पति से चुदाई तो देवर गान्ड चोदा : भाग-४

डियर फ्रेंडस,
कभी किसी शादीशुदा लड़की को गैरों के साथ बिस्तर गरम करने की आदत लग जाए तो समझो वो इधर उधर मुंह मारते ही फिरेगी और मैं दीपा पहले तो अपने छोटे भाई राहुल संग सेक्स का आनंद ली फिर शादी हुई तो पति मुझे मजा दिया करते हैं फिर भी देवर जी के साथ हमबिस्तर हुई और दोनों अब एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने लगे, फिलहाल मैं बेड पर लेटी तो विवेक टॉवेल कमर से लपेट किचन चला गया और एक प्लेट में बटर की टिकिया लेकर आया, मुझे गान्ड में तेल या बटर डालकर चुदाई में महा आता था, वैसे भी गान्ड की छेद तो साली बुर जैसी होती नहीं की गर्म होते ही रज फेंक दे और इसे अप्राकृतिक यौन क्रिया कहते हैं लेकिन पल भर की मस्ती के लिए लड़कियां जब लंड तक चूस लेती है और लड़के बुर तक को चाटता और चूसता है तो फिर गान्ड मरवाने में क्या दिक्कत और अब विवेक बेड पर आया फिर मुझे पट लेटने को बोला, दीपा उल्टा लेट गई तो चूतड का हिस्सा उपर की ओर हो गया और विवेक मेरे कमर के पास बैठ कमर के नीचे एक तकिया डाला, अब चूतड थोड़ा ऊपर हो गया तो विवेक मेरी नग्न गान्ड को चूमने लगा साथ ही मेरे जांघ पर हाथ फेरते हुए मुझे कामुक करने में लगा हुआ था। दीपा कोई चालीस साल की औरत तो थी नहीं की बस टांग फैलाई और चुदाई करवा ली वैसे भी पोर्न मूवी देख तरह तरह के यौन क्रिया करने की इच्छा होती थी, मेरे गान्ड के दरार में विवेक अब बटर रगड़ते हुए पैर सहलाने लगा तो में जांघें फैलाए तकिया पर ही अपनी चूत रगड़ने लगी जबकि घंटा भर पहले ही पति मेरी चूत चोदकर मस्त कर चुका था, अब मेरी गान्ड के दरार फिर छेद पर बटर रगड़ता हुआ विवेक मुझे गान्ड चोदने को आतुर था तो मैं सर पीछे करके देखी ” ज्यादा वक़्त मत लगाओ, कहीं तुम्हारे भैया जग गए तो चोरी पकड़ी जाएगी ” वो चुप रहा और झुककर गान्ड के दरार को कुत्ते की तरह चाटने लगा, उसकी लंबी जीभ गान्ड के दरार से होते हुए गान्ड के छेद तक जा पहुंची और वो उंगली से छेद फैलाकर जीभ से मेरी गान्ड चाटने लगा, थोड़ा जीभ गान्ड में था लेकिन वो तेजी से चाटता हुआ मेरी चूत में एक उंगली डाल कर कुरेदने लगा और मैं सिसकने लगी ” ओह उह आह विवेक अब चोद ना प्लीज दोनों छेद को गर्म मत कर साले
( वो बोला ) क्यों, दोनों छेद तो चोदूंगा ही तब तो तेरी जैसी रण्डी का तन संतुष्ट होगा ” और वो गान्ड से जीभ निकाल उसमें उंगली घुसाए रगड़ने लगा लेकिन थोड़ा बटर अंदर डालकर तो गान्ड में चिकनाहट पैदा होने लगा और कुछ पल बाद वो उंगली को निकाल लिया फिर अपना लंड पकड़े हुए गान्ड में सुपाड़ा घुसाया, गोल मुलायम सुपाड़ा अन्दर जाते ही मजा आने लगा तो वो धीरे धीरे आधा से अधिक लंड अंदर पेल दिया, मुझे लगा कि मेरी गान्ड फट जायेगी लेकिन यही तो लड़कियों की तकदीर है कि बेड पर पति और गैर मर्द के साथ करवाए, मेरे चूतड पर हाथ रख विवेक तेजी से गान्ड में लंड का धक्का मारा और मैं चिंहुक पड़ी ” ओह विवेक तेरा लंड तो लोहे का रॉड लग रहा है
( वो गान्ड चोदने लगा ) हां डार्लिंग आराम से गान्ड मरवा ” और मेरी गान्ड में उसका लंड गपागप अंदर बाहर होने लगा तो में तकिया पर कमर रखे थक सी गई थी फिर अपने आपको कोहनी और घुटनों के बल कर ली तो देवर जी का लंड गान्ड से बाहर आ गया, अब वो मेरी गान्ड के छेद में फिर से बटर डालने लगे तो बटर का छोटा सा टुकड़ा अंदर किए उंगली करता हुआ मेरी गान्ड को चिकना बना रहा था, लेकिन तुरन्त ही विवेक अपना लंड मेरी बुर में डालकर चोदने लगा तो मैं भी चुदासी लड़की की तरह अपने चूतड को हिलाते हुए चुदाई का आनंद लेने लगी, मेरे सीने से लटके स्तन को पकड़ विवेक दबा रहा था तो मैं चूतड को स्प्रिंग की तरह हिला हिलाकर चुदाई का मजा दुनी करने लगी और देवर मेरी चूत को जोर जोर से चोद रहा था तो मैं डॉगी स्टाइल में मस्त थी फिर वो मेरी चूत से लंड निकाल अब गान्ड में अपना लंड घुसाने लगा तो वो अधिक देर तक टिकने वाला नहीं था, पिछले ७-८ मिनट से मेरी चुदाई कर रहा था फिर उसका लंड गान्ड के अंदर जाते ही मैं पीछे देखी और तेजी से अपने चूतड को ही पीछे की ओर धकेल दी तो लंड सर सराता हुआ गान्ड में था और देवर जी मेरे लंबी जुल्फों को कसकर पकड़ दे दनादन गान्ड चोदने लगे साथ ही मुझे घोड़ी की तरह आगे पीछे कर रहे थे तो मैं अपनी कला दिखाने लगी और चूतड को हिलाते हुए गान्ड चुदाई करवा रही थी ” ओह उई विवेक गांड़ में आग लगी हुई है जल्दी से बुझाओ ना
( वो चोदता हुआ हांफने लगा ) हां बेबी बस जल्द ही मेरा लंड झड़ने पर है ” और उसके लंड ने मेरी गान्ड का तार तार ढीला कर दिया तो स्थिर कमर किए गान्ड चुदवा रही थी फिर उनके लंड से गर्म वीर्य गान्ड की आग को बुझा दिया तो मैं उसके लंड को गान्ड में ही पल भर रहने दी फिर आगे होकर लंड निकाल उसे मुंह में लेकर चूसने लगी, वीर्य का स्वाद लेकर बेड पर लेट गई और फ्रेश होकर कपड़ा पहन अपने रूम चली गई, देवर और भाभी का सम्बन्ध जारी रहा।