छैल छबीली-1
छैल छबीली-1 “सुनो भाई, कोई कमरा मिलेगा?” “वो सामने पूछो!” मैंने उस हवेली को घूम कर देखा और उसकी ओर बढ़ गया. वहाँ एक लड़की सलवार-कुर्ते में अपने गीले बालों बिखेरे हुये शायद तुलसी की पूजा कर रही थी. मुझे देख कर वो ठिठक गई- कूण चावे, कूण हो? “जी, कमरा किराये पर चाहिये था.” … Read more