मौसी के साथ पहले सेक्स का अनुभव

हैल्लो दोस्तों, antarvasna मेरा नाम गोलू है और मैं एक गाँव में रहता हूँ, मेरी उम्र आज 30 साल हो गई है और मेरी शादी भी हो गई है पर जो मैं आज आप सबको बताने जा रहा हूँ वो मेरे सबसे पहले सेक्स की कहानी है। दोस्तों ये एकदम सच्ची कहानी है इसलिए कहानी को मज़ाक में मत लेना, मैं चाहता हूँ की आप मेरी ये कहानी पढ़कर अच्छे से पूरे मज़े ले। तो चलिए दोस्तों अब कहानी शुरू करते है। दोस्तों यह कहानी आज से करीब 8 साल पहले की है तब मैं कॉलेज में था और उस समय मुझे कॉलेज जाते हुए सिर्फ़ 5 या 7 महीने ही हुए थे मैंने तब सोचा था की शायद मैं अपनी लाइफ का पहला सेक्स एक कुंवारी और खूबसूरत लड़की के साथ करूँगा पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मैंने अपना पहला सेक्स किसी और से नहीं बल्कि अपनी मौसी के साथ किया था, मुझे इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था पर जो हो गया सो हो गया, तो चलिए दोस्तों मैं आपको यह बताता हूँ की यह सब मेरे साथ कैसे हुआ।

दोस्तों आप सबको तो पता ही होगा की गाँव में एक ही घर में 8-10 लोग एक साथ ही रहते है ऐसा ही कुछ मेरे घर में था। मेरे घर में टोटल 8 लोग रहते थे। मेरी मम्मी इसी गाँव की है दादा जी ने पापा की शादी अपने ही दोस्त की बेटी से करा दी थी इसलिए मम्मी का सुसराल और मायका इसी गाँव में है इसलिए मेरे नाना नानी और मामा सब यहीं पर रहते है। मेरे मामा की शादी पक्की हो गई थी और ऊपर से मेरी परीक्षा भी खत्म हो गई थी और मैं अब अपने कॉलेज में कुछ तैयारी कर रहा था। मामा की शादी के लिए मैंने कॉलेज से 20 दिन की छुट्टी ले ली थी, क्यूंकि गाँव में शादी 1 महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। धीरे धीरे हमारे सब रिश्तेदार आने लग गये थे, हाँ दोस्तों मैं बता दूँ मेरे यहाँ सब औरतें साड़ी ही पहनती है इसलिए मैं शुरू से नंगे पेट और नाभि और बूब्स के दर्शन करता आया हूँ। मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतें बहुत पसंद है उनको देखकर मेरा सेक्स करने का बहुत दिल करता है अब तक मैंने ब्लू फ़िल्में और सेक्स कहानियां को पढ़ना शुरू कर दिया था पर मैं सच कहूँ तो मुझे सबसे ज़्यादा अपनी मौसी बहुत पसंद है क्यूंकि वो सच में बहुत खूबसूरत और सेक्सी और गरम माल है। उनको देखते ही मेरा दिल करता है की अभी के अभी इसे नंगा करके चोद दूँ बस।

पर ऐसा तो अब मैं सिर्फ़ सोच ही सकता था मैंने अब तक सिर्फ़ मौसी को ही सोचकर मूठ मारी थी मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मैं कभी मौसी की चूत मारूँगा। मेरी मौसी की उम्र उस समय 35 साल थी पर वो दिखने में 28 साल से भी कम लगती थी इस उम्र में भी उनका फिगर काफ़ी सेक्सी और हॉट था। वो हमेशा से ही साड़ी पहनती थी और उनका साड़ी पहनने का अंदाज मुझे सबसे अलग लगता था। क्यूंकि वो अपनी साड़ी को अपनी नाभि से काफ़ी नीचे से बाँधती थी, इसलिए वो बहुत ज़्यादा सेक्सी लगती थी उनका गोरा जिस्म देखते ही मेरे मुहँ में पानी आ जाता था और मन करता था की कैसे भी करके मौसी का सारा जिस्म चाट लूँ, मौसी के अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था इसलिए वो मुझे अपने बच्चे के जैसे मानती थी और मुझसे बहुत ज़्यादा प्यार करती थी। जब भी मौसी मुझसे मिलती थी वो मुझे गले से लगा लेती थी और ज़्यादातर वो मेरे मुहँ अपने मोटे मोटे बूब्स में दबा लेती थी। उनके मुलायम बूब्स मुझे हमेशा से ही पागल कर देते थे, मैं जानकर ऊपर वाले बूब्स से अपने होंठ लगा देता था ताकि मैं मौसी के बूब्स को चूम सकूँ। उस दिन भी जब मौसी शादी से 8 दिन पहले घर आई तो मैं बहुत खुश हो गया था उस समय मैं काम कर रहा था और मेरे दोनों हाथ बहुत गंदे थे पर फिर भी मौसी मेरे पास आई और उन्होंने मेरा सिर हमेशा की तरह अपने बूब्स में दबा लिया मुझे पता था की मेरे साथ ये होगा ही इसलिए मैं पहले से ही तैयार था, जैसे ही मौसी ने मुझे अपने गले से लगाया तो मैंने अपने होंठ उनके नंगे बूब्स के ऊपर सेट कर लिए और उस दिन मैंने पहली बार अपनी जीभ से मौसी के बूब्स को चाटा था, मेंहमान आने के कारण घर में काफ़ी लोग हो गये, दिन तो जैसे तैसे निकल गया पर जब रात हुई तो सोने के लिए जगह कम पड़ गई, दोस्तों गाँव में लाइट का भी बहुत पंगा रहता है इसलिए मेरे नाना जी ने जल्दी से 7 बजे ही सबको खाना खिला दिया था उसके बाद उन्होंने मुझे कहा की तू यहाँ से एक तो अपने दोनों दिल्ली वाले भैया भाभी को ले जाकर और अपनी चाची और मौसी को भी ले जा, ये सब शहर के रहने वाले है इन्हें रात को यहाँ पर नींद नहीं आएगी। इसलिए तू इन्हें खेत वाले घर में ले जा, ये वहां पर बड़े आराम से सो जाएगें और सुबह 8-9 बजे आराम से उठ जाएगें, मैंने कहा ठीक है फिर सबने खाना खा लिया और मैं उन सबको अपने साथ खेत वाले घर में ले गया वहां पर 3 कमरे थे और एक बड़ा होल और एक किचन और बाथरूम था।

दो कमरे में तो मेरे दोनों भैया भाभी सो गये और तीसरे वाले कमरे में मौसी और चाची जी सो गये, मैंने अपना बिस्तर बरामदे में लगा लिया और सोने की तैयारी करने लग गया कुछ ही देर में थकान होने के कारण मुझे नींद आ गई और मैं कब गहरी नींद में चला गया मुझे पता तक नहीं चला। उसके बाद कुछ ही देर बाद मुझे ऐसा लगा की शायद कोई मुझे जगा रहा है मैं उठा तो वो मेरी मौसी थी मैंने पूछा क्या हुआ मौसी कोई दिक्कत है तो उन्होंने मुझे कहा की मैं तेरे पास ही सोऊंगी, क्यूंकि तेरी चाची सोते हुए बहुत आवाज़ कर रही है जिससे मुझे नींद नहीं आ रही है। फिर मैंने मौसी को अपने पास सुला लिया और मौसी मेरे ऊपर अपना हाथ रखकर सो गई, आज पहली बार किसी औरत के इतनी करीब मैं सो रहा था मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया मेरे दिमाग़ में सेक्सी फ़िल्में और सेक्स कहानियां चलने लग गई मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था मेरा लंड मेरा पजामा फाड़ने वाला हो गया था। मैंने सोचा आज तो मौसी की चूत मारनी ही है चाहे कुछ भी हो जाये पर ये सब सोचना बहुत आसान है पर करने में मेरी गांड फट रही थी की मौसी ने अगर मम्मी को बता दिया तो मम्मी तो मुझे घर से ही बाहर निकाल देगी फिर मैं क्या करता, मेरे पूरे जिस्म में करंट सा दौड़ रहा था मेरा लंड मुझे पागल कर रहा था वो मेरी सोचने की शक्ति को कम कर रहा था। आख़िर मैंने फ़ैसला किया की मैं आज मौसी के जिस्म के पूरे मज़े लूँगा आगे जो होगा वो देखा जायेगा।

मैं भी अब मौसी के पास जाकर लेट गया और सोचने लग गया की जो होगा देखा जायेगा, मुझे तो बस अपनी मौसी के जिस्म का लालच था जो की बहुत ही ज़्यादा मस्त था। मैं अपनी प्यारी मौसी के पास जाकर लेट गया और उनको सोते हुए निहारने लग गया, मुझे मौसी को सोते हुए निहारना काफ़ी ज़्यादा अच्छा लग रहा था और लगे भी क्यों ना आख़िरकार मौसी सोती हुई लग ही मस्त रही थी की उनके ऊपर से मेरी नज़र हट ही नहीं रही थी। उनको देख देखकर मेरा मूड भी ख़राब होने लग गया था मेरी मौसी का फिगर बहुत ही कमाल का है और ये सब तो सोते हुए और भी ज़्यादा मस्त लग रहा था मेरा मन कर रहा था की मैं अपनी मौसी को किस तरह चोदू लेकिन डर भी लग रहा था की कहीं कुछ करने पर मौसी को वो सब ग़लत लगा तो मेरा क्या होगा। पहले तो मैं उनको निहारते हुए यही सब सोचने लग गया पर जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने पहल कर ही दी, मैंने धीरे से मौसी की कमर पर हाथ डाला और थोड़ा आगे होकर लेट गया मुझे डर तो लग रहा था पर फिर भी मैं आगे की और बढ़ता चला गया। अब मैं मौसी के काफ़ी करीब हो गया और तब मैंने महसूस किया की मौसी जब सांस ले रही थी तो मौसी के बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे और ये सब मुझे बहुत ही ज़्यादा अच्छा लग रहा था। फिर मैंने खुद को मौसी के और करीब किया और उनका हाथ भी अपनी कमर पर रखकर लेट गया। हम दोनों एक दूसरे के काफ़ी करीब होकर सो रहे थे मुझे तो मौसी को सोते हुए देखने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अब उनके एक पैर पर अपना पैर डालकर फंसा लिया और अपना सिर उनके बूब्स के काफ़ी करीब लगा लिया जिससे जैसे ही वो सांस ले तो उनके बूब्स मेरे मुहँ से जा टकराये और जैसा की मैंने सोचा था ठीक बिल्कुल वैसा ही हो रहा था मुझे इसमें काफ़ी ज़्यादा मज़ा भी आ रहा था अब मेरा लंड भी पागल हो रहा था इसलिए मैंने डरते हुए अपना हाथ अब उनके बूब्स पर ले जाकर रखा पर जैसा मैं अब चाहता था वैसा कुछ भी नहीं हो पा रहा था।

मेरे हाथ रखते ही मौसी की आँख खुल गई और जैसे ही मैंने उन्हें आँख खोलते हुए देखा तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली तब, जब मौसी ने आँखे खोली तो उन्हें लगा की मैं सो रहा हूँ इसलिए अब वो मेरे साथ और ज़ोर से चिपककर सो गई अब जैसा की मैं चाहता था वो खुद ही हो गया था। मैं और मौसी एक दूसरे के काफ़ी करीब होकर सो रहे थे और ऐसा मान लो की हमें एक दूसरे की सांसो तक का पता चल रहा था उधर मेरा लंड भी उनकी जांघो से लग रहा था और उनके जिस्म की गर्मी की वजह से अब मेरे लंड ने अंडरवियर और पजामें में ही अपना दंम तोड़ दिया था लंड से पानी की बरसात होने लग गई थी जिससे मेरा अंडरवियर गीला हो गया था पानी निकलने के बाद मुझे अब काफ़ी ज़्यादा सुकून मिल रहा था और थोड़ी थकावट भी हो रही थी, पर हाँ लेटे हुए मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरी आँख लग गई थी मैं अब पूरे नशे में सो रहा था और मुझे तो नींद भी बहुत मस्त आ रही थी। फिर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ पहले तो मुझे लगा की मैं ये सब सपना देख रहा हूँ पर बाद में मुझे नींद में लगा की ये सपना नहीं हक़ीकत है। मैंने अपनी आँख खोली और देखा की मौसी मेरे पजामें में अपना हाथ डालकर मेरे सोए हुए लंड से खेल रही थी ये देखकर मुझे काफ़ी ज़्यादा अच्छा लग रहा था मैं तब समझ गया की तब मौसी भी तैयार थी पर मैं ही डर गया था चलो कोई बात नहीं, अब तो मौसी भी मेरे साथ ही थी पर फिर भी मैंने थोड़ा नाटक किया और मौसी से कहा की, मौसी ये सब क्या कर रही हो।

मौसी : – चुप कर तू, मुझे क्या पता नहीं है की तू पहले क्या कर रहा था।

मैं :- अच्छा, तो मतलब आप जाग रही थी।

मौसी :- हाँ.

अब मौसी मेरे लंड को ऊपर नीचे कर रही थी और उधर उन्होंने मेरे होंठो पर अपने होठों पर रख दिये जिसके रखते ही मैंने बिना कोई देर किए उन्हें अपने होंठो में भर लिया और चूसने लग गया फिर मैंने मौसी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया जिससे मौसी भी आअहह. आहह. करने लग गई थी। अब मैंने मौसी को कहा की अब देर ना करो तो मौसी बोली जो करना है खुद ही कर लो, यह सुनते ही मैंने बिना कोई देर करते हुए उनकी साड़ी को उतार दिया और पेटीकोट के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लग गया। मौसी भी अब मेरे पजामें को नीचे करके लंड को बाहर निकालकर ऊपर नीचे करने लग गई। मौसी ने अब मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरा लंड उनके पेटीकोट के ऊपर से ही चूत पर लगने लग गया, तब मैं मौसी से बोला की ये ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दो। तो मौसी ने मेरी बात मानते हुए खुद को पूरा नंगा कर दिया पर साथ ही साथ मुझे भी नंगा कर डाला, मौसी के बूब्स अब मेरी आँखो के सामने थे जो की बहुत ही मस्त लग रहे थे। मैंने एक एक करके उनको मुहँ में लेकर बहुत ही मस्त तरीके से चूसा, चूसने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था और दूसरे हाथ से उनके दूसरे बूब्स को दबा रहा था। मौसी के बूब्स के निप्पल अब खड़े हो गये थे जिसको मैं अब होंठो में लेकर चूस रहा था, उधर अब मौसी ने मेरे लंड को मुहँ में लेने का इशारा किया, तो मैंने बिना कोई रोक टोक किए अपना लंड उनके मुहँ में डाल दिया। मैंने अब उनका सिर पकड़ लिया और अपने लंड को उनके मुहँ में ऊपर नीचे करने लग गया वो भी बहुत ही मजेदार तरीके से लंड को चूस रही थी जिससे की मुझे उनका मुहँ चोदने में काफ़ी ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मैं उनका मुहँ बहुत ही मजेदार तरीके से चोद रहा था और फिर करीब 20 मिनट की चुसवाई के बाद मेरा जब निकलने वाला हो गया तो मैंने मौसी को कहा की मेरा निकलने वाला है तब मौसी ने मुझे आँख से ही इशारा करते हुए कहा की मुहँ में ही निकाल दे। यह सुनते ही मैंने मौसी के मुहँ को ज़ोर ज़ोर से चोदा और फिर कुछ ही पल बाद मैंने मौसी के मुहँ में अपना सारा का सारा माल निकाल दिया। जिसे मौसी ने चट कर लिया पर मौसी ने तब मेरे लंड को मुहँ से नहीं निकाला था मुझे तब कुछ समझ नहीं आया की मौसी ने मेरे लंड को मुहँ से क्यों नहीं निकाला, पर बाद में जब मौसी मेरे लंड को जीभ से चाटने लग गई तो मैं सब समझ गया और फिर बाद में मौसी ने मेरे लंड को मुहँ से बाहर निकाल दिया। दोस्तों यह कहानी आप कामलीला डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

मैं भी मज़े में उनकी पीठ को सहला रहा था तब मौसी ने मुझसे कहा की क्यों अपनी मौसी को नहीं चोदेगा क्या? ये सुनते ही मैं भी बोल पड़ा की नहीं मौसी ऐसी बात नहीं है, आपको तो ज़रूर चोदूंगा, फिर मौसी ने कहा अच्छा तो फिर जैसा मैं कहूँगी ठीक वैसा ही तुझे करना पड़ेगा।

मैं :- हाँ मौसी आप बताओ तो सही, मैं आपके दिल की हर एक ख्वाहिश को पूरा करूँगा।

मौसी :- तुम पहले मेरी चूत को चाटोगे।

मैं – हाँ मौसी ज़रूर, पर क्या मौसा जी नहीं चूसते है क्या?

मौसी :- वो तो महीने में एक या दो बार ही मुझे चोदते है और उनका जल्दी ही निकल जाता है और रही बात लंड की तो वो हाथ तक नहीं लगाने देते, चूत को क्या चाटेंगे।

मैं :- अच्छा जी तो ये बात है पर मौसी अब आपकी हर एक ख्वाहिश पूरी होगी।

मौसी मेरी ये बात सुनकर काफ़ी खुश हो गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से सहलाने लग गई उधर मैंने भी अपनी मौसी की चूत पर अपना सिर रख दिया जिसके लगते ही मौसी के मुहँ से आहह निकल गई। मैं ये देखकर समझ गया की मौसी को कितना मज़ा आ रहा है। मैं अब अपनी जीभ से पहले तो उनकी चूत के होंठो को चाटने लग गया जिसको चाटकर मुझे भी बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था, कितनी गरम चूत थी उनकी हाय. उनकी चूत से रस निकल रहा था जिसे मैं जोश ही जोश में चाट रहा था। फिर मैंने अब उनकी चूत के दानें को जीभ से रगड़ा तो उनके मुहँ से उईइ. माँ की आवाज़ें निकलने लग गई तब मैंने मौसी के ऊपर 69 की पोज़िशन बना ली और फिर मैं उनकी चूत में जीभ डाल डालकर चूसने लग गया।

मौसी मेरे लंड को चूसने के साथ साथ आहह आहह की आवाज़ें भी निकाल रही थी और खूब मज़े ले रही थी फिर मौसी बोली की चूत को चूसता ही रहेगा या मारेगा भी, क्यूंकि ये चूत तुम्हारे लंड का मज़ा लेना चाहती है आज। मौसी के मुहँ से ये सब सुनकर मैं पागल हो गया और बिना कोई देर करते हुए मैंने मौसी की चूत पर लंड रख डाला मौसी ने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मैंने एक हल्का सा धक्का दिया पर जैसे ही लंड का सूपड़ा हल्का सा अंदर गया तो मौसी की चींख निकल गई तब मैं थोड़ी देर रुक गया और उनको किस करने लग गया। मैंने अब फिर से लंड को धीरे धीरे से हल्के से अंदर बाहर किया और करता ही चला गया। मौसी के मुहँ से आहह. आहह. की आवाजें निकलने लग गई वो मुझे धक्का देकर पीछे भी हटाने लग गई पर मैंने भी हिम्मत करके चूत को लंड में घुसा ही दिया। वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी की मैंने अपना हाथ उनके मुहँ पर रख दिया और फिर हल्के हल्के धक्के देकर मौसी को मज़ा देने लगा और फिर मौसी भी मेरा साथ देने लग गई मैं साथ ही साथ उनके बूब्स भी दबाने लग गया और चोदता भी चला गया। करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लग गया तब मौसी को मैंने कहा तो मौसी बोली की मेरा भी निकलने वाला है इसलिए अपना सारा पानी अंदर ही निकाल दे। ये सुनते ही मैंने लंड का सारा पानी अंदर ही निकाल दिया और उधर से उनका भी पानी निकल गया और फिर हमनें एक दूसरे को किस करी। हम दोनों पसीने में भीग गये थे इसलिए मैं साइड में होकर लेट गया और हम एक दूसरे की बाँहों में लिपटकर सो गये।