मसाज तो बस बहाना है, असली मकसद तो चोदना और चुदवाना है

उसको उसकी बुर को मसाज देने के बाद उसको फिर से पूछा और अब उसके बुर के अन्दर उंगली डाल दी. इससे वो गनगना उठी. फिर मैं उसके बुर के अन्दर की दीवार को मैं मसाज देने लगा. इसके कुछ ही मिनटों में उसकी सांस फूलने लगी और वो कराह उठी…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और औरतों को मसाज देने का काम करता हूँ. 16 सितंबर 2016 को रात में मेरे मोबाइल पर एक कपल का मैसेज आया. पति का नाम राहुल और पत्नी का नाम पूजा था. दोनों 32 से 34 साल की उम्र के थे.

मैं फेसबुक पर उनसे 6-7 महीने से चैट करता था और कभी – कभी फ़ोन पर बातचीत भी होती रहती है. एक – दो बार मज़े लेने के लिए मिलने का का प्रोग्राम भी बनाया पर किसी कारणवश मुलाकात नहीं हो पायी.

उस रात में उन कपल का मैसेज आया कि कल रात यानि की शनिवार रात को एन्जॉय करना है. दोस्तों, वो कपल एक जॉइंट फॅमिली में रहते है इसलिए टाइमिंग की प्रॉब्लम थी.

खैर, हमारा मिलने का टाइम तय हुआ रात को साढ़े 11 बजे और जगह नार्थ दिल्ली के पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पर तय हुई. 11 बजे मैं पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पहुंच गया और कपल को कॉल किया कि मैं पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पहुंच गया हूँ. इसके बाद साढ़े 11 बजे राहुल मुझे लेने मेट्रो स्टेशन आया और फिर मैं राहुल के साथ उनके घर आ गया.

इसके बाद मैं पूजा के साथ बेडरूम में गया. उसने मुझसे कहा कि आप आज जिस तरह से मालिस करना चाहते हो करो और मुझे संतुष्ट करो. करीब पाँच मिनट काम करने के बाद मैंने उसके कंधे को दबाया और मसाज दिया फिर उसकी पीठ को मसाज दिया. दोस्तों, उसकी कमर क्या जबरदस्त थी!

अब मैं पैर पर आ गया और उसके घुटनों से ऐड़ी तक मसाज दिया फिर तालुओं को मसाज दिया. दोस्तों, अब मेरी बारी थी कि उसको मम्मों पर मसाज दूँ या उसके कूल्हों पर शुरू करूं.

अब मैंने तय किया कि पहले उसके मम्मों को मसाज दूँगा. फिर मैं उसके सर के पास आया और उसको बोला कि अब आप पलट जाओ और ब्रा उतार दो, जिससे कि आपके वक्ष की मसाज हो जाए. फिर वो अपनी ब्रा उतार दिया और पलट कर लेट गई. उसके मम्मे कसे हुए थे और बिल्कुल भी लटके नहीं रहे थे.

उनको मैंने जैसे ही छुआ, वो हिल गई. फिर जब मैं धीरे से उसके मम्मों की मसाज चालू किया तो धीरे – धीरे वो सामान्य हो गई. उसके मम्मों का मसाज देने के बाद मैंने देखा कि उसके कान बिल्कुल गर्म हो गए थे और चेहरा लाल हो रहा था.

यह देख मैंने अब उससे पूछा, “क्या नीचे की कर दूँ?” तो उसने केवल सर हिला कर ‘हाँ’ कर दी. फिर मैं उसके पैरों के पास आया और उसकी चड्डी निकाल दी. उसने अपने बाल साफ़ किए हुए थे और उसकी चड्डी गीली हो गई थी.

उसको निकाल कर मैंने उसकी जांघों पर तेल लगाया. उसकी बुर के ऊपरी हिस्से पर तेल लगते ही वो कसमसा गई और उसने अपनी जांघें भींचने की कोशिश की लेकिन मैं उसके दोनों पैर के बीच बैठ कर काम कर रहा था सो वो कुछ कर न पाई.

इसके बाद फिर मैं उसके उन्हीं ऊपरी उरोजों को धीरे से मसाज देने लगा. कोई पाँच मिनट बाद मैंने उसके किनारे के पंखों को मसाज दिया. इसके बाद मैंने उसकी चूत के एक तरफ का पंख पकड़ा और उसको धीरे से मसाज देने लगा.

वो इस चीज के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी पर उसको यह काम अच्छा भी लग रहा था. अब वो अपने पूरे पैर फ़ैला कर लेट गई और मैं आराम से उसके एक तरफ की पंखुड़ी पर हाथ साफ़ कर रहा था. उसको मजा भी आ रहा था. अब उत्तेजना से उसका चेहरा लाल हो गया था.

कोई 7 से 8 मिनट मसाज देने के बाद मैंने उसके चूत के दाने को पकड़ा और उसको मसाज दिया. इससे उसकी चूत ने अपना पानी निकालना चालू कर दिया. गीला होने से और तेल लगा होने से उसके उस हिस्से को पकड़ना मुश्किल हो रहा था.

उसको उसकी बुर को मसाज देने के बाद उसको फिर से पूछा और अब उसके बुर के अन्दर उंगली डाल दी. इससे वो गनगना उठी. फिर मैं उसके बुर के अन्दर की दीवार को मैं मसाज देने लगा. इसके कुछ ही मिनटों में उसकी सांस फूलने लगी और वो कराह उठी.

ऐसा मैंने कुछ देर तक किया. फिर अन्दर उंगली घुमाई तो वो उचक – उचक कर अपने अन्दर उंगली लेने की कोशिश करने लगी. अब मैंने उसकी भगनासा को छुआ तो वह उछल गई और जोर से अपने अन्दर उंगली लेने की कोशिश करने लगी.

अब मैंने थोड़ी देर के लिए उसके अन्दर उंगली की और फिर बाहर निकाल ली. इसके बाद फिर मैंने उससे पूछा, “क्या आप चाहेंगी कि मैं ओरल करूँ?” तो उसने कहा, “जो भी करना हो करो.”

तब मैंने उसकी बुर को फैलाया और अपने घुटनों के बल बैठ कर उसकी बुर को चाटने लगा. उसके साथ ही मैंने अपनी उंगली भी बुर के अंदर डाल कर हिलाने लगा था. इससे उसका मजा दूना हो गया. मैंने उसके ऊपरी फूल को खूब मसला और चाटा. अब उसकी बुर अपने आप पानी बहाने लगी थी.

फिर मैंने उसके भगनासे को होंठों से हल्का सा खींच कर हिला दिया और जीभ को नुकीला करके उसे अन्दर तक घुसा दिया. इनके साथ में उंगली भी अपना काम कर रही थी.

मेरी जुबान फिर से उसकी चूत के अन्दर तक जाने लगी और दो मिनट में ही उसने अपना पहला पानी छोड़ दिया.
उसकी सांस फूलने लगी थी. फिर वह बोली, “जल्दी से ऊँगली अन्दर तक डाल दो.”

अब जैसे ही मैंने 2 मिनट तक ऊँगली की, तो उसका पानी भलभला कर निकल गया. इधर मेरी जुबान लगातार अंदर – बाहर चल रही थी. तभी उसका पानी गिरने लगा था. मुझे तुरन्त ही मालूम हो गया क्योंकि अब चुसाई का स्वाद बदल गया था.

फिर मैं उसकी जांघों को किस करने लगा. उसकी चूत से पानी निकल रहा था और मैं उसे चाटने में भी लगा था. दूसरी तरफ वो मेरे बालों को पकड़े हुए ज़ोर – ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी. वो कह रही थी, “आह आः ह्ह बहुत मज़ा आया, तुम बहुत अच्छा ओरल सेक्स करते हो.”

इस पर मैंने कुछ नहीं कहा और उसे घोड़ी बनने को कहा. जब वह घोड़ी वाली पोजिशन में आ गाई तो मैंने अपना लन्ड पैंट से बाहर निकाला और सीधा उसकी चूत के अंदर डाल दिया. इससे उसकी चीख निकल गई. बच्चे की माँ होने के बाद भी उसकी चूत में कसावट थी और स्तन भी बड़े बड़े थे. फिर मैंने थोड़ा रुक कर हल्का दबाव बनाया और धीरे – धीरे अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

अब मेरा पूरा लन्ड अंदर था और फिर मैं धक्कम पेल चुदाई करने लगा. हर धक्के पर पूजा कुछ अलग ही मज़ा दे रही थी. अब वह उछल – उछल कर मेरा लण्ड अपनी चुदासी चूत में लेने लगी. पूजा के साथ मैंने अलग – अलग तरह से सेक्स किया और उसे पूरी तरह संतुष्ट कर दिया.

उस दिन मैंने रात के 2 बजे तक पूजा के साथ फुल एन्जॉय किया. राहुल आराम से बैठ कर पूजा की मसाज और चुदाई देख रहा था. फिर 2 बजे राहुल मुझे बाहर तक ड्राप करने आया और मुझे अच्छी खासी रकम भी दी. इसके बाद मैंने अपनी बाइक पार्किंग से निकाली और घर अपने घर की तरफ चल दिया.

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