पापा के बॉस को अपनी जवानी दिखा कर उनका लंड अपनी गीली चुत में ली

papa ke boss se chudai ki मेरा नाम सारिका हे और मैं अपनी चुदाई की रियल कहानी आप लोगों के साथ शेयर करने के लिए आज आई हूँ. मैं 21 साल की हूँ और मेरा फिगर कुछ ऐसा हे, बूब्स ३८ इंच के, कमर २८ इंच की और गांड ३८ इंच की हे. मेरी हाईट ५ फिट ५ इंच हे और मैं रंग में एकदम गोरी हूँ. इतना तो कह सकती हूँ की जो एक बार मुझे देख ले और उसके लंड में अकड ना आये तो उसकी मर्दानगी पर डाउट हे मुझे. मैं अपने पापा के साथ सेक्स कर चुकी हूँ! जी हां मेरे डेड संजीव मेरे पापा कम बॉयफ्रेंड हे. उन्होंने माँ के मरने के बाद मेरे साथ सेक्स चालू कर दिया था कुछ महीनो में ही. और उन्होंने ही अपने लंड से मेरी चूत का सिल खोला था.

कुछ दिन पहले ही पापा को उनकी कम्पनीवालो ने दो महीने की ट्रेनिंग के लिए शहर से बहार भेज दिया. और मैं ऐसे में अपने घर पर एकदम अकेली ही रहती थी. संजीव के जाने के बाद मुझे चुदाई का बहुत मन करता था. पर कोई रास्ता नहीं था. मैं और संजीव रात को वीडियो कॉल पर नंगे हो के बातें करते थे और अपनेआप चूत में ऊँगली करती थी मैं. पर एक बार जिस बुर ने लंड खा लिया फिर उसकी भूख ऊँगली से दूर नहीं होती हे. एक दिन संजू का कॉल आया की उन्के बॉस एक हफ्ते के लिए हमारे शहर आ रहे हे. और संजीव ने हमारे घर पर ही उन्हें रहने के लिए भी कहा था. पापा के बॉस का नाम नील सक्सेना हे और वो उम्र में करीब ४५ साल के थे. पर इस उम्र में भी काफी हेंडसम थे नील सर. वो हमारे घर आ गए और उनसे बातें की और डिनर कर के हम अपने अपने रूम में सो गए.

दुसरे दिन रात को फोन सेक्स ख़तम कर के मैं पानी पिने अपने रूम से निकली. मैंने देखा की नील सर के कमरे की खिड़की खुली हुई थी. और वो अपना बड़ा लंड बहार निकाल के उसे हिला रहे थे. वो जोर जोर से मुठी में अपने लौड़े को हिला के वीर्य निकालने की कोशिश में थे. तब मैंने सोचा की एक ही घर में हम दोनों सेक्स के लिए प्यासे हे. वो चूत के लिए और मैं लंड के लिए. तो क्यूँ ना नील सर से ही अपनी चूत की चुदाई करवा ली जाए! और घर में हम दोनों अकेले ही थे इसलिए कोई रोक टोक का टेंशन भी नहीं था. मैं चाहती थी की नील मेरा फिगर देख के खुद मुझे चोदे!

मैंने मन ही मन सोचा की मैं नील को अपने सेक्सी बदन का दीवाना बना दूंगी और उसे मुझे चोदना ही पड़ेगा. दुसरे दिन सुबह मैं उठी तो नील सर अभी सोये थे. मैंने काम में लग गई अपनी चुदाई के मिशन पर ही! मैं और इंतजार नहीं करना चाहती थी लंड के लिए. वैसे भी नील का खुबसुरत और मजबूत लोडा देख के मेरी चूत अभीतक पानी छोड़ रही थी. मैं नाहा धो के रेडी हो गई. आज से मैंने ब्रा और पेंटी को पहनना छोड़ दिया ताकि मेरे हिलते हुए बूब्स और मटकती हुई गांड को नील सर बखूबी देख सके. और उनका लंड तडप उठे. मैंने निकल के लिए चाय बने और उनको देने के लिए कमरे में चली गई. साथ में ट्रे में मैंने उनके लिए ऑमलेट भी ले ली थी. नील ने मुझे देखा. मैंने जानबूझ के पूरा झुक के ट्रे को निचे रखा. मैंने देखा की नील सर मेरे बूब्स की गली में अपनी नजरें गडाए हुए थे. मैं ऊपर उठी और अपनी ढीली कमीज को ठीक किया. मैंने उन्हें बताना चाहती थी की उन्होंने मेरे बूब्स देखे वो मुझे पता था. नील ने आगे कुछ नहीं किया.

ये मेरी पहली कोशिश थी. रात के लिए मैंने सोचा की बूब्स की और एक झलक उसे दिखाउंगी और लंड को तडपा दूंगी. एक चुदाई का भूखा आदमी कब तक मुझ जैसी हसीन परी को अनदेखा कर सकता हे. रात को नील के आने का टाइम हो गया. मैंने सब काम कर लिया था.

नील के आते ही मैं नहाने के लिए चली गई और वो फ्रेश होकर टेबल पर बैठ गए. मैंने आके बोला मैं खाना लगा देती हूँ. मैं खाना ले के आई तो नील मुझे घुर घुर के देख रहे थे, क्यूंकि मेरे बाल गिले और खिले हुए थे और मैंने सफ़ेद टी-शर्ट पहनी थी और उसके अन्दर से मेरे कडक निपल्स एकदम साफ़ बहार नजर आ रहे थे. मैंने उनको खाना दिया और हम दोनों चुपचाप खाने लगे. नील की नजर बार बार चोरी से मेरे बूब्स के ऊपर आ रही थी. और उसे देख के मैं मन ही मन मुस्का रही थी की बूब्स का चारा खा रही हे मछली!
मैंने सोचा की लाओ उन्के लंड का जायजा ले लूँ. चमच जानबूझ के निचे फेंक उसे उठाने के बहाने मैंने टेबल के निचे से उन्के लंड को देखा. वो कडक हो गया था और तम्बू बना लिया था पेंट को उसने. आखिर मेरा तीर निशाने पर जा लगा था. डिनर के बाद हम दोनों अपने रूम में सोने के लिए चले गए. मुझे अब सिर्फ एकाद बार ही कोशिश करनी थी नील का खुबसुरत लंड लेने के लिए वो मैं जानती थी. संडे का दिन था और मैंने जानबूझ के कामवाली को छुट्टी दे दी थी. और मैंने सोचा था की आज तो कैसे भी कर के नील की अन्तर्वासना को भड़का के उसका लंड ले के ही रहूंगी. मैंने बड़े गलेवाली नाइटी पहन ली और झाड़ू लगाने लगी. आगे के रूम से चली और नील के सामने जानबूझ के अपने बूब्स फ्लेश करने लगी. नील का लंड तडप रहा था वो मुझे पता था. बस आज मुझे एक आखरी कोशिश करनी थी उसके लंड को लेने के लिए. आज नील में सच्ची मर्दानगी होगी तो वो मेरी चूत में जरुर अपने लंड को गाड़ देगा वो मैं जानती थी.

मैंने अपने फोन के ऊपर फेक कॉल वाला रिमाइंडर लगा दिया और नील जहाँ पर बैठा था वहां पर फोन को छोड़ के नहाने चली गई. मैं अपने कपडे उतार के नहाने लगी और ४ ५ मिनिट में ही मेरे मोबाइल के ऊपर फेक कॉल आ गया. नील को पता नहीं था की मैं नाहा रही हूँ. मैंने रूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया था और अपने कमरे के इस बाथरूम में बिलकुल न्यूड खड़ी हुई नाहा रही थी. जब नील कमरे में मोबाइल ले के आया तो कमरे का नजारा उसको पागल करनेवाला था. रूम के दरवाजे के सामने ही बाथरूम था और वो खुला हुआ था. मैंने नील को देखा को वो यहाँ हे, पर मैं ऐसे ही नाहा रही थी जैसे मैंने कुछ भी देखा ही नहीं हे. मैं अपने बालों को हिला हिला के धो रही थी. अपने बूब्स के ऊपर भी मैंने झाग कर लिया था और मैं अपने निपल्स को मसल रही थी और गुनगुना रही थी.

और फिर मैंने अपनी चूत के ऊपर साबुन लगा के झाग किया. और अपनी गांड को नील की तरफ कर के कूल्हों के ऊपर साबुन रगड़ने लगी. मैंने साबुन को चूत और गांड के बिच में घिसा और नील को देखा तिरछी नजरों से तो उसकी हालत एकदम खराब हुई थी. नील की आँखे मुझे चोद रही थी. मैं फिर तोवेल पहन के बहार आ गई. नील थोडा पीछे हो गया जिस से मै उसे देख ना पाऊं! मैंने तोवेल को बदन लौन्छ के निचे गिरादिया और नंगी ही बेड के ऊपर लेट गई. मैने जानबूझ के अपनी चूत को दरवाजे वाली साइड पर रखी थी. ताकि नील मेरी चूत को देख सके. मैंने जानती थी की वो दरवाजे के पास ही छिपा अन्दर का न्यूड शो देख रहा था. मैंने धीरे धीरे बूब्स के साथ खेलना चालू कर दिया और अपनी निपल्स को मसलने लगी.

मेरी दोनों निपल्स उत्तेजना की वजह से एकदम खड़ी हो गई थी और मैं जोर जोर से अपने बूब्स को दबाने लगी. मेरे बे बूब्स और निपल्स को जोर जोर से मसल रही थी और साथ में मोअन भी कर रही थी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह ईई ऐईईइ ! थोड़ी देर बाद मैंने अपनी चूत को खोल के नील को अन्दर का नज़ारा दिखाया. मेरी गुलाबी चूत देखकर उनका भी अब पागल के जैसा खड़ा हो गया. मैंने एक ऊँगली चूत के ऊपर रख के मसलने लगी और अपने चूत के दाने को जोर जोर से मसल रही थी, साथ में मोअन भी चालु थी, अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह कर रही थी मैं.

अब नील के लिए बहुत हो गया. वो फट से बहार आये और बोले, क्या कर रही हो तुम?

मैं शर्माने लगी और एक्टिंग करते हुए मैंने अपनी चूत को हाथ से ढंक लिया. वो मेरे पास आके बोले, मैं घर में ही तो था मुझे बोल देती मैं इस प्यासी पुसी को शांत कर देता.

मैंने कहा, सोरी प्लीज़ डेड को मत बोलना कुछ भी.

वो बोला, अब तो उसके लिए मुझे खुश करना पड़ेगा तुझे.

और ये कह के उसने अपनी जिप को खोला और लंड को सीधे मेरे मुहं में भर दिया. और उसके हाथ मेरे बूब्स के ऊपर आ गए. वो मेरे दोनों बूब्स को मसलते हुए जोर जोर से दबाने लगा. मैंने भी लंड को टट्टे तक मुहं ले लिया और चूसने लगी. नील ने चूत पर से मेरा हाथ हटा के अपना हाथ वहां पर रख दिया. वो मेरी चूत को जोर जोर से हिला रहा था. और मैं उसके लंड को लोलीपोप बना के चूस रही थी. हम दोनों आलरेडी बहुत ही गरम थे. इसलिए वो फट से मेरे ऊपर आ गया. अपना लंड उसने मेरी चूत पर लगा दिया और एक धक्का लगा दिया. मेरी गीली चूत के अन्दर उसका बड़ा लंड आरपार हो गया. वो मुझे बालों से पकड के जंगली की तरह चोदने लगा. और बोला, साली कितने दिनों से बूब्स और गांड हिला के पागल कर रही थी. आज मैं तेरी चूत को फाड़ डालूँगा.

और उसकी चुदाई सच में ऐसी ही थी की किसी नार्मल लड़की की चूत फाड़ दे. पर मेरी बात और थी. मैं तो अपने पाप की लाडली चुदक्कड बेटी थी. पापा के बड़े लंड से चुदवा चुदवा के मेरी चूत में इतनी शक्ति आ गई थी की १२ इंच का लंड भी ले लूँ.

नील थक गया कुछ देर में. मैंने उसके लंड पर चूत को मस्त जकड़ ली थी.

फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया. और पीछे से मेरी चूत को चोदने लगा. वो हांफ रहा था. और अपनी शक्ति दिखाने के लिए मेरी गांड पर जोर जोर से मार रहा था.

मैं भी गांड को हवा में हिला हिला के मस्ती से उसके लंड को डीप ले रही थी. नील का लंड कम से कम 9 इंच का तो था. वो अन्दर मेरी बच्चेदानी से टकरा जाता था तो एक अलग ही फिलिंग मिलती थी मुझे. और उस वक्त मैं और भी जोर से अपनी गांड हिला के चुद्वाती थी. नील ने मुझे पुरे ३० मिनिट तक खूब चोदा. पहले मिशनरी, फिर डौगी और फिर मैं उसकी गोदी पर चढ़ के उसका लंड ले रही थी. फिर उसकी छुट हो गई और उसका २० मिली जितना कम मेरी पुसी में निकल पड़ा. हम दोनों शांत हो गये और निढाल हो के बिस्तर में लेट गए. नील ने बातें करते हुए मेरी गांड में ऊँगली डाली और बोला, जान इसमें भी डाल लेने दो मुझे. (और उसके साथ एनाल सेक्स की कहानी भी हे मेरी, लेकिन वो बाद में लिखूंगी!)