना एक हाथ उसके पेट के ऊपर से उसकी जांघों के पास ले गया और उसे हल्के हाथ से सहलाने लगा. अब शिल्पा जोश में आकर मेरे मुंह को अपनी चूचियों पर ज़ोर से दबाने लगी.

मैं उसकी चूचियों को चूसते – चूसते अपने हाथों से उसके
स्कर्ट को खोलने लगा तो पहले तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन फिर खुद ही उसने अपनी स्कर्ट खोल दी. उसने काले कलर की पैंटी पहन रखी थी.

चाँदनी रात में उसका खूबसूरत जिस्म और ऊपर से उसकी काली पैंटी क़यामत ढा रही थी. अब मैं उसे अपनी बाहों में भर कर उसके पूरे जिस्म को अपने हाथों से सहलाने लगा. मेरा लंड अब मेरे कंट्रोल में नहीं हो रहा था.

फिर मैंने जल्दी से उसकी पैंटी उतार दी. उसकी चिकनी चूत को देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये थे. उसकी चिकनी चूत इतनी सॉफ्ट चूत थी कि क्या बताऊँ! फिर मैंने उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया तो वो जोश से भर गई और मेरे कपड़े उतरने लगी.

अब हम दोनों पूरे नंगे थे. फिर उसने जैसे ही अपने मुलायम हाथों से मेरे लंड को टच किया, मेरे तो होश ही उड़ गये. मेरा लंड पूरी तरह से उसके हाथों में नहीं आ रहा था. वो
बार – बार लंड को पूरी तरह पकड़ने की कोशिश कर रही थी.

फिर उसने एक बार झुक कर मेरे लंड पर किस कर लिया. इससे मेरा लंड और बेकाबू हो गया. फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाते हुए उसे नीचे लेटा दिया. अब मैं उसकी चूत के पास अपना मुंह ले जाकर उस पर किस किया तो बोली, “साहिल, ये क्या कर रहे हो! मुझे कुछ हो रहा है. मत करो.”

फिर मैंने अपनी जीभ निकली और उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ को फेरने लगा. अब शिल्पा ज़ोर – ज़ोर से ‘आआआआआआअहह करते रहो आआओउुउउ’ करने लगी. शिल्पा की हालत को देखकर लग रहा था कि अब उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा है. फिर वो बोलने लगी, “मेरे साहिल, जो करना है जल्दी से कर लो, जल्दी – जल्दी कर लो उूउऊहह आआआअ बस करो साहिल, अब और नहीं रुका जा रहा है, आआअहह उउउहह साहिल जल्दी से कर लो.”

फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी चूत को हल्का सा
फैलाया और अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी.
उसकी चूत बहुत ही गरम थी. अब शिल्पा ने मेरे मुंह को ज़ोर से अपनी चूत पर दबा कर अपनी कमर को हिलाने
लगी. थोड़ी देर बाद फिर उसकी कमर हिलाने की स्पीड
धीमी हो गई और उसकी चूत से रस निकलने लगा. जब तक उसकी चूत से रस निकल रहा था, तब तक उसने मेरे
मुंह को अपनी चूत पर कसकर दबा रखा था.

फिर मैं उठा और उसके बगल में लेट गया और वो मेरे से लिपट गई और मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी. एक हाथ से वो मेरे लंड को हिला रही थी और उसका दूसरा हाथ मेरे सारे शरीर पर चल रहा था. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.

फिर शिल्पा उठकर मेरे लंड के पास गई और अपने होंठों से मेरे लंड के चारो तरफ किस करने लगी. अब मैं पूरी तरह से
बेकाबू हो कर चोदने के लिये तैयार हो गया था. फिर मैंने शिल्पा को नीचे लेटा कर उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसके बीच में जाकर बैठ गया. वह बड़े ध्यान से मेरी ओर देख रही थी.

फिर मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाली तो लगा कि उसकी चूत बहुत टाइट है. मेरी एक उंगली भी उसकी चूत में बड़ी मुश्किल से जा रही थी. फिर मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत के अंदर डालकर अंदर – बाहर करने लगा. थोड़ी देर में ही उंगली आसानी से अंदर – बाहर होने लगी.

तब मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा. अब उसने
अपनी आँखे बंद कर ली थी. फिर मैंने हल्के से अपने लंड को उसकी चूत पर दबाया ही था कि वो चिल्ला उठी, “नहीं साहिल, अब नहीं. बहुत दर्द हो रहा है.” फिर मैंने उस टाइम थोड़ा सा अपने लंड को और दबा दिया. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत मे जा चुका था और वो ज़ोर से चिल्लाई, “साहिल नहीं, मैं मर जाऊँगी. प्लीज रहने दो बहुत दर्द हो रहा है.”

अब मैंने अपने लंड को वैसे ही छोड़ दिया. थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने ज़ोर का एक झटका दिया और मेरा पूरा लंड शिल्पा की चूत में धंस गया. इस बार वो ज़ोर से चिल्ला उठी, “साहिल बस करो.”

अब मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालकर वैसे ही छोड़ दिया. 2 मिनट के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो शिल्पा ने अपने दोनों हाथों से मुझे जकड़ लिया और मेरे होठों पर किस करने लगी. उसके किस से मेरे अंदर की इच्छा और बढ़ने लगी. अब मैंने फिर से अपना लंड शिल्पा की चूत से निकाला और एक ज़ोर का झटका मारा.

इस बार मेरा पूरा लंड एक ही बार मे अंदर चला गया. इस बार भी शिल्पा को दर्द हुआ और वह बोली, “साहिल, धीरे – धीरे करो दर्द हो रहा है.” फिर मैं अपने लंड को उसकी
चूत में ही छोड़कर उसके होठों को चूसने लगा. जब वो मेरे होठों को चूसने में मस्त हो गई तो मैंने एक ज़ोर का झटका फिर से उसकी चूत में मारा. इस बार उसे उतना दर्द नहीं हुआ.

अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर – बाहर करने लगा. अब शिल्पा को भी मज़ा आ रहा था और वह लगातार आहें भरने के साथ ही साथ हल्के – हल्के अपनी कमर को उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

अब मैं पूरे जोश से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर – बाहर कर रहा था और साथ ही उसके होंठों को भी बीच – बीच में चूम रहा था. तभी अचानक उसकी कमर उठाने की
स्पीड बहुत तेज हो गई और वो कहने लगी, “मेरे साहिल, आज मेरी चूत को फाड़ दो और ज़ोर से करो मेरे साथ.
आआअहहह्ह्ह्हह करते रहो मेरे साहिल करते रहो.”

फिर उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को पूरी तरह से जकड़ लिया और एक ज़ोर के झटके के साथ वो झड़ गई और मेरे होंठों पर अपने होंठों रख कर किस करने लगी. मेरा लंड भी अब आखिरी स्टेज पर आ चुका था और मैं ज़ोर – ज़ोर से झटके मारने लगा था. फिर थोड़ी ही देर में मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई. फिर मैं करीब 2 मिनट तक तो ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और फिर उसके बगल में आकर लेट गया. अब वो मेरे कंधे पर सर रखकर लेट गई.

उसका नंगा मुलायम बदन सच में बहुत खूबसूरत लग रहा था. फिर मैंने रात में ही एक बार फिर उसकी चुदाई की और सुबह 5 बजे जब हल्की रोशनी होने लगी, तब हम
लोग नीचे उतर आए. जब नीचे गये तब तक सीमा जग चुकी थी. हम दोनों को साथ में देखकर वो हसंते हुए बोली, “लगता है आप लोग रात भर आप लोग सोये नहीं हैं!”

शिल्पा उसकी बात सुनकर हंसकर रूम के अंदर चली गई और फिर मैं भी नीचे अपने रूम में चला आया.

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