सास की नफरत से परेशान किराएदार भाभी ने बच्चे के लिए चुदवाया

अब जैसे ही वो ब्रा में आयी तो उसको देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा. अब मैंने जल्दी से उसकी ब्रा को भी उतार दिया और फ़िर मैंने उसकी सलवार और पैंन्टी भी उतार दी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. मैं उसको ऐसे देख रहा था लग रहा था कि मैं इसको खा ही जाऊँगा…

हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब? अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है और मैं उम्मीद करता हूँ कि यह आप सबको जरूर पसंद आयेगी.

दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ और मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ. यह बात करीब एक साल पुरानी है. मेरे घर मैं, मेरे माँ – बाप का इकलौता लड़का हूँ. दोस्तों, मेरा घर काफी बड़ा है और उसमे कुछ किरायेदार भी रहते हैं. उन्हीं के बीच की एक स्टोरी मैं आपको बताने जा रहा हूँ.

हमारे घर पर किराये पर एक फैमिली रहती थी. जिसमें हसबैंड वाइफ और उनकी बूढ़ी माँ थी. हसबैंड का नाम रमेश था और उसकी वाइफ का नाम रीना था. अब आप लोगों का ज्यादा समय न बरबाद करते हुए सीधा स्टोरी पर आते हैं.

रीना की शादी को 4 साल हो गये थे लेकिन अभी तक उसको कोई बच्चा नहीं हुआ था. शुरुआत में तो रीना से मेरी बात नहीं होती थी लेकिन फिर धीरे – धीरे रीना से मेरी बात होने लगी. एक दिन बात ही बात में उसने बताया कि उसको बच्चा नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से उसकी सास उसको बहुत बुरा – भला कहती है.

भाभी के ऊपर हो रहे इस अत्याचार की बात सुन कर मुझे भी बुरा लगा लेकिन मैं कर भी क्या सकता था? एक दिन बातों ही बातों मे मुझे पता लगा कि कमी भाभी में नहीं उसके पति में है जिसकी वजह से वो माँ नहीं बन पा रही हैं.

फिर एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था और मेरे ऑफिस की छुट्टी थी. तब मैं उसके पास गया और बैठ कर उससे बातें करने लगा. बात करते – करते मैंने मजाक में उसको बोल दिया कि भाभी, अगर तुम चाहो तो मैं तुमको माँ बना सकता हूँ.

मेरी बात सुन कर वो एकाएक चुप हो गयी और मुझसे बात करने बन्द कर दिया अब वो मेरे बहुत मनाने पर भी नहीं मान रही रही थी. फ़िर मैं गुस्से में वहां से उठ कर चला गया. इसके बाद कुछ दिन तक मैंने उससे बात नहीं की और न ही उसके पास जाता था.

फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था तब वो मेरे पास आयी और मुझसे पूछने लगी कि क्या हुआ? बात क्यों नहीं करते हो? तो उसके सवाल पर मैं कुछ नहीं बोला और फिर वहाँ से उठ कर जाने लगा. उस टाइम उसने पतला सा सलवार – सूट पहना हुआ था और वो इतनी गौरी थी कि इस ड्रेस में जो भी उसको देखले उसके लंड तुरंत खड़ा हो जाये. अब मैं भी तो इंसान ही हूँ तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया.

अब मैंने उसको जोर से पकड़ लिया और गले से लगा लिया. वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरी पकड़ काफी मजबूत थी और मेरा लंड तो खड़ा ही था जोकि उसकी चूत पर मेहसूस हो रहा था. तभी मैंने उसके बूब्स पकड़ लिये. क्या मस्त दूध थे यार उसके मैं बता ही नहीं सकता!

‘मेरा तो अभी खड़ा ही हो रहा है’ यही सोच कर मैंने देर तक उसके दूध दबाये और फिर उसके बाद मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ लगाया तो मैंने पाया कि उसकी पैंन्टी पूरी तरह से गीली थी. उसकी गीली पैंटी महसूस करके मैं समझ गया कि इसको अब लंड चाहिये.

अब उसकी मुझसे दूर होने की कोशिश भी कम हो गयी थी. फ़िर थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. अब मैंने उसके लिप्स पर किस कर दिया. वाह क्या प्यारे – प्यारे लिप्स थे! उसके बाद फ़िर धीरे – धीरे मैंने उसके कुर्ते को उतार दिया.

अब जैसे ही वो ब्रा में आयी तो उसको देख कर मेरा लंड सलामी देने लगा. अब मैंने जल्दी से उसकी ब्रा को भी उतार दिया और फ़िर मैंने उसकी सलवार और पैंन्टी भी उतार दी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. मैं उसको ऐसे देख रहा था लग रहा था कि मैं इसको खा ही जाऊँगा.

फ़िर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू किया. जिससे उसको सेक्स का बुखार और तेजी से चढ़ता जा रहा था. फ़िर मैंने उसको बेड पर लेटाया और उसकी चूत में उँगली करने लगा. जिससे वो और ज्यादा तड़प उठी. अब वो बोल रही थी, “अब और मत तड़पाओ, अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालो. अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है, जल्दी डालो.”

अब मैंने सोचा कि अभी इसको और तड़पाता हूँ. यही सोच कर फ़िर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर रख कर जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा. जिससे उसकी तड़प और बढ़ गयी थी. अब वो बहुत ज्यादा तड़प रही थी और बोल रही थी, “जल्दी चोदो, मुझसे नहीं रहा जा रहा है. जल्दी चोद डालो मेरी चूत को, बहुत टाइम से इसमें लंड नहीं गया है”.

अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था तो मैंने अपना पैंट खोल कर लंड को बाहर निकला. जिसको देख कर उसकी आँखों में चमक आ गयी थी और वो बोली, “अब जल्दी से अपने प्यारे लंड को मेरी चूत में डालो. अब मुझसे बिलकुल भी नहीं रहा जा रहा है”.

फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर घिसा और धीरे – धीरे उसकी कसी हुई चूत में पूरा लंड डाल दिया. लंड के अंदर जाते ही वो बुरी तरह से तड़प उठी. फ़िर मैंने धीरे – धीरे लंड अंदर – बाहर करना शुरू किया. कुछ देर बाद उसको भी मजा आने लगा.

अब वो भी अपनी गांड उठा – उठा कर मेरा साथ देने लगी थी. कुछ देर तक उसको चोदने के बाद फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत मे लंड डाला तो उसकी चूत और टाइट लग रही थी. फ़िर मैंने चुदाई करना शुरू कर दिया.

कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. तब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब मैंने अपना पूरा का पूरा लावा उसकी चूत में भर दिया.

उसके बाद फिर हमने कपड़े पहने और जाते टाइम उसने मुझे गाल पर किस किया और थैंक्स बोली और फिर थोड़ा रुक कर बोली, “यार, जितना मज़ा मुझे आज आया है उतना मजा तो कभी नहीं आया”. उसके बाद फिर वो अपने रूम पर चली गई.

अब जब भी हमें मौका मिलता हम चुदाई करते थे. फिर 10 महीने के बाद उसको सुंदर सा लड़का हुआ. फिर बाद में वो किसी दूसरे शहर चली गयी और अब मैं बिलकुल अकेला हूँ.

तो दोस्तों, आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी?