लंड के पानी से बुझाई मौसी की चुदाई की आग

सरला मौसी के कमनीय देह की कामना जाने कब से मेरे मन में थी. एक फिल्म में सुना था कि अगर सच्चे मन से किसी चीज की कामना करो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में जुट आती है. कुछ ऐसा की हुआ. जिस परी जैसी मौसी की चुदाई के मैं सपने देखा करता था….वो वास्तविकता में मेरा लंड मांग रही थी………

मेरा नाम सोनू (जोगिन्दर) है. मैं राजस्थान हनुमान गढ़ का रहने वाला हूँ. मै एम. कॉम अंतिम वर्ष का छात्र हूँ. मेरी उम्र 24 वर्ष और मेरी हाईट 5.5’ है. मेरा लंड 7.5 इंच लम्बा और 3.5 इंच मोटा है. हमारे घर में सिर्फ 4 लोग हैं, माँ-पापा, मैं और मेरी बहन संजू.

एक मेरी माँ-पापा और मेरी बहन को चाचा की लड़की की शादी में जाना पड़ा. शादी में अभी काफी दिन बचे थे इसलिए मुझे घर पे ही रुकना पड़ा. मुझे खाना बनाना नहीं आता तो इसके लिए मेरी मौसी जिनका कि काफी पहले ही तलाक हो चुका था, उन्हें मेरे पास छोड़ गए. वो मेरी सगी मौसी नहीं थीं बल्कि मेरी माँ की मुह बोली माँ की बेटी थी.

मौसी से मेरी बहुत अच्छी बनती भी थी. मौसी दिखने में बहुत सुन्दर हैं. उनका नाम सरला है. गोरा रंग, भूरी आखें, शराबी होंठ, देखने का अंदाज सब होश उड़ाने वाला था. क्यूट सी स्माइल वाली मौसी परी से भी ज्यादा सुन्दर लगती थी. उनकी उम्र अभी 32 वर्ष थी. फिगर का तो पूछो मत! 34-28-36 वाली उनकी फिगर जब बुड्ढे भी देख लेते तो उनके मुँह में भी पानी आ जाता.

उस दिन जब मैं कॉलेज से घर आया तो मौसी ने मुझे फ्रेश होने के लिए कहा और खुद नीचे चली गयी. मैं भी थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर नीचे आ गया. हम दोनों ने साथ में ही खाना खाया और फिर मैं पढाई करने में लग गया. शाम बीत जाने के बाद मैं ड्राइंग रूम में आकर टीवी देखने लगा. मौसी भी वहाँ चाय लेकर आ गयी. हम दोनों ने साथ में चाय पी और बैठकर बातें करने लगे.

मैंने कहा- मौसी! यहाँ मन नहीं लग रहा है क्या?

मौसी ने कहा- नहीं! शरीर दर्द कर करा है. सोचती हूँ! थोड़ा आराम कर लूं.

मैंने कहा- ठीक है मौसी! आप आराम करो. मैं जरा बाहर से घूम कर आता हूँ.

मौसी ने कहा- बैठो न यहीं! कुछ देर बातें करते हैं.

मैं वहीँ बैठ गया. मौसी ने कहा- अब तुम हमारे यहाँ नहीं आते. हमारी याद नहीं आती क्या?

मैं- ऐसी बात नहीं है. बस थोड़ा समय नहीं मिल पाया. वो मैं अपनी पढाई में बिजी था न!

मौसी- बस कर पता है मुझे, कितना बिजी था? वैसे तेरी गर्लफ्रेंड का क्या हुआ?

मैं- ब्रेक अप हो गया.

मेरे और मौसी के बीच का रिश्ता काफी दोस्ताना था. हम आपस में काफी खुल कर बातें करते है. इसलिए मैंने बिंदास होके बोला- अब दूसरी बनाने की तैयारी है.

मौसी- अच्छा!! कौन है?

मैं- मेरी बुआ की बेटी पूजा, मुझे बहुत पसन्द है.

मौसी- अच्छा बच्चू! अब घर की लड़कियों पे नजर है तेरी? वैसे पटने वाली नह्हीं है तुझसे.

मैं- क्यों? कोई पहले से ही है क्या?

मौसी- पता नहीं! लेकिन वो प्यार के खिलाफ है. उसे प्यार में ट्रस्ट नहीं है.

मैं- ओह! अब तो अकेला रहना पड़ेगा. वैसे मौसी, आप बताओ, आपकी प्रेम की नैया आपके ब्वायफ्रेंड के साथ कैसी चल रही है? आपको तो बहुत प्यार करता होगा?

मौसी उदास हो गयी. मुझे लगा कुछ गड़बड़ा है.

मैंने पूछा- क्या हुआ मौसी? कोई समस्या है क्या? जो भी है मुझे खुल के बताइए. हम दोनों तो दोस्त हैं न?

मौसी ने कहा- कहीं कोई समस्या नहीं है. घर वाले भी खुश रखते हैं और मेरा ब्वायफ्रेंड भी. लेकिन वो चुदाई करके मेरी प्यास नहीं बुझा पाता.

मैं तो उनके मुँह से ये सब सुनकर चौंक ही गया. मैंने कहा-आप लोगों ने तो कई बार सेक्स भी किया होगा. डॉक्टर को दिखाया कभी?

मौसी- समस्या मुझे नहीं है. लेकिन तुम तो जानते हो एक बार जिस लड़की की शादी हो जाती है उसे चुदाई की आदत लग जाती है. लेकिन वो मेरी प्यास नहीं बुझा पता.

फिर उन्होंने कहा- तुम बुझाओगे मेरी प्यास?

मैं- मैं कैसे मौसी? मैं नहीं.

इतना कहकर मैं चुप हो गया. लेकिन मुझे तो खुद मौसी की चूत मारने का मन था फिर भी जानबूझ कर चुप था.

थोड़ी देर बाद मैं और मौसी कमरे में सोने चले गए, सोने के लिए और आराम करने लगे. दोनों ही खामोश थे. फिर मैं अचानक से उठा और डायरेक्ट मौसी के होठों पे अपने होंठ चिपका दिए. हम दोनों एक दूसरे को जम कर किस करने लगे. काफी देर तक किस करते-करते हम दोनों ने एक दुसरे को नंगा कर दिया.

फिर मैं मौसी के बूब्स को चूसने लगा. मौसी के मुह से अआह….उफ्फ्फ्फ़… की आवाजें निकलने लगी.

मैंने कहा- मौसी! आज तो ऐसी चुदाई करूंगा कि किसी और से चुदने के लिए तैयार नहीं होगी.

तब तक वो मेरे लंड से खेलने लगीं. साफ़ पता चल रहा था कि उनके अन्दर चुदाई की जबरदस्त आग लगी हुयी है. मैं भी जल्दी से मौसी के ऊपर आकर 69 की अवस्था में आ गया. उनकी टांगों को फैलाकर उनकी चूत के दाने को अपनी जीभ से छेड़ने लगा. मेरा लंड उनके मुँह में घुसा हुआ था और उसे चूस रही थी. मैं कभी-कभी उनके चूत के दाने को हल्का सा काट लेता. वो सीईईईइ….कर के सिहर उठतीं. फिर उनकी चूत को खोलकर अपनी जीब से चोदने लगा.

मौसी ने कहा- तुम तो बहुत अच्छे से चूत चाट लेते हो. और तुम्हारा लंड भी मेरे ब्वायफ्रेंड से ज्यादा बड़ा है. तुम्हारा लंड तो मेरी चूत को फाड़ ही डालेगा.

इतना सुनते ही मुझमे और जोश भर गया. मैंने थोड़ा जोर से उनकी चूत को काट लिया. वो चिल्ला उठीं- हाय!!….सोनू…जरा आराम से चूस. लेकिन मैंने उनकी चूत के छेद को अपनी लम्बी जीभ से चोदना शुरू कर दिया. मौसी उह्ह्हह्ह….आआह्ह…और जोर से…कहते हुए साथ में मेरे लंड को भी चूसे जा रही थी. इतना मजा आ रहा था कि बस पूछो मत. थोड़ी देर के बाद मौसी झड़ गयी और मैंने भी अपने लंड का माल मौसी को पिला दिया.

फिर हम दोनों वाशरूम गए और खुद को साफ़ किया. मैंने उन्हें बाथरूम में ही किस करना शुरू कर दिया और साथ में बूब्स दबाने लगा. मौसी मेरे लंड को सहलाते हुए बोली- सोनू! अब और मत तडपाओ! चोद दो मुझे.

इतना सुनकर मैं मौसी को गोद में उठाकर लाया और बिस्तर पे लिटा दिया. फिर उनकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पे रखकर अपने लंड को उनकी चूत की छेद पे घिसने लगा. वो सिसकारियाँ भर रही थी कि मैंने अचानक से एक जोर का धक्का मार के अपना आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में पेल दिया. मौसी छटपटाने लगी.

मौसी बोली- अरे सोनू! धीरे कर….तेरा बहुत बड़ा है.

लेकिन मैंने अगले धक्के में पूरा लंड उनकी चूत में समा दिया. थोड़ी देर रुक कर मैं धीरे-धीरे पूरे रिदम में उनको चोदने लगा.

मौसी को मजा आ रहा था. वो कहने लगी- चोद सोनू….आज जी भर के चोद…..मेरी चूत का इतने सालों बाद आज चुदने का मजा आ रहा है. बस चोदता रह.

मैं 15-20 मिअत तक लगातार उन्हें चोदता रहा. मौसी ने अपना पानी भी झाड़ लिया था. अब जब मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने पूछ- कहाँ निकालूँ.

मौसी ने कहा- अन्दर ही डाल दे. बुझा दे मेरी चूत की प्यास. चिंता मत कर! मैं गोली खा लूंगी.

फिर मैंने 15-20 झटके मार कर कर अपने लंड के अमृत से उनकी चूत को भर दिया. कुछ देर बाद हम फिर बाथरूम में जाकर एक दुसरे को साफ़ करने लगे.

अब जब भी हमें मौका मिलता है, जम कर चुदाई करते हैं. आगे और भी कहानियों का लुत्फ़ उठाने के लिए मुझे मेल करते रहिये. मेरी आई डी है…